केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल बैठक: विहिप चाहे समान नागरिक संहिता और सरकारी कब्जे से मठ – मंदिरों की मुक्ति
4 RESOLUTION PASSED IN VISHWA HINDU PARISHAD MEETING IN HARIDWAR
VHP केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक संपन्न, समान नागरिक कानून सहित 4 प्रस्ताव पारित
हरिद्वार में दो दिनों तक चलने वाले विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक का समापन हो गया. इस बैठक में देशभर से आए साधु संतों ने ज्वलंत मुद्दों पर अपनी राय रखी. वहीं, बैठक में धर्मांतरण, समान नागरिक कानून सहित 4 प्रस्ताव पारित हुए.
हरिद्वार: विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की दो दिवसीय बैठक का आज दूसरा दिन रहा. विहिप के पदाधिकारी और देश भर से आए साधु संत बैठक में मौजूद रहे. इस दौरान साधु-संतों ने देश के कई ज्वलंत मुद्दों पर अपनी बात रखी. बैठक में धर्मांतरण, समान नागरिक कानून, और मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से बाहर किए जाने जैसे चार बिंदुओं पर प्रस्ताव पास किया गया.
बैठक की समाप्ति के बाद विश्व हिंदू परिषद की ओर पत्रकार वार्ता की गई. जिसमें विश्व हिंदू परिषद के महामंत्री मिलिंद परांडे ने बताया कि बैठक में सर्वसम्मति से चार विषयों को महत्वपूर्ण मानते हुए प्रस्ताव पारित किए गए है.
1.कुटुंब प्रबोधन के माध्यम से समाज में पारिवारिक आत्मा एवं देश के प्रति जिम्मेदारी का भाव जागृत करने के उद्देश्य से कार्य करने की आवश्यकता है.
2. देश में निर्बाध चल रहे अवैध धर्मांतरण पर तत्काल रोक लगाने के लिए कठोर कानून बनना चाहिए.
3. देश में समान नागरिक कानून को व्यापक विचार विमर्श के पश्चात सर्वसम्मति के आधार पर कानून लागू करना चाहिए.
4- देश के सभी मठ मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से बाहर किया जाए.
वहीं, नूपुर शर्मा के विवाद बयान पर मिलिंद परांडे ने कहा आज चीन पर हमले और पाकिस्तान पर हमले की कोई बात नहीं कर रहा है. कुछ लोग देश का माहौल खराब करना चाहते हैं, लेकिन उनके मंसूबे पूरे नहीं हो पाएंगे. उत्तर प्रदेश में जुमे की नमाज के बाद हुए हंगामे पर उन्होंने कहा किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है. जो लोग दंगे में शामिल हैं, उनका दमन जरूरी है.
इसके साथ ही ज्ञानवापी, मथुरा और काशी पर उन्होंने कहा तीनों ही स्थान हिंदुओं के स्थान हैं. यह स्थान उनको मिलने चाहिए. उन्हें पूरा भरोसा है कि कोर्ट के माध्यम से हिंदुओं को उनका हक जरूर मिलेगा. कश्मीर में हिंदुओं को कश्मीर में दोबारा बसने के लिए जिहादी रोकने का प्रयास कर रहे हैं. ऐसा करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए. कश्मीर में अभी भी 200 से ज्यादा आतंकी सक्रिय हैं. उन पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जानी चाहिए.
इससे पहले कल विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय मार्ग दर्शक मंडल के दो दिवसीय अधिवेशन के पहले दिन धर्मांतरण से लेकर ज्ञानवापी, हिंसा और युवाओं के पलायन का मुद्दा छाया रहा। इस दौरान संतों ने परिवारों को भी एकजुट करने की बातों पर विचार विमर्श किया। अधिवेशन में पूरे देश के संत मौजूद रहे। अधिवेशन में कुटुंबजन और मठ मंदिरों पर भी चर्चा की गई।
उत्तरी हरिद्वार के भूपतवाला में स्थित निष्काम सेवा भवन में शनिवार को विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल का दो दिवसीय अधिवेशन शुरू हुआ। अधिवेशन की अध्यक्षता जगद्गुरु माधवाचार्य स्वामी विश्व प्रसन्न तीर्थ और संचालन केंद्रीय मंत्री अशोक तिवारी ने किया। अधिवेशन में विहिप के महामंत्री मिलिंद परांडे ने विहिप की वर्ष भर की गतिविधियों और उपलब्धियों को उपस्थित धर्माचार्यों के समक्ष रखा।
जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा कि धर्मांतरण से व्यक्ति अपनी मूल प्रकृति, संवेदनाओं, सत्ता व स्वभाव से विरक्त हो जाता है। इसलिए किसी की भी संवेदनाओं व भावनाओं को आहत नहीं करना चाहिए।
परमार्थ आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि ने कहा कि काफी दिनों से कई विषय चल रहे हैं। इसमें धर्मांतरण अपने आप में एक विवाद का विषय है। धर्मांतरण नहीं होना चाहिए। सबकी अपनी-अपनी आस्था है और अपना-अपना विषय है। लालच के बल पर तो धर्मांतरण बिल्कुल नहीं होना चाहिए। उन्होंने उत्तर प्रदेश में जुम्मे की नमाज वाले दिन हुई हिंसा पर चिंता व्यक्त की और कहा कि जुम्मे की नमाज जिम्मेदारी की नमाज होती है, नमाज में पत्थरबाजी गलत है। लोगों को संविधान का पालन करना चाहिए। शरीयत के साथ साथ शराफत का पालन भी करना चाहिए।
हरि सेवा आश्रम के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद ने कहा कि आज परिवारों में संस्कारों की कमी आ रही है। इसलिए सबको मिलकर शिक्षा के साथ संस्कारों को भी जोड़ना होगा। उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी धरोहर है। इसलिए इसे सहर्ष वापस करना चाहिए। केरल से आए स्वामी शक्ति शांतानंद सहित धर्माचार्यों ने, समान नागरिक संहिता, धर्मांतरण के विरोध में सख्त कानून बनाने की मांग की साथ ही हिंदू मठ मंदिरों को वापस करने की सरकार से मांग की।
निरंजन पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने कहा कि जुम्मे की नमाज के बाद की घटना से देश के इमामों को सबक लेना चाहिए। देश में अराजकता नहीं चलेगी। भारत में मुसलमान सबसे अधिक सुरक्षित हैं।
इस दौरान निर्मल पीठाधीश्वर श्रीमहंत ज्ञान देव सिंह, निरंजन पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि, युग पुरुष स्वामी परमानंद, श्रीमहंत रविंद्रपुरी, महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद, महामंडलेश्वर स्वामी जनार्दन हरी, स्वामी ललिता नंद, महंत राम कृष्ण दास, महामंडलेश्वर स्वामी जितेंद्र दास कानपुर, स्वामी निजानंद गुजरात, स्वामी दिव्यानंद झारखंड, स्वामी रामदास हिमाचल, स्वामी आत्मानंद पुरी गुजरात, स्वामी चिदंबरा नंद, साध्वी प्राची, विश्व हिंदू परिषद के संरक्षक दिनेश चंद्र , उपाध्यक्ष ओमप्रकाश सिंगल, उपाध्यक्ष चंपत राय, महामंत्री विनायक राव देशपांडे, महामंत्री मिलिंद परांडे, संगठन महामंत्री धर्म नारायण, कार्यकारिणी सदस्य राजेंद्र सिंह पंकज, संगठन मंत्री अशोक तिवारी समेत अन्य लोग मौजूद रहे।