सुरंग दुर्घटनास्थल पर केंद्र-राज्य ने झौंकी पूरी ताकत, हेल्पलाइन नं. जारी,जांच भी शुरू
देहरादून/उत्तरकाशी 14 नवंबर। जनपद उत्तरकाशी के यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरासू एवं बड़कोट के मध्य सिल्क्यारा के समीप निर्माणाधीन लगभग 4531 मीटर लम्बी सुरंग जिसका कि सिल्क्यारा की तरफ से 2340 मीटर तथा बड़कोट की तरफ से 1600 मीटर निर्माण हो चुका है,में 12 नवम्बर, 2023 की प्रातः 8:45 पर सिल्क्यारा की तरफ से लगभग 270 मीटर अन्दर लगभग 30 मीटर क्षेत्र में ऊपर से मलबा सुरंग में गिरने के कारण 40 व्यक्ति फँस गये थे। कार्यदायी संस्था एनएच.आई.डी. सी.एल. की उपलब्ध करायी सूचना के अनुसार फँसे हुये व्यक्तियों में से 2 उत्तराखण्ड,1 हिमाचल,4 बिहार,3 पश्चिम बंगाल,8 उत्तर प्रदेश,5 उड़ीसा,15 झारखण्ड एवं 02 असम के हैं।
सुरंग में कम्प्रेशर से निरन्तरता में ऑक्सीजन प्रवाहित की जा रही है और दबावयुक्त हवा के साथ भोजन सामग्री के छोटे-छोटे पैकेट भी फंसे हुये व्यक्तियों तक पहुँचाये जा रहे हैं। फँसे हुये व्यक्तियों के साथ वॉकी-टॉकी से बातचीत की जा रही है और प्राप्त सूचना के अनुसार सभी व्यक्ति सुरक्षित हैं।
सम्बन्धित विशेषज्ञों से विचार-विमर्श कर एन.एच.ए.आई., आर.बी.एन.एल.,एन.एच.सी.एल.,एल एण्ड टी,टी.एच. डी.सी.,बी.आर.ओ.एवं एन.एच.आई.डी.सी.एल. के स्तर से उपलब्ध करवाये गये तकनीकी एवं अन्य उपकरणों व संसाधनों से सुरंग के अन्दर आये मलबे को युद्धस्तर पर हटाया जा रहा है तथा साथ-साथ सुरंग की दीवार पर शॉर्ट क्रीटिंग का कार्य भी हो रहा है। इसके साथ ही उपस्थित विशेषज्ञों के परामर्श पर फँसे हुये मजदूरों तक पहुँचने को मलबा हटाकर सेटरिंग प्लेट लगा कर उन्हें निकालने को सुरक्षित मार्ग (ESCAPE PASSAGE) तैयार किये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं,परन्तु सुरंग के ऊपरी भाग से आ रहे मलबे से इस कार्य में बाधा पहुँच रही है।
फँसे हुये व्यक्तियों को सुरक्षित निकालने को विशेषज्ञों ने 900 मिली मीटर के MS Steel Pipe मलबे के आर-पार स्थापित करने का परामर्श दिया है। वांछित संख्या में MS Steel Pipe दुर्घटनास्थल पर पहुंचाये गये हैं, जिन्हें सुरंग में स्थापित किया जा रहा है और साथ ही MS Steel Pipes की स्थापना हेतु सिंचाई विभाग के 05 विशेषज्ञ अभियन्ताओं के दल भी देहरादून से दुर्घटनास्थल पर पहुंच गया है।
आर.बी.एन.एल.की भेजी आर०ओ०सी० मशीन दुर्घटनास्थल पहुंच चुकी है।
दुर्घटनास्थल पर स्टेजिंग एरिया बनाया गया है,जहाँ वर्टिकल ड्रिल मशीन,हॉरिजेण्टल ड्रिल मशीन व शॉर्टक्रीट मशीन उपलब्ध हैं,साथ ही सुरंग के बाहर 3 पोकलैण्ड,2 जेसीबी,6 ट्रक, 1 हाईड्रा,2 लोडर तैनात हैं तथा सुरंग में 4 पोकलैण्ड,3 शॉर्टक्रीटिंग मशीन 2 बूमर,2 हाईड्रा व 2 ट्रक कार्य कर रहे हैं।
खोज-बचाव कार्यों हेतु पुलिस,एन.डी.आर.एफ.,एस.डी. आर.एफ.,आई.टी.बी.पी.,सीमा सड़क संगठन,स्वास्थ्य विभाग व त्वरित कार्यवाही दल के सदस्यों सहित कुल 160 राहतकर्मी घटनास्थल पर तत्पर हैं।
त्वरित कार्यवाही के दृष्टिगत घटनास्थल से 05 किलोमीटर की दूरी पर स्थापना के पास अस्थायी हेलीपेड निर्मित किया गया है तथा चिन्यालीसौड़ हैलीपेड भी राहत कार्यों हेतु चिह्नित है।
सुरंग में फँसे हुये व्यक्तियों के परिजनों की सुविधा तथा उनकी आशंकाओं के निवारण एवं उन्हें स्थिति की सही जानकारी उपलब्ध करवाने को जनपद प्रशासन ने इस घटना विशेष के लिये हेल्पलाइन ( 01374-222722, 222126, 7500337269 जनपद आपातकालीन परिचालन केन्द्र व 7455991223, 7818066867- सिल्क्यारा में स्थापित स्थलीय परिचालन केन्द्र) की व्यवस्था की है।
सुरंग से फंसे व्यक्तियों को सुरक्षित निकालने पर उन्हें तत्काल चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध करवाने को स्वास्थ्य विभाग की टीमें, विशेषज्ञ व उचित औषधि उपकरण,एम्बुलेंस टनल गेट पर तत्पर हैं। किसी भी विपरीत परिस्थिति में कार्यवाही हेतु निकटवर्ती जनपदों के चिकित्सालयों के साथ ही एम्स ऋषिकेश हाई एलर्ट पर है तथा ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति हेतु पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन सिलेण्डरों का भण्डारण किया गया है।
जिलाधिकारी उत्तरकाशी मुख्य विकास अधिकारी,पुलिस अधीक्षक,अपर जिलाधिकारी,उपजिलाधिकारी,डुण्डा/बडकोट. एन.एच.आई.डी.सी.एल. के मुख्य प्रबन्धक एवं राजस्व टीम दुर्घटनास्थल पर है।
इस घटना के कारणों की जाँच एवं तद् संबंधित आख्या तैयार कर उपलब्ध करवाने को निदेशक,उत्तराखण्ड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केन्द्र की अध्यक्षता में गठित तकनीकी समिति जिसमें वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान,भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान,केन्द्रीय भवन अनुसंधान संस्थान,भारतीय भूगर्भ सर्वेक्षण विभाग,भूगर्भ एवं खनिकर्म इकाई तथा राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के विशेषज्ञ दुर्घटनास्थल का निरीक्षण कर रहे हैं।
विशेषज्ञ जांच समिति भी पहुंची
शासन ने सिलक्यारा सुरंग में हुए भूस्खलन के अध्ययन एवं कारणों की जांच को निदेशक उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र के संयोजन में गठित समिति में शामिल विशेषज्ञों ने भी स्थल का निरीक्षण कर जांच कार्रवाई शुरू कर दी है। जांच समिति में शामिल विशेषज्ञों का यह दल गत दिवस ही घटनास्थल पहुँच गया था। दल सुरंग एवं इसके ऊपर की पहाड़ी का सर्वेक्षण कर रहा है। विशेषज्ञों के इस दल यूएसडीएमए देहरादून के निदेशक डॉक्टर शांतनु सरकार, वाडिया इंस्टिट्यूट ऑफ हिमालय जियोलॉजी के वैज्ञानिक डॉक्टर खइंग शिंग ल्युरई, जीएस आई के वैज्ञानिक सुनील कुमार यादव,वरिष्ठ वैज्ञानिक सीबीआरआई रुड़की कौशिल पंडित, उप निदेशक भूतत्व एवं खनिजकर्म विभाग जी.डी प्रसाद और भूवैज्ञानिक यूएसडीएमए देहरादून तनड्रिला सरकार शामिल हैं।
[