कांग्रेसी एजेंडा फेल:पाक पालित निताशा कौल वापस भेजी इंग्लैंड
UK की भारतवंशी प्रोफेसर नाराज़- बेंगलुरु में एंट्री रोकी:कर्नाटक सरकार ने बुलाया था; भाजपा बोली- पाकिस्तान के समर्थकों को बुलाना संविधान का अपमान
बेंगलुरु 27 फरवरी 2024। UK की भारतीय मूल की प्रोफेसर निताशा कौल को शिकायत है कि उन्हें बेंगलुरु एयरपोर्ट पर लैंड करते ही वापस भेज दिया गया। निताशा कर्नाटक सरकार के न्योते पर एक कार्यक्रम को बेंगलुरु आई थीं।
कश्मीरी पंडित निताशा लंदन बेस्ड एकेडमीशियन हैं। उन्होंने अपने सोशल मीडिया (X) अकाउंट पर संबंधित डॉक्यूमेंट्स शेयर कर प्रलाप किया था ।
निताशा का दावा है कि बेंगलुरु एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन अफसरों ने वापस जाने को कोई कारण नहीं बताया। यही नहीं, वापस लौटाने को निताशा को न तो नोटिस और न ही किसी तरह की कोई पूर्व जानकारी दी गई।
वहीं, कर्नाटक भाजपा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा कि पाकिस्तान से सहानुभूति रखने वाले को हम यहां आने नहीं दे सकते। ये संविधान का अपमान है।
प्रोफेसर का सीधा आरोप- केंद्र सरकार ने एंट्री रोकी
प्रोफेसर निताशा ने X पर सारे डॉक्यूमेंट शेयर किए हैं। उनका कहना है- मुझे कार्यक्रम में लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों पर बोलना था। कर्नाटक सरकार ने बाकायदा इनवाइट किया था, लेकिन केंद्र सरकार ने एंट्री देने से मना कर दिया। मेरे सारे डॉक्यूमेंट (UK पासपोर्ट और ओवरसीज सिटिजनशिप ऑफ इंडिया, OCI) वैध हैं।
निताशा के मुताबिक, अफसरों ने मुझे शामिल नहीं होने देने को कोई कारण नहीं बताया। सिर्फ इतना ही कहा कि हम कुछ नहीं कर सकते, दिल्ली से ऑर्डर है। मेरा ट्रैवल-लॉजिस्टिक्स कर्नाटक सरकार ने ही अरेंज किया था। उनकी तरफ से बाकायदा ऑफिशियल लेटर था। मुझे प्रोग्राम में एंट्री नहीं दी जाएगी, ऐसा दिल्ली (केंद्र सरकार) की तरफ से कोई जानकारी नहीं दी गई थी।
भाजपा ने लिखा- सिक्योरिटी एजेंसियों ने एंटी-नेशनल एलिमेंट रोकी
कर्नाटक भाजपा ने X अकाउंट पर लिखा- पाकिस्तान से सहानुभूति रखने वालों को कार्यक्रम में बुलाकर कांग्रेस भारतीय संविधान को अपमानित कर रही है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, क्या आपको शर्म नहीं? क्या आप भारत की एकता-अखंडता को चुनौती देते हैं? कांग्रेस अपने विभाजनकारी एजेंडा पूरा करने को कर्नाटक को लेबोरेटरी की तरह इस्तेमाल कर रही है।
सिद्धारमैया सरकार कर्नाटक के टैक्स पेयर्स का पैसा टेररिस्ट-सिम्पेथाइजर्स, अर्बन नक्सल, एंटी-नेशनल्स को देती है। हम सिक्योरिटी एजेंसियों को धन्यवाद देते हैं कि एक एंटी-नेशनल एलिमेंट को भारत में घुसने से रोका गया।
भारत विरोध में जारी किया गया था लुकआउट सर्कुलर
भारत विरोधी वामपंथी ब्रिटिश प्रोफ़ेसर निताशा कौल को एक प्रिवेंटिव लुकआउट सर्कुलर से देश में नहीं घुसने दिया गया था। कौल को बेंगलुरु एयरपोर्ट पर ही रोक कर वापस इंग्लैंड लौटा दिया गया। उसके खिलाफ सुरक्षा एजेंसियों ने यह सर्कुलर जारी किया था।
यह सारी जानकारी टाइम्स ऑफ़ इंडिया की एक रिपोर्ट में सरकारी सूत्रों के हवाले से दी गई। सुरक्षा एजेंसियों ने निताशा कौल के भारत विरोधी रवैये और कश्मीर पर लगातार भ्रम फैलाकर भारत की छवि खराब करने से उसे देश में घुसने से रोकने का निर्णय लिया था। बताया गया है कि निताशा कौल के कश्मीर पर प्रोपगैंडे का पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI इस्तेमाल करती है। ISI इससे भारत विरोधी भावनाओं को हवा देती है।
एक अधिकारी ने एजेंसी को कथित तौर पर बताया, “किसी को देश में घुसने से रोकने को जारी किए जाने वाले सर्कुलर सुरक्षा एजेंसियों की माँग पर जारी होते हैं। जिसके विरुद्ध भी यह जारी होते हैं,उसके विषय में जाँच होती है कि क्या उसने पहले भारत विरोधी रवैया अपनाया जिससे देश की एकता और संप्रुभता पर खतरा आया हो। क्या वह भारत आकर भी ऐसा ही रुख अपना सकते हैं।”
निताशा भले ही ब्रिटिश नागरिक है लेकिन उसके पास ओवरसीज सिटीजन ऑफ़ इंडिया (भारतीय प्रवासी कार्ड) भी है जिसके अंतर्गत वह बिना किसी वीजा के भारत आ जा सकती है। हालाँकि, निताशा कौल के खिलाफ जारी किया गया सर्कुलर उसके भारत में ना घुस पाने की वजह बना।
निताशा ने पाकिस्तान जाकर भारत विरोध किया हैं, वह कश्मीर में हिन्दुओं के नरसंहार भी नहीं मानती। उसके अनुसार भारत ने कश्मीर कब्जा रखा है। उसके ISI से जुड़े होने का आरोप है।
Nitisha Kaul Bjp Vs Congress Tukde Tukde Gang Member
निताशा कौल: गोरखपुर में जन्मी, LSR में पढ़ीं लेखक क्या टुकड़े-टुकड़े गैंग की मेंबर हैं, भाजपा के आरोपों में है कितना दम?
- ब्रिटेन में प्रोफेसर निताशा कौल को डिपोर्ट करने के बाद भाजपा और कांग्रेस में वाकयुद्ध चरम पर है। भाजपा निताशा को टुकड़े-टुकड़े गैंग का मेंबर बता रही है। निताशा जम्मू-कश्मीर पर बयानों से सुर्खियों में रहती हैं। उन्होंने अनुच्छेद 370 हटाने का भी विरोध किया था।
मुख्य बिंदु
ब्रिटिश प्रोफेसर निताशा कौल पर भाजपा और कांग्रेस में जंग
निताशा कश्मीर से लेकर आरएसएस के खिलाफ बोलती रही हैं - भाजपा ने आरोप लगाया है कि वो टुकड़े-टुकड़े गैंग की सदस्य हैं
- निताशा कौल कौन हैं
- ब्रिटेन में भारतीय मूल की प्रोफेसर निताशा कौल (Nitasha Kaul) को लेकर भाजपा और कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप चल रहा है। दावा किया जा रहा है कि निताशा को भारत में एंट्री नहीं दी गई और उन्हें बेंगलुरु एयरपोर्ट से वापस लंदन डिपोर्ट कर दिया गया। निताशा कर्नाटक सरकार के संविधान पर आयोजित एक सम्मेलन में भाग लेने भारत आ रही थीं। निताशा को वापस भेजे जाने के बाद कर्नाटक भाजपा और कांग्रेस भिड़ गई है। कौल पर भारत विरोधी बयान और कश्मीर को लेकर उनकी टिप्पणियों की अक्सर आलोचना होती रही है। वो कश्मीर में हिंदुओं पर आतंकियों की हिंसा को भी नकारती रही हैं।
आइए जानते हैं पूरा मामला
दरअसल, निताशा कौल को ‘संविधान और राष्ट्रीय एकता सम्मेलन-2024’ विषय पर बोलना था। ये कार्यक्रम 24-25 फरवरी को बैंगलुरू में था। कौल ने दावा किया कि उन्हें उनके लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों पर विचार के कारण वापस भेजा गया। कौल ने कहा कि उन्होंने लंदन से बेंगलुरु की उड़ान में 12 घंटे बिताए। कई घंटे इमिग्रेनश में बिताए। वे मुझे यहां-वहां दौड़ाते रहे। मुझे किसी प्रक्रिया की जानकारी नहीं दी। इसके बाद 24 घंटे में मुझे होल्डिंग सेल में रखा गया क्योंकि अगले दिन तक वापसी फ्लाइट नहीं थी)। कौल ने आरोप लगाया कि उन्हें सीसीटीवी निगरानी में रखा गया और मेरे घूमने-फिरने पर भी रोक रही। मुझे खाने और पानी को भी मशक्कत करनी पड़ी। बेसिक चीजों तकिया और कंबल को मुझे एयरपोर्ट को दर्जनों कॉल करनी पड़ी। वो भी मुझे नहीं मिली। कौल ने कहा कि मेरे सभी दस्तावेज और ब्रिटेन का मौजूदा पासपोर्ट वैध हैं। इसके बाद 12 घंटे की फ्लाइट के बाद मैं लंदन पहुंच पाई।
निताशा कौल पर क्या हैं आरोप
भाजपा ने निताशा कौल पर आरोप लगाया है कि उन्होंने एक पाकिस्तानी से शादी की है। यही नहीं, उन्हें चीन का मोहरा भी बताया गया। इसके अलावा पश्चिम देशों की कठपुतली का भी आरोप उन है। कौल ने इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए एक्स पर लिखा कि ये सभी दावे झूठे हैं। वो किसी पाकिस्तानी से विवाहित नहीं हैं। न वो धर्म परिवर्तन करके मुस्लिम बनी हैं। उन्होंने कहा कि मैं न ही चीन का मोहरा और न ही पश्चिम देशों की कठपुतली हूं। मैं न तो कम्युनिस्ट और न ही जिहादी हूं। न पाक समर्थक और आतंकवादी समर्थक हूं और न ही भारत विरोधी किसी गिरोह का हिस्सा हूं। कौल ने भाजपा के आरोप नकारते हुए कहा कि वह न ही भारत विरोधी हैं और न ही किसी ‘गैंग’ का हिस्सा हैं। उन्होंने ‘एक्स’ पर कहा, ‘मैं वही हूं जिससे सत्तावादी डरते हैं- एक विचारशील महिला।
भाजपा ने बताया, टुकड़े-टुकड़े गैंग का सदस्य
कांग्रेस ने जहां इस कदम को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला करार दिया, वहीं भाजपा ने प्रोफेसर को ‘भारत विरोधी’ बताया। कर्नाटक के मंत्रियों ने आरोप लगाया कि यह घटना दिखाती है कि कैसे व्यक्तिगत अधिकारों के साथ-साथ राज्य सरकारों के अधिकार भी कुचले जा रहे हैं। वहीं, भाजपा ने वेस्टमिंस्टर विश्वविद्यालय में प्रोफेसर प्रवासी भारतीय निताशा कौल को ‘एक ज्ञात आतंकवादी समर्थक और भाड़े की भारत विरोधी प्रचारक’ करार दिया।
’कर्नाटक के समाज कल्याण मंत्री एच.सी. महादेवप्पा ने कहा था कि कौल को प्रवेश से इनकार इस बात का हालिया प्रदर्शन है कि कैसे राज्य सरकारों के अधिकार बार-बार कुचले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह भारत के संवैधानिक विचार को कई चुनौतियों का एक स्पष्ट चित्रण है। सभी देशभक्त भारतीयों को इन खतरों पर विचार करना चाहिए और हमारे संविधान को बचाए रखने को एकजुट होना चाहिए।
इस घटना से दुखी राज्यसभा सदस्य और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी जानना चाहा कि प्रोफेसर कौल को क्यों वापस भेजा गया। सिंह ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘क्षमा करें निताशा कौल ‘लोकतंत्र की जननी’ ने एक प्रतिष्ठित कश्मीरी पंडित प्रोफेसर को कर्नाटक सरकार के ‘संविधान और राष्ट्रीय एकता सम्मेलन, 24’ में भाग लेने की अनुमति नहीं दी। हम बेंगलुरु सम्मेलन में आपका भाषण सुनने का इंतजार कर रहे थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह कृपया हमें बताएं कि उन्हें क्यों हिरासत में लिया गया और वापस ब्रिटेन भेज दिया गया।
’वहीं, भाजपा की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष बी.वाई विजयेंद्र ने कौल को आमंत्रित करने को राज्य सरकार की आलोचना की। विजयेंद्र ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘भारत के संविधान और एकता पर परिचर्चा को ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ की संगी निताशा कौल को आमंत्रित करके इसके अपराधों पर पर्दा डालने को सिद्धरमैया सरकार का बेहद घृणित कदम।’
जानिए कौन हैं निताशा कौल
निताशा वेस्टमिनिस्टर यूनिवर्सिटी लंदन में राजनीति, इंटरनेशलन रिलेशन की प्रोफेसर हैं। निताशा का जन्म उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में हुआ है। वो कश्मीरी मूल की हैं जिसके पुरखों का रिश्ता श्रीनगर से रहा है। निताशा 1997 में लंदन गई थीं। उसने दिल्ली के श्रीराम कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है। मास्टर्स और पीएचडी ब्रिटेन की Hull विश्वविद्यालय से किया है।
कश्मीर पर भारत के खिलाफ बोलती हैं निताशा
निताशा कौल कश्मीर के मामले पर अक्सर भारत विरोधी लिखती और बोलती हैं। उन्होंने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने का विरोध किया था। निताशा ने कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन मामले में अमेरिका की विदेश मामलों की समिति के सामने गवाही दी और फिल्म कश्मीर फाइल्स की आलोचना की थी। वो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भी आलोचक रही हैं। निताशा कश्मीर में जिहादी गुटों के हिंदुओं के खिलाफ हिंसा भी नकारती रही हैं। इसके लिए उनकी आलोचना होती रही है।