सीईओ अनुराधा तिवारी के ट्वीट – ‘हां, मैं गर्वित ब्राह्मण हूं लेकिन शोषक नहीं’, पर बवाल

‘ब्राह्मण जीन’ ट्वीट के बाद बेंगलुरु की सीईओ अनुराधा तिवारी का ताज़ा पोस्ट – ‘ब्राह्मणों का गलत चित्रण…’

देहरादून 25 अगस्त 2024. बेंगलुरु की उद्यमी अनुराधा तिवारी, जिनकी पिछली पोस्ट ने जातिगत पहचान और आरक्षण प्रणाली के बारे में ऑनलाइन गरमागरम बहस छेड़ दी थी, ने सोमवार को एक और वीडियो अपलोड किया जिसमें सवाल उठाया गया कि क्या “ब्राह्मण भारत के नए यहूदी हैं।”
नवीनतम पोस्ट में कंटेंट राइटिंग एजेंसी जस्टबर्स्टआउट की सीईओ तिवारी ने कहा कि ब्राह्मणों को उत्पीड़क के रूप में गलत तरीके से चित्रित करना खतरनाक रूप से सामान्यीकृत किया जा रहा है।

नवीनतम पोस्ट में, कंटेंट राइटिंग एजेंसी जस्टबर्स्टऑउट के सीईओ तिवारी ने कहा, “ब्राह्मणों को उत्पीड़क के रूप में गलत तरीके से चित्रित करना खतरनाक रूप से सामान्यीकृत किया जा रहा है।”
बेंगलुरु की उद्यमी अनुराधा तिवारी , जिनकी पिछली पोस्ट ने जातिगत पहचान और आरक्षण प्रणाली के बारे में ऑनलाइन गरमागरम बहस छेड़ दी थी, ने सोमवार को एक और वीडियो अपलोड किया जिसमें सवाल उठाया गया कि क्या “ब्राह्मण भारत के नए यहूदी हैं।”
नवीनतम पोस्ट में, कंटेंट राइटिंग एजेंसी जस्टबर्स्टऑउट के सीईओ तिवारी ने कहा, “ब्राह्मणों को उत्पीड़क के रूप में गलत तरीके से चित्रित करना खतरनाक रूप से सामान्यीकृत किया जा रहा है।”

उसकी एक्स पोस्ट पर एक नज़र डालें:
“क्या ब्राह्मण भारत के नए यहूदी हैं? ब्राह्मणों को उत्पीड़क के रूप में गलत तरीके से पेश करना खतरनाक रूप से सामान्य हो रहा है। हम गर्व से नहीं कह सकते कि हम कौन हैं। इस एजेंडे को फैलाने वालों को मेरा संदेश: मैं अनुराधा तिवारी हूं, एक #प्राउडब्राह्मण और कोई उत्पीड़क नहीं। इस नफरत को अभी खत्म करो #ब्राह्मणजीन,” उन्होंने एक्स पर अपनी नई पोस्ट में लिखा।

तिवारी द्वारा “ब्राह्मण जीन” शीर्षक से लिखी गई पिछली पोस्ट ने आरक्षण के बारे में विवादास्पद चर्चा को जन्म दिया था, जिसमें एक पक्ष वर्तमान कोटा प्रणाली का समर्थन कर रहा था, जबकि दूसरा इसका विरोध कर रहा था।

देश में आरक्षण और जाति व्यवस्था पर अलग-अलग राय रखने वाले कई लोगों ने उनके संदेश पर प्रतिक्रिया दी है। तिवारी ने अपनी बांह की मांसपेशियों को खींचते हुए और नारियल पानी पीते हुए अपनी एक तस्वीर साझा की। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह तस्वीर काफी लोकप्रिय हुई और सोमवार सुबह तक इसे 30,000 से अधिक लाइक और छह मिलियन से अधिक व्यूज मिल चुके हैं।

अनुराधा ने “ब्राह्मण जीन” के बारे में अपनी पोस्ट पर अलग-अलग विचारों का जवाब देते हुए टिप्पणी की, “जैसा कि अपेक्षित था, ‘ब्राह्मण’ शब्द का उल्लेख मात्र कई हीन लोगों को भड़का देता है। यह इस बारे में बहुत कुछ बताता है कि असली जातिवादी कौन हैं। UC को सिस्टम से कुछ नहीं मिलता – न आरक्षण, न मुफ्त चीजें। हम सब कुछ अपने दम पर कमाते हैं और हमें अपने वंश पर गर्व करने का पूरा अधिकार है। इसलिए, इससे निपटें।”

तिवारी ने अपने एक्स पोस्ट में आरक्षण पर अपनी राय बेबाकी से रखी है। ऐसी ही एक पोस्ट में उन्होंने लिखा, “सामान्य वर्ग को भरोसा होना चाहिए कि यह देश उनका भी उतना ही है जितना कि आरक्षित वर्ग का है। मौजूदा राजनीति सिर्फ़ आरक्षित वर्ग पर केंद्रित है। यह मेहनती सामान्य वर्ग के लोगों के साथ बहुत अन्याय है। मेहनती लोगों के साथ विश्वासघात करके कोई देश कभी तरक्की नहीं कर सकता।”
अगस्त 2022 की एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा, “मैं एक सामान्य श्रेणी की छात्रा हूँ। मेरे पूर्वजों ने मुझे 0.00 एकड़ ज़मीन दी है। मैं एक किराए के घर में रहती हूँ। मुझे 95% अंक प्राप्त करने के बावजूद प्रवेश नहीं मिल सका, लेकिन मेरे सहपाठी, जिसने 60% अंक प्राप्त किए और जो एक संपन्न परिवार से है, को प्रवेश मिल गया। और आप मुझसे पूछते हैं, मुझे आरक्षण से क्या समस्या है।

 ‘ब्राह्मण जीन’  बहस में कूद पड़े चेतन भगत, CEO अनुराधा तिवारी की पोस्ट पर क्यों मचा बवाल?
सोशल मीडिया पर ,BrahminGenes काफी ट्रेंड कर रहा है। इस ट्रेंड के साथ बेंगलुरु की एक कंटेंट मार्केटिंग कंपनी की सीईओ अनुराधा तिवारी का नाम भी जोड़ा जा रहा है। दरअसल अनुराधा तिवारी के पोस्ट पर बवाल मचा हुआ है। उन्होंने ब्राह्मण जीन को लेकर टिप्पणी की है जिसपर लेखक चेतन भगत ने भी प्रतिक्रिया दी है। इस मामले पर लोगों के भी अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है।

अनुराधा तिवारी की ‘ब्राह्मण जीन’ वाली टिप्पणी पर चेतन भगत ने प्रतिक्रिया दी है।(फोटो सोर्स: सोशल मीडिया)
मुख्य बिंदु
अनुराधा तिवारी की ‘ब्राह्मण जीन’ कैप्शन लिखकर पोस्ट किया।
‘ब्राह्मण जीन’ ट्रेंड का इस्तेमाल कर चेतन भगत ने भी प्रतिक्रिया दी।
बेंगलुरु की एक कंटेंट मार्केटिंग कंपनी की सीईओ अनुराधा तिवारी की ‘ब्राह्मण जीन’ वाली टिप्पणी पर काफी बवाल मचा हुआ है। इस विवाद में लेखक चेतन भगत का नाम जुड़ चुका है। सिलसिलेवार तरीके से समझते हैं कि आखिर पूरा माजरा क्या है।

दरअसल, अनुराधा तिवारी ने हाल ही में अपनी एक फोटो सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर किया, जिसमें वो अपना मस्लस दिखा रही हैं, हालांकि विवाद फोटो पर नहीं बल्कि कैप्शन पर छिड़ गया। उन्होंने फोटो के साथ कैप्शन में ‘ब्राह्मण जीन’ लिखा।

उनके इस कैप्शन पर कई यूजर्स ने प्रतिक्रिया दी। इसके बाद उन्होंने एक और पोस्ट किया। पोस्ट में उन्होंने लिखा, ब्राह्मण आज अपना पूरा नाम बताने से भी डरते हैं। उनके खिलाफ नफरत फैलाई जा चुकी हा। हमें सामाजिक न्याय के एक्टिविस्ट्स और नेताओं ने विलेन बना दिया है। हमने किसी का नुकसान नहीं किया है। हमें सरकार से कोई मदद नहीं मिलती। हम कठिन मेहनत करते हैं। फिर हमें अपनी जाति पर शर्मिंदा क्यों होना चाहिए।

चेतन भगत ने क्या लिखा?
इसी बीच चेतन भगत ने भी इस विवाद पर एक पोस्ट लिखा। उन्होंने लिखा, जितना ज्यादा जाति का मुद्दा उठाया जाएगा, उतना ही हिंदू वोटों का एकीकरण टूटेगा। विपक्ष को यह बात समझ में आ गई है और वह यही खेल खेल रहा है। और हां #BrahminGenes ट्रेंड भी हिंदू वोटों को ही बांटने वाला है। पता नहीं लोगों को इसका एहसास है या नहीं।

Is hatred against Brahmins uniting Hindus?

Is Reservation uniting Hindus?

Is the Caste Census uniting Hindus?

But when Brahmins decide to take a stand for themselves, suddenly, Hindu unity is in danger. https://t.co/uUvLlx4nQp

अनुराधा ने चेतन भगत को दिया जवाब
चेतन भगत की पोस्ट को रि-पोस्ट करते हुए फिर अनुराधा ने लिखा, क्या ब्राह्मणों के खिलाफ नफरत हिंदुओं को एकजुट कर रही है? क्या आरक्षण हिंदुओं को एकजुट कर रहा है? क्या जाति जनगणना हिंदुओं को एकजुट कर रही है? लेकिन जब ब्राह्मण खुद के लिए खड़े होने का फैसला करते हैं, तो अचानक हिंदू एकता खतरे में पड़ जाती है।”

बता दें कि #BrahminGenes के मुद्दे पर सोशल मीडिया दो हिस्सों में बंटा हुआ है। एक तरफ जहां यूजर्स अनुराधा के बयान की आलोचना कर रहे हैं। वहीं, दूसरे तरफ लोगों ने आरक्षण की बहस छेड़ दी है।

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