चढूनी पेशे से आढ़ती है और आपा का किसान नेता

नई दिल्ली 14 जनवरी। हरियाणा में जो आजकल गुरनाम सिंह चढूनी बड़ा किसान नेता बना है और जिसने मुख्यमंत्री मनोहर खट्टर के सभा स्थल पर तोड़फोड़ की और खुलेआम इसे स्वीकार भी किया है,वह सीधे सीधे उन आढ़तियों का प्रतिनिधि चेहरा है जिनके हित नये कृषि कानूनों से टकरा रहे हैं । यह किसानों को खुद को किसान नेता बता कर भड़का रहा है । चढूनी जट्टां निवासी गुरनाम सिंह एक कमीशन एजेंट और आढ़ती है और मंडी में किसानों और उनकी उपज के ऊपर दलाली करता है

इसकी पत्नी बलविंदर कौर कुरुक्षेत्र से जब आम आदमी पार्टी की ओर से चुनाव लड़ी तो उसने अपनी एफिडेविट में यह लिखा था कि उसके पति एग्रीकल्चरिस्ट कमीशन एजेंट और आढ़ती हैं

जिन आढ़तियों (विचौलियों) से सरकार किसानों को बचाने की कोशिश कर रही हैं,अगर वही आढ़तिये (बिचौलिये) किसानों का भेस लेकर किसान नेता बन जाये तो मामला सुलझे तो सुलझे कैसे ?

खुद को किसान नेता बता रहे गुरनाम सिंह चढूनी को आढ़ती बताकर बीजेपी नेता ने दी उसे ये सलाह

विपक्षी नेता गुरनाम सिंह चढूनी भी दिल्ली संघु बॉर्डर पर पूरी ताकत के साथ धरना दे रहे हैं और खुद को किसान नेता बता रहे हैं लेकिन आज बीजेपी नेता जवाहर यादव ने उन्हें आढ़ती बता दिया है और उन्हें सलाह दी है.

जवाहर यादव ने कहा कि आढ़ती गुरनाम सिंह चढ़ुनी कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से ये क्यों नहीं पूछते जब हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर 9 फ़सलो को MSP पर ख़रीदते है तो हुड्डा जी आपने क्यों नहीं ख़रीदी और कैप्टन क्यों नहीं ख़रीद रहे ? कांग्रेस छलावा है .

आपको बता दें क़ि कृषि कानून के विरोध में पिछले छह सप्ताह से दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन जारी है, इन सबके बीच आयकर विभाग ने पंजाब के पटियाला में मालदार आढ़तियों के ठिकानों पर छापेमारी की, जिसको लेकर किसान नेता आढ़ती गुरनाम सिंह चढूनी ने आपत्ति जताई है. मिली जानकारी के मुताबिक, छापेमारी करने पहुँची आयकर विभाग टीम को सुरक्षा देने के लिए सीआरपीएफ जवान भी मौजूद थे.

आयकर विभाग की छापेमारी पर आपत्ति करते हुए किसान नेता आढ़ती गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि जो लोग हमारी मदद कर रहे हैं, सरकार उनको परेशान कर रही है. चढूनी ने कहा कि आयकर विभाग ने पंजाब और हरियाणा में आढ़तियों पर छापेमारी की है। आगे और भी बड़ी कार्यवाही की तैयारी कर रहे हैं.

गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि जो हमारी मदद कर रहे हैं, चाहे आढ़ती हों, चाहे या चाहे ट्रांसपोर्टर या अन्य वर्ग के लोग, सरकार इनके खिलाफ कार्यवाही न करे, वरना हम कड़े एक्शन लेंगे. चढूनी ने कहा कि जो भी हमारी मदद कर रहा है वो आंदोलन का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि सरकार ओछी हरकत करना बंद कर दे, यानि आढ़तियों पर छापेमारी न करे.

आप को बता दें कि कृषि कानून को रद्द कराने के लिए दिल्ली बॉर्डर पर 26 दिनों से किसानों का आंदोलन जारी है, केंद्र सरकार और आंदोलनकारी किसानों के बीच अब तक 6 दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन कोई हल नहीं निकल सका है, आंदोलनकारी किसान जहाँ कृषि कानून को किसान विरोधी बता रहे हैं तो वहीँ सरकार इस कानून को किसान हितैषी बता रही है.

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