चमोली आपदा:तीन और शव मिलने से मृतक हुए 61,27 मानव अंग भी मिले
चमोली आपदा : 12 दिन में मिल चुके 61 शव, 143 लोग अभी भी लापता, रेस्क्यू अभियान जारी
चमोली आपदाः सुरंग के अंदर मलबा हटाने का कार्य जारीी
उत्तराखंड में ऋषिगंगा की आपदा में लापता लोगों में से बृहस्पतिवार को तीन लोगों के शव बरामद हुए। आपदा के 12वें दिन तपोवन सुरंग से दो लोगों और रैणी गांव निवासी एक महिला का शव मिला। टनल से एक मानव अंग भी बरामद हुआ है। आपदा में लापता 204 लोगों में से 61 शव मिल चुके हैं जबकि 143 अभी भी लापता हैं। वहीं 27 मानव अंग भी अलग-अलग स्थानों से बरामद हुए हैं। वहीं टनल से पानी निकालने के बाद से यहां फिर से मलबा हटाने का काम शुरू हो गया है।
सात फरवरी को ऋषिगंगा में आई बाढ़ में रैणी पावर प्रोजेक्ट और तपोवन जल विद्युत परियोजना में काम करने वाले कर्मचारियों और मजदूरों के अलावा स्थानीय लोग भी लापता हो गए थे। प्रशासन ने 204 लोगों के लापता होने की बात कही थी, जिसके बाद से लोगों की तलाश की जा रही है। तपोवन परियोजना की टनल में बड़ी संख्या में कंपनी के कर्मचारियों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है। अब तक टनल से 13 शव और एक मानव अंग मिल चुका है।
बीते मंगलवार को टनल से पानी निकलने लगा था, जिसे पंप के जरिए बाहर निकाला गया। बुधवार पूरा दिन पानी ही निकाला जाता रहा। देर रात पानी निकलना बंद हुआ तो फिर से मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया गया, जिसके बाद एक शव बृहस्पतिवार सुबह और एक शव दोपहर को मिला। वहीं रैणी गांव के नीचे ऋषिगंगा किनारे चल रहे सर्च ऑपरेशन में दोपहर को एक महिला का शव मिला, जिसकी पहचान माधवी देवी निवासी रैणी के रूप में हुई। बैराज साइट से पंप से पानी निकालने का काम चल रहा है। यहां पानी कम होने और दलदल के सूखने के बाद ही जेसीबी की मदद से लोगों की तलाश की जाएगी।
204 लोगों की गुमशुदगी हो चुकी दर्ज
जोशीमठ थाने में अब तक 204 लोगों की गुमशुदगी दर्ज की जा चुकी है। इसके साथ ही 56 परिजनों और 49 शवों के डीएनए सैंपल मिलान के लिए एफएसएल देहरादून भेजे गए हैं।
गुरुवार को मिले तीनों शवों की हुई पहचान
गुरुवार को मिले तीनों शवों की शिनाख्त हो चुकी है। जिसमें जगदीश तोमर( पुत्र धूम सिंह निवासी कालसी देहरादून), विक्की भगत (पुत्र कर्मदास भगत निवासी झारखंड) और माधवी देवी (पत्नी चैत सिंह निवासी जुग्जू तपोवन चमोली ) के रूूप में हुई है। अभी तक मिले 61 शवों में से 33 की पहचान हो चुकी है।
नदियों के जलस्तर की चौबीस घंटे हो रही निगरानी
चमोली में आई आपदा के बाद केंद्रीय जल आयोग ने धौलीगंगा, ऋषिगंगा, मंदाकिनी, अलकनंदा और भागीरथी समेत राज्य की सभी नदियों की चौबीसों घंटे निगरानी करने के आदेश जारी किए हैं। आयोग के विशेषज्ञों की टीम गढ़वाल व कुमाऊं क्षेत्र की नदियों की हर एक घंटे की रिपोर्ट केंद्रीय जल आयोग को भेज रही है।
केंद्रीय जल आयोग के अधिशासी अभियंता आशीष कुमार सिंघल ने बताया कि वैसे तो ठंड के मौसम में 24 घंटे के भीतर सिर्फ तीन बार नदियों के जलस्तर की मॉनिटरिंग की जाती है। लेकिन अब लगातार नजर रखी जा रही है। नदियों के जलस्तर की हर घंटे पर रिपोर्ट आयोग को भेजी जा रही है। यह रिपोर्ट को राज्य सरकार व राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को भी मुहैया कराई जा रही है। नदियों मॉनिटरिंग के लिए जोशीमठ से लेकर हरिद्वार तक जगह-जगह विशेषज्ञों की तैनाती की गई है। अधिशासी अभियंता आशीष कुमार सिंघल के अनुसार आपदा के बाद नदियाें के जलस्तर में बढ़ोत्तरी नहीं दर्ज की गई है।
26 मृतकों के परिवार और 11 घायलों को दी सहायता राशि
ऋषिगंगा की आपदा में लापता हुए लोगों के परिजनों और घायलों को सहायता राशि दी जा रही है। डीएम स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के तहत अब तक 26 मृतकों के परिजनों और 11 घायलों को सहायता राशि दी जा चुकी है। जबकि एक परिवार को घर बनाने के लिए अनुदान राशि दी है। क्षेत्र में प्रभावित परिवारों को मदद पहुंचाने का काम जारी है। स्वास्थ्य शिविरों में अब तक 1929 लोगों का स्वास्थ्य जांचा जा चुका है। कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों की लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है।
राज्य सरकार के नियमों के अनुसार मुआवजा देगी एनटीपीसी
एनटीपीसी के महाप्रबंधक राजेंद्र प्रसाद अहिरवार ने कहा कि एनटीपीसी राज्य सरकार के नियमों के अनुसार ही मुआवजा देगी। कंपनी में कार्यरत जो लोग इस आपदा में मारे गए या लापता हैं उनके परिवार को 20 लाख रुपये मुआवजा दिया जाएगा। राज्य सरकार जिसे मुआवजा देगी उसे कंपनी की तरफ से भी मुआवजा दिया जाएगा। भविष्य में काम के जरूरत के अनुसार हमारे जो कर्मचारी नहीं रहे या लापता हैं उनके किसी एक आश्रित को पात्रता के अनुसार काम दिया जाएगा। एनटीपीसी में काम करने वालों में से अभी तक 19 लोगों के शव मिल चुके हैं, जिसमें टनल से 13 और अन्य जगह से छह शव शामिल हैं।