चमोली आपदा: एक और शव मिलने से मृतक हुए 68,DNA सैंपल देते ही उप्र में मां की मौत

जोशीमठ रेस्क्यू: चमोली हादसे में अब तक 68 शव बरामद

18:11 68 शव बरामद

चमोली हादसे में अब तक 68 शव बरामद हो चुके हैं. डीजीपी अशोक कुमार के मुताबिक तपोवन टनल में राहत बचाव कार्य जारी है.

14:45 झील की मापी गई गहराई

नौसेना और वायुसेना ने संयुक्त अभितयान चलाते हुए तपोवन के ऊपरी इलाके में 14000 फीट की ऊंचाई पर बने झील की गहराई मापी गई है.

06:17 चमोली आपदा में शनिवार तक 67 शव बरामद

शनिवार को तपोवन बैराज साइट से एनडीआरएफ को अभीतक 5 शव बरामदगी के बाद मृतकों का आंकड़ा 67 पहुंच गया था. राहत बचाव कर्मियों द्वारा रेस्क्यू और बचाव कार्य रात को भी जारी रहेगा.

06:05 NDRF को तपोवन बैराज साइट से मिले 5 और शव

चमोलीः जोशीमठ जलप्रलय बीते आज 15वां दिन है. इस प्राकृतिक आपदा में अभी तक 67 शव बरामद हो चुके हैं. तपोवन टनल में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. इस राहत बचाव कार्य में आईटीबीपी, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें जुटी हैं. अभी भी 137 लोग लापता चल रहे हैं.

पुलिस ने 7 राज्यों को भेजा पत्र, शवों की पहचान के प्रयास जारी

उत्तराखंड पुलिस ने चमोली आपदा में मारे गये लोगों की पहचान के लिए 7 राज्यों को ब्लड सैंपल भेजने के लिए पत्र लिखा है.

उत्तराखंड के चमोली में हुई त्रासदी के चलते अब तक कई लोग अपनी जान गवां चुके हैं. पुलिस विभाग अभी अपनी जान गंवाने वाले इन लोगों की पहचान करने के लिए प्रयासों में जुटा हुआ है. इसके लिए पुलिस मुख्यालय ने सात राज्यों को पत्र लिखा है. जिसमें वहां पर संभावित लोगों के ब्लड सैंपल एकत्र कर उत्तराखंड भिजवाने की अपील की गई है, ताकि उनसे उत्तराखंड में इसका डीएनए सैंपल करवाया जा सके, इसके बाद अज्ञात शवों की पहचान की जा सकेगी.

चमोली आपदा में शवों की पहचान के प्रयास जारी

चमोली त्रासदी को लेकर न केवल पुलिस ने राहत एवं बचाव कार्य किया. बल्कि अब इस त्रासदी में जान गंवाने वाले मृतकों के शवों को उनके अपनों तक पहुंचाने के भी प्रयास किए जा रहे हैं. इसके लिए उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय ने 7 राज्यों को पत्र लिखकर उनसे सहयोग की अपेक्षा की है.

बता दें कि 7 फरवरी को तपोवन त्रासदी में पावर प्रोजेक्ट पर काम करने वाले कई कर्मचारियों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था. इसके बाद एसडीआरएफ ने राहत एवं बचाव कार्य शुरू किए थे. जिसमें कई शवों को भी निकाला जा चुका है. जिनकी पहचान भी की जा रही है. अब भी ऐसे कई मृतक हैं, जिनकी पहचान नहीं हो पाई है. ऐसे में पुलिस विभाग इन मृतकों की पहचान के लिए सात राज्यों को पत्र लिख चुका है.

दरअसल इस घटना के बाद शवों की पहचान के लिए डीएनए का सहारा लिया गया था.अब राज्य पुलिस ने बाकी संभावित 7 राज्यों की पुलिस से संपर्क करते हुए वहां पर संभावित लोगों के ब्लड सैंपल एकत्र कर उत्तराखंड भिजवाने की अपील की है, ताकि उनके जरिए उत्तराखंड में इसका डीएनए सैंपल करवाया जा सके,इसके बाद अज्ञात शवों की पहचान की जा सकेगी.
उत्तराखंड के चमोली में हुई त्रासदी के चलते अब तक कई लोग अपनी जान गवां चुके हैं. पुलिस विभाग अभी अपनी जान गंवाने वाले इन लोगों की पहचान करने के लिए प्रयासों में जुटा हुआ है. इसके लिए पुलिस मुख्यालय ने सात राज्यों को पत्र लिखा है।

शवों की पहचान को लिया DNA सैंपल,सदमे में चली गई मां की जान

सिंगाही-खीरी। उत्तराखंड की जलप्रलय में लापता भैरमपुर गांव के एक मजदूर की मां की रविवार को मौत हो गई। उसका बेटा विनोद तपोवन में काम करने गया था। 7 फरवरी को वहां आए सैलाब के बाद से वह लापता है। परिजनों का कहना है कि मां की मौत सदमे में हो गई। भैरमपुर गांव निवासी विनोद भी उत्तराखंड के चमोली में काम कर रहा था। इस बीच अचानक आए सैलाब में वह लापता हो गया। 14 दिन बाद भी विनोद का अता-पता नहीं है। तमाम मजदूरों के लापता होने या मौत हो जाने की खबर पाकर विनोद का बड़ा भाई सुरेश उसका पता लगाने तपोवन गया था। वह अभी तक वहीं है।
उधर सरकार ने तपोवन में लापता मजदूरों की तलाश और वहां बन रही सुरंग में भरे मलबे की खुदाई के दौरान मिल रहे क्षत-विक्षत शवों तथा अंगों की पहचान के लिए सभी लापता और मृत मिले मजदूरों के परिवारवालों का डीएनए टेस्ट के जरिए पहचान कराने का फैसला लिया है। इसी क्रम में शनिवार को एसडीएम ओमप्रकाश गुप्ता जिला अस्पताल व सीएचसी निघासन के डॉक्टरों की टीम के साथ गए थे।

निघासन तहसील के सभी गांवों के लापता मजदूरों के माता-पिता को वहीं बुलाकर उनके सैंपल लिए गए थे। इनमें विनोद की मां छोटी (46 वर्ष) का भी सैंपल शनिवार को लिया गया। उसके बाद से छोटी देवी गुमसुम सी हो गईं और रविवार को सुबह उनकी मौत हो गई। परिवार वालों का कहना है कि बेटे के सदमे में मां की जान चली गई। एसडीएम निघासन ओपी गुप्ता का कहना है कि लापता युवक के परिवार की महिला की मौत की सूचना मिली है। महिला बीमार बताई जा रही है।

एक बेटा लापता,दूसरा तलाश में गया,इधर मां ने दम तोड़ा

एक बेटा उत्तराखंड जाकर लापता हो गया। दूसरा उसे खोजने गया तो अभी तक नहीं लौटा। ये बात छोटी देवी को अंदर ही अंदर खाए जा रही थी। शनिवार को जब उनकी डीएनए जांच के लिए ब्लड सैंपल लिया गया तो वो घबरा गईं। किसी ने बताया कि वहां मिल रहे अज्ञात शवों और मानव अंगों की पहचान के लिए सैंपल लिया जा रहा है। इन बातों ने छोटी देवी की उम्मीदों के आगे अंधेरा कर दिया।

भैरमपुर गांव के मन्नू गौतम की करीब चार साल पहले मौत हो चुकी है। उसकी पत्नी छोटी (46) अपने दो बेटों सुरेश और विनोद के साथ किसी तरह गुजर-बसर करती रही। इस परिवार के पास जमीन न होने से मजदूरी से ही परिवार का पेट पलता है। बड़े बेटे सुरेश की शादी सिंगाही कस्बे की काजल से हुई थी। वह घर पर रहकर गांव में व आसपास मेहनत-मजदूरी करता है। बीस साल का छोटा बेटा विनोद तपोवन में एनटीपीसी के हाइड्रो प्रोजेक्ट पर काम करने गया था। वहां सात फरवरी को आई जलप्रलय के बाद से उसका कोई पता नहीं चल रहा है। विनोद का बड़ा भाई सुरेश उसका पता लगाने तपोवन गया था। वह अभी तक वहीं है।

शनिवार को विनोद की मां छोटी का भी डीएनए सैंपल लिया गया। बताया जाता है कि सैंपल देने के बाद से छोटी यह सोच-सोचकर सदमे में थी कि अब उसके बेटे का जीवित मिलना मुश्किल है। पति की मौत के बाद छोटे बेटे के अनिष्ट की आशंका से वह सदमे में पहुंच गई। शनिवार शाम करीब सात बजे सीने में तेज दर्द होने लगा। घर में मौजूद सुरेश की पत्नी काजल ने आसपास के लोगों को बुलाया लेकिन तब तक छोटी की मौत हो चुकी थी। इसके बाद वहां लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। पड़ोसियों ने भाई की तलाश में तपोवन गए सुरेश को घटना की जानकारी दी। इसके बाद वह वहां से वापस लौट रहा है।

परिवार में बचे केवल दो सदस्य

भैरमपुर गांव के मन्नू गौतम के परिवार का अब केवल एक सदस्य बाकी बचा है। उसकी पत्नी को मिला लें तो परिवार में महज दो सदस्य रह गए हैं। चार साल पहले तक मन्नू के परिवार में उसके अलावा पत्नी छोटी तथा दो बेटे सुरेश और विनोद थे। मन्नू की मौत के बाद सात फरवरी को छोटा बेटा विनोद तपोवन में लापता हो गया। उसके सदमे में छोटी की भी शनिवार शाम मौत के बाद अब परिवार में केवल बड़ा बेटा सुरेश व उसकी पत्नी काजल बचे हैं।

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