चमोली आपदा:10 मीटर और, बड़ी संख्या में मिल सकते हैं शव

चमोली आपदा: ‘मंजिल’ से करीब 10 मीटर दूर है सुरंग से मलबा हटा रही टीम, इसी जगह कई लोगों के दबे होने की आशंका
जोशीमठ(चमोली) 23 फरवरी।उत्तराखंड के चमोली जिले में आपदा के 17 दिन बीत चुके हैं। तपोवन बैराज और सुरंग में लापता लोगों की खोज के लिए रेस्क्यू अभियान जारी है। अब तक तपोवन टनल से करीब 184 मीटर तक मलबा हटाया जा चुका है। यहां से सुरंग का एसएफटी प्वाइंट 10 मीटर दूर है। यही वह जगह है जहां पर शुरू से अधिक संख्या में लोगों के फंसे होने की सबसे ज्यादा आशंका जताई जा रही है। वहीं, आपदा में लापता 204 में से 70 शव और मानव अंग मिल चुके हैं जबकि 134 अभी भी लापता हैं। महाप्रबंधक अहिरवार का कहना है कि टनल से लगातार पानी का रिसाव हो रहा है, जिससे सुरक्षा कर्मियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। चार पंप दिन रात सुरंग से पानी निकालने का काम कर रहे हैं। बैराज साइट पर पंप सफल नहीं हो पाए थे, इसलिए वहां जेसीबी से मलबा हटाकर सर्च अभियान चलाया जा रहा है। वहीं, तपोवन में बैराज गेट पर आपदा के दिन भारी बोल्डर आया था। जिसे हटाने के लिए आज ब्लास्ट किया गया। जिससे नदी अपने रुख की ओर प्रभावित हो सके। बता दें कि तपोवन बैराज साइट पर पंप से पानी निकालने की योजना सफल नहीं हो पाई थी, जिसके बाद यहां पर जेसीबी की मदद से मलबा हटाने का काम चल रहा है।
वहीं बारिश की संभावना को देखते हुए धौली नदी को दाहिने तरफ मोड़ने के लिए भी प्रयास तेज कर दिए हैं ताकि पानी बैराज साइट की तरफ न आ सके। एनटीपीसी के महा प्रबंधक आरपी अहिरवार का कहना है कि सुरंग के अंदर अचानक मलबा या पानी न आ जाए, इसको देखते हुए बचाव कर्मियों की सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
वहीं, ऋषिगंगा की आपदा में लापता लोगों की गुमशुदगी जोशीमठ थाने में दर्ज की जा रही है। मंगलवार को एक झारखंड निवासी व्यक्ति की गुमशुदगी ऋत्विक कंपनी ने दर्ज कराई। प्रशासन की तरफ से अब तक 204 लोगों के लापता होने की बात कही जा रही है लेकिन अब जोशीमठ थाने में मंगलवार तक 205 लोगों की गुमशुदगी दर्ज हो चुकी है।
आपदा के बाद प्रशासन की ओर से 204 लोगों के लापता होने की सूची जारी की गई थी और इन्हीं की तलाश में रेस्क्यू टीम जुटी हुई थी। वहीं मंगलवार को परियोजना में कार्यरत एक और कर्मचारी की गुमशुदगी दर्ज कराई गई। जोशीमठ थाने में तैनात एसआई हेमकांत सेमवाल ने बताया कि मंगलवार को ऋत्विक कंपनी की ओर से एक व्यक्ति के लापता होने की गुमशुदगी दर्ज कराई गई है
गुमशुदगी इतनी देर में क्यों दर्ज कराई गई है इसकी जांच की जाएगी। ये परियोजना में काम करता था और झारखंड निवासी था। वहीं प्रशासन ने शिनाख्त के लिए 110 परिजनों, 58 शवों और 28 मानव अंगों के डीएनए सैंपल मिलान के लिए एफएसएल देहरादून भेज दिए हैं।

बुधवार को मौसम खराब होने की पूर्व सूचना पर जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है। यहां ऋषिगंगा पर बनी झील पर लगातार नजर रखी जा रही है। आईटीबीपी, एनडीआरएफ, नेवी और वैज्ञानिकों की टीम यहां की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है।

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