चमोली आपदा:दो और शव,58 में 32 की पहचान, सुरंग में पानी से बाधा
Uttarakhand Glacier Burst: टनल में लगातार पानी का रिसाव, रोकना पड़ा मलबा हटाने का काम
टनल से दो और शव बरामद, बचाव अभियान जारी। तपोवन स्थित विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना की टनल से मलबे में दबे दो और शव बरामद हुए हैं। टनल से अभी तक 12 शव मिल चुके हैं। कुल लापता 204 व्यक्तियों में से 58 के शव बरामद हो चुके हैं।
जोशीमठ (चमोली)17फरवरी। तपोवन स्थित विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना की टनल से मलबे में दबे दो और शव बरामद हुए हैं। टनल से अभी तक 12 शव मिल चुके हैं। कुल लापता 204 व्यक्तियों में से 58 के शव बरामद हो चुके हैं। मृतकों में 32 की ही पहचान हुई है। 146 की तलाश जारी है। इस बीच चमोली की जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने कहा कि फिलहाल बचाव अभियान जारी रहेगा।
तपोवन टनल में लगातार पानी रिसाव से मलबा हटाने के काम रोकना पड रहा है, हालांकि पानी निकासी के लिए पंप लगे हैं। राहत कार्यों में प्रशासन ने तेजी दिखाई है। चमोली के बुराली गांव के पास मिला है एक मानव अंग (दाहिना हाथ)। अब तक मिल चुके हैं कुल मानव अंग 25।
सात फरवरी को रैणी गांव के ऊपरी इलाके में हिमस्खलन के बाद ऋषिगंगा और धौलीगंगा में उफान आ गया था। इससे ऋषिगंगा और विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना को नुकसान पहुंचने के साथ ही इनमें काम कर रहे लोग मलबे में दफन हो गए। कुछ स्थानीय लोग भी उफान में बह गए थे। लापता लोगों का आंकड़ा 204 बताया गया। जबकि, तपोवन में टनल में 12 व्यक्तियों को बचाव अभियान करके बचा लिया गया था।
मुख्य टनल में फंसे 34 व्यक्तियों का पता लगाने के लिए कई विकल्पों पर एक साथ बचाव अभियान किया गया, लेकिन नाउम्मीदी ही हाथ लगी। दो रोज पहले टनल के भीतर मलबे में दबे शव मिलने का सिलसिला शुरू हुआ, जो मंगलवार को भी जारी रहा। आज मिले शवों की शिनाख्त मंगलवार को इन शवों की हुई बचाव अभियान
अनिल ( निवासी कालसी देहरादून) और राहुल( पुत्र कृष्ण किशोर निवासी बरकोट माफी रानीपोखरी देहरादून) के रूप में हुई है।
बचाव अभियान में बाधा
दोपहर के वक्त मुख्य टनल में मलबे के साथ काफी मात्रा में पानी आने से कुछ देर बचाव अभियान बाधित रहा। पंपिंग के जरिये टनल से पानी बाहर फेंका गया। टनल के बाहर बैराज में मलबे के साथ जमा पानी की निकासी के लिए भी पंपिंग का सहारा लेने का निर्णय लिया गया है। बैराज में दलदल होने की वजह से इसमें अभी मलबा हटाकर शवों की खोजबीन शुरू नहीं की जा सकी है।
बचाव अपडेट
कुल लापता- 204
शव बरामद- 58
मानव अंग बरामद- 25
गुमशुदगी दर्ज- 179
डीएनए सैंपल लिए- 91
रैंणी में पुल के एबेडमेंट का कार्य शुरू
सीमा सड़क संगठन ने रैणी गांव के नजदीक चीन सीमा को जोडऩे के लिए ऋषिगंगा नदी पर नए वैली ब्रिज के एबेडमेंट का काम शुरू कर दिया गया है। सीमा सड़क संगठन के अधिकारियों ने बताया कि जल्द ही पुल का निर्माण पूरा कर आवाजाही सुचारु कर दी जाएगी। आपदा में चीन सीमा को जोडऩे वाला पुल बह गया था। अब इससे करीब ढाई सौ मीटर दूरी पर नया पुल तैयार किया जा रहा है।
#WATCH A team of ITBP reached the exact location where a lake is formed in Chamoli district, Uttarakhand. They carried out the recce and now developing helipad in the vicinity. Base camp is established at Murenda. DRDO officials are accompanied by ITBP
(Source: ITBP) pic.twitter.com/jpzRhuFLhf
— ANI (@ANI) February 17, 2021
रैणी गांव में ट्रॉली से आवाजाही
लोक निर्माण विभाग ने रैणी में ऋषिगंगा पर ट्राली का निर्माण पूरा कर लिया गया। मंगलवार को यहां ट्राली से आवाजाही शुरू हो गई है। सेना यहां अस्थाई पुल का निर्माण भी कर चुकी है। इससे प्रभावित ग्रामीणों को राहत मिली है।
स्वास्थ्य परीक्षण कर लौटी टीम
संयुक्त चिकित्सालय श्रीनगर के आर्थोपेडिक सर्जन डाक्टर.गौतम नैथानी व सर्जन डाक्टर.लोकेश सलूजा के नेतृत्व में मेडिकल टीम ने पांच दिनों में भंग्यूल, गहर, जुगजू, जुआग्वाड़, सुरांईथोटा आदि गांवों का दौरान कर ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण किया।
जिलाधिकारी ने प्रभावितों से की मुलाकात
जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने करछों गांव में लापता व्यक्तियों के घर पहुंचकर स्वजनों से मुलाकात की। सांत्वना दी और कहा कि टनल मे फंसे व्यक्तियों को निकालने के लिए दिन-रात हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। करछों गांव कुलदीप सिंह और उनका बेटा आशीष सिंह ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट मे काम करते थे।
ऋषिगंगा में आई आपदा के 11वें दिन आज बुधवार को तपोवन सुरंग से मलबा हटाने का कार्य जारी है। मंगलवार को सुरंग से दो शव बरामद हुए। वहीं सुरंग में पानी आने से मलबा हटाने कार्य रोकना पड़ा जिसके बाद बुधवार मलबा हटाने का कार्य शुरू हो गया।
तपोवन टनल से बुधवार को पूरे दिन पंप से पानी निकालने का काम चलता रहा। बैराज साइट भी पंप लगाकर पानी और मलबे को निकालने का काम शुरू कर दिया गया है। बुधवार को सुरंग, बैराज और रैणी साइट कोई शव बरामद नहीं हुआ। हालांकि चमोली के बराली गांव के पास एक मानव अंग (हाथ) बरामद हुआ है।
चमोली में आयी प्राकृतिक आपदा में तपोवन क्षेत्र में नदी के दूसरी तरफ फंसी हुई बेजुबान गायों को सुरक्षित निकालते #UttarakhandPolice एवं #SDRF के जवान।#ChamoliDisaster@PIBHindi @ndmaindia@Dept_of_AHDpic.twitter.com/UdZX7TNgef
— PIB in Uttarakhand (@PIBDehradun) February 16, 2021
ऋषिगंगा की आपदा के 11 दिन बाद भी 146 लोग लापता चल रहे हैं। अभी तक 58 शव और 25 मानव अंग बरामद हुए हैं। वहीं तपोवन सुरंग से मंगलवार से पानी निकलने लग गया था, जिसके बाद मलबा हटाने का काम रोक दिया गया और पंप लगाकर पानी निकालने का प्रयास किया गया। बुधवार पूरे दिन टनल से पानी निकाला जाता रहा। वहीं बैराज साइट से भी पानी और मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया गया है।
जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि टनल से काफी पानी निकल रहा है। जल्द से जल्द पानी निकाला जा सके। इसके लिए पंप लगाए गए हैं। बैराज साइट में जहां सूखा मिल रहा है, वहां जेसीबी ले जाने का प्रयास किया जा रहा है। इससे सर्च अभियान तेज किया जा सके। रैणी के पास भी एनडीआरएफ और जेसीबी लगाकर शवों की तलाश की जा रही है
रैणी चक लाता गांव के नीचे मलबा हटाकर की जा रही लापता लोगों की तलाश
आपदा प्रभावित रैणी और तपोवन क्षेत्र में सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि रैणी में ऋषि गंगा के दूसरी तरफ रैणी चक लाता गांव के नीचे मशीन से मलबा साफ कर लापता लोगों की तलाश की जा रही है। साथ ही ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट के बैराज व सुरंग के ऊपरी क्षेत्र में फैले मलबे से भी लापता लोगों की खोजबीन की जा रही है। नदी के तटीय क्षेत्रों में एनडीआरएफ की टीम के माध्यम से तलाश की जा रही है।
मुख्यमंत्री व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान लगातार आपदा प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण कर रेस्क्यू कार्यों का निरीक्षण कर रहे हैं। डीएम ने बताया कि आपदा में लापता 206 लोगों में से अभी तक 58 लोगों के शव विभिन्न स्थानों से बरामद हुए हैं। अब 146 लोग लापता चल रहे हैं, जिनकी तलाश जारी है।
अभी तक 32 लोगों की पहचान हो चुकी है। अब तक कुल 26 मानव अंग भी बरामद हुए हैं। जिला प्रशासन द्वारा आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राशन किट, मेडिकल और अन्य रोजमर्रा की जरूरतों के साथ मूलभूत सुविधाएं भी बहाल की जा चुकी हैं। प्रभावित परिवारों में अब तक 548 राशन किट, 45 सोलर लाइट बांटे गए हैं। अब तक कुल 1797 लोगों का मेडिकल टीम की ओर से उपचार किया जा चुका है।
झील तक पहुंचा आईटीबीपी का दल
आईटीबीपी का एक दल ऋषिगंगा के मुहाने पर बनी झील तक पहुंच गया है। यह दल अध्ययन को पहुंचने वाले वैज्ञानिकों की मदद करेगा। साथ ही पैंग गांव के पास हेलीपैड भी बनाया जाएगा। आपदा के बाद ऋषिगंगा का पानी रुका हुआ है, जिससे वहां झील बनी हुई है। आईटीबीपी प्रथम वाहिनी सुनील के सीओ वेणुधर नायक का कहना है कि आईटीबीपी के जवान वैज्ञानिकों को सहयोग के लिए गए हैं।
जिलाधिकारी ने की बचाव कार्यों की समीक्षा
जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बुधवार को तपोवन क्षेत्र में आपदा कार्यों में लगे नोडल अधिकारियों के साथ रेस्क्यू कार्यों की समीक्षा की। डीएम ने आपदा क्षेत्रों में सभी अधिकारियों को तालमेल बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने आपदाग्रस्त क्षेत्रों में सैनेटाइजेशन पर फोकस करते शुद्ध पेयजल के लिए क्लोरिनेशन करने और जहां भी मृत पशु दफनाए गए हैं उन स्थानों पर ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव कराने के निर्देश दिए। बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान, एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट आदित्य प्रताप सिंह, एसडीआरएफ के अधिकारी अजय भट्ट, लेफ्टिनेंट कर्नल विवेक सिंह, एनटीपीसी के एजीएम आरएन सहाय, डीजीएम उमेश कुमार,चिकित्साधिकारी डाक्टर जीएस राणा, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी शरद भंडारी, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एनके जोशी आदि मौजूद थे।