चार धाम के असीमित संख्या में दर्शन कर सकेंगें श्रद्धालु, शेष कोविड प्रोटोकॉल यथावत

Chardham Yatra 2021: Hearing For Increasing Number Of Pilgrims In Nainital High Court Today
उत्तराखंड: सरकार को हाईकोर्ट से बड़ी राहत, अब असीमित संख्या में चारधाम यात्रा कर सकेंगे तीर्थयात्री
देहरादून/नैनीताल 05 अक्टूबर। पूर्व में नैनीताल हाईकोर्ट ने केदारनाथ धाम के लिए प्रतिदिन 800, बदरीनाथ धाम के लिए 1000, गंगोत्री के लिए 600, यमुनोत्री के लिए 400 श्रद्धालुओं की ही अनुमति दी थी। हाईकोर्ट ने अब यह सीमा हटा ली है।
चारधाम यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों की संख्या को लेकर उत्तराखंड सरकार को नैनीताल हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अब असीमित संख्या में तीार्थयात्री चारधाम यात्रा कर सकेंगे। हाइकोर्ट में आज चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाने के मामले में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने चारधाम में तीर्थयात्रियों की संख्या को लेकर फैसला सुनाया। बता दें कि पूर्व में कोर्ट ने केदारनाथ धाम के लिए प्रतिदिन 800, बदरीनाथ धाम के लिए 1000,गंगोत्री के लिए 600, यमुनोत्री के लिए 400 श्रद्धालुओं की ही अनुमति दी थी।

सरकार ने दाखिल किया था प्रार्थना पत्र

यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ाने को लेकर हाल ही में सरकार ने हाईकोर्ट में प्रार्थनापत्र दाखिल किया था। इसके बाद सोमवार को महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर और मुख्य स्थायी अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत ने कोर्ट में इस प्रकरण पर शीघ्र सुनवाई के लिए प्रार्थना की थी।

महाधिवक्ता ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा था कि कोविड को देखते हुए कोर्ट ने पूर्व में चारधाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं की संख्या निर्धारित की थी। वर्तमान में प्रदेश में कोविड के मामले ना के बराबर आ रहे हैं। इसलिए चारधाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं की निर्धारित संख्या को बढ़ाया जाए।

यात्रा समाप्त होने में बचा 40 दिन का समय

महाधिवक्ता ने कोर्ट में कहा था कि चारधाम यात्रा समाप्त होने में 40 दिन से कम का समय बचा है। इसलिए जितने भी श्रद्धालु वहां आ रहे हैं, उन्हें दर्शन करने की अनुमति दी जाए। जो श्रद्धालु ऑनलाइन दर्शन करने के लिए रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं वे नहीं आ रहे हैं। इससे स्थानीय लोगों के सामने रोजी-रोजी का संकट खड़ा हो गया है। सरकार की ओर से कहा गया था कि कोर्ट के पूर्व के दिशा निर्देशों का हर संभव पालन किया जा रहा।

यात्रियों से मुख्यमंत्री की अपील, कोविड नियमों का पालन जरूर करें

वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब चारधाम में ज्यादा तीर्थयात्री आ सकेंगे। उन्होंने कहा कि यात्रियों को असुविधा ना हो इसके लिए अफसरों को निर्देश दिए गए हैं। यात्रियों से अपील है कि यात्रा के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करें। सरकार महामारी को रोकने में कोई ढिलाई नहीं बरतेगी। यात्रियों के लिए आरटीपीसीआर रिपोर्ट और डबल डोज वैक्सीनेशन जरूरी है। वहीं, उत्तराखंड भाजपा प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार ने आज बदरीनाथ धाम पहुंचकर दर्शन किए। इस दौरान उन्होंने चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ाने को लेकर हाईकोर्ट का धन्यवाद किया।

छह अक्तूबर से करें पंजीकरण

केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम की 15 अक्तूबर से आगे की यात्रा के लिए छह अक्तूबर यानी बुधवार से पंजीकरण किया जा सकेगा। नवरात्रों के चलते चारों धामों में 15 अक्तूबर तक पंजीकरण फुल हैं। लगभग 70 हजार यात्रियों ने पंजीकरण कराया है।

चारधाम तीर्थयात्रियों को स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीकरण में छूट

चारधाम यात्रा के लिए बाहरी राज्यों से आने वाले यात्रियों को अब स्मार्ट सिटी पोर्टल पर अलग से पंजीकरण नहीं करना पड़ेगा। यात्रियों की सुविधा के लिए सरकार ने इस व्यवस्था में छूट दी है। हालांकि ई-पास के उन्हें देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट www.devasthanam.uk.gov.in व www. badrinath-kedarnath.gov.in पर अनिवार्य रूप से पंजीकरण होगा।

देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट में नहीं कराना होगा पंजीकरण, यहां रजिस्ट्रेशन जरूरी

हाईकोर्ट से चारधाम आने वाले यात्रियों की संख्या पर प्रतिबंध हटने के बाद देवस्थानम बोर्ड ने भी राहत दी है। अब श्रद्धालुओं को देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर भी पंजीकरण नहीं कराना होगा। बल्कि राज्य में प्रवेश के लिए सिर्फ स्मार्ट सिटी की साइट पर ही पंजीकरण कराना होगा। इसके बाद पर्यटक और श्रद्धालु कहीं भी घूम सकेंगे।

अभी तक चार धाम यात्रा में आने वालों के लिए संख्या तय थी। प्रत्येक दिन केदारनाथ में 800 , बद्रीनाथ में 1000, गंगोत्री में 600, यमुनोत्री में कुल 400 श्रद्धालुओ को जाने की अनुमति हाईकोर्ट ने दी थी। मंगलवार को हाईकोर्ट ने इस नियम में बदलाव कर दिया। अब कितने भी श्रद्धालु दर्शन को आ सकते हैं। उन्हें सिर्फ स्मार्ट सिटी पर पंजीकरण के दौरान अपना वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट अपलोड करना होगा। वैक्सीनेशन न होने पर 72 घंटे पहले की आरटीपीसीआर रिपोर्ट रखनी होगी। राज्य के स्थानीय निवासियों के लिए पंजीकरण की कोई बाध्यता नहीं है। उन्हें सिर्फ अपने साथ वैक्सीनेशन का प्रमाण रखना है।

यात्रा कारोबार में आएगी अब तेजी
श्रद्धालुओं की संख्या में नियंत्रण हटने के बाद अब यात्रा कारोबार में तेजी आएगी। करीब तीन सप्ताह की शेष बची यात्रा में श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंच सकेंगे। इससे यात्रा कारोबार से जुड़े लोगों को कुछ राहत मिल सकेगी। बदरीनाथ धाम के विशाल नैथानी ने बताया कि हाईकोर्ट के फैसले से बड़ी राहत मिली है। इससे कारोबारियों को बड़ी राहत मिलेगी। ये मंजूरी कुछ समय पहले और मिल जाती, तो यात्रा कारोबार पटरी पर लौट आता।

श्रद्धालुओं की संख्या तय किए जाने का विरोध किया जा रहा था। सरकार और देवस्थानम बोर्ड की ओर से सही तरीके से अपना पक्ष कोर्ट में नहीं रखा जा रहा था। यदि सही तरीके से पक्ष रखा जाता, तो पहले ही मंजूरी मिल गई होती। पहले समय सुप्रीम कोर्ट में जाकर खराब किया गया। इसके बाद हाईकोर्ट में सही तरीके से पैरवी नहीं की गई। नहीं तो श्रद्धालुओं की संख्या में लगी रोक पहले ही हट जाती।
हरीश डिमरी, महामंत्री तीर्थ पुरोहित हकहकूकधारी महापंचायत

अब श्रद्धालुओं की संख्या के आने पर कोई रोक नहीं है। ऐसे में अब देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीकरण का कोई औचित्य नहीं है। अब लोग सीधे स्मार्ट सिटी की साइट पर पंजीकरण करा कर चारों धामों में दर्शन कर सकेंगे। बावजूद इसके उन्हें कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। मास्क और सेनेटाइजेशन जरूरी होगा।
रविनाथ रमन, सीईओ, देवस्थानम बोर्ड

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