सिर्फ पुजारी करेंगें पूजा,कोरोना काल में चारधाम यात्रा स्थगित
Char Dham Yatra 2021: मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा- उत्तराखंड में चारधाम यात्रा स्थगित, समय पर खुलेंगे धाम के कपाट
उत्तराखंड सरकार ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस वर्ष चारधाम यात्रा को स्थगित करने का निर्णय लिया है।
Char Dham Yatra 2021 उत्तराखंड में अगले माह शुरू होने वाली चारधाम यात्रा स्थगित कर दी गई है। मुख्यमंत्री के अनुसार कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि चारधाम के कपाट तय तिथियों को खुलेंगे मगर फिलहाल यात्रा स्थगित रहेगी।
देहरादून 29 अप्रैल। उत्तराखंड में अगले माह शुरू होने वाली चारधाम यात्रा स्थगित कर दी गई है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के अनुसार कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि चारधाम के कपाट तय तिथियों को खुलेंगे, मगर फिलहाल यात्रा स्थगित रहेगी। परिस्थितियों को देखते हुए आने वाले दिनों में स्थानीय निवासियों को अनुमति देने के बारे में निर्णय लिया जाएगा।
बता दें कि केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि पहले ही घोषित की जा चुकी है। केदारनाथ के कपाट 17 मई और बदरीनाथ के कपाट 18 मई को खोले जाएंगे। वहीं, यमुनोत्री धाम के कपाट 14 मई, जबकि गंगोत्री धाम के कपाट 15 मई को खोले जाएंगे।
आपको बता दें कि पिछले साल भी कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते मई में कोरोना यात्रा को स्थगित कर दिया गया था लेकिन जुलाई में कोरोना गाइडलाइंस के साथ यात्रा को दोबारा से शुरू कर दिया गया था।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने गुरुवार को चारधाम यात्रा स्थगित करने की घोषणा की है. उन्होंने कहा है कि कपाट खुलेंगे और सिर्फ पूजा अर्चना होगी. तीरथ सिंह ने कहा कि कोविड के हालात में यात्रा संभव नहीं है. आपको बता दें कि आगामी 14 मई को यमुनोत्री मंदिर के कपाट खुलने के साथ चार धाम यात्रा शुरू होनी थी. पिछले साल भी उत्तराखंड सरकार ने कोरोना महामारी के चलते चार धाम यात्रा को मई में रोक दिया था. इसके बाद राज्य सरकार ने 1 जुलाई से श्रद्धालुओं के लिए चार धाम यात्रा शुरू की थी. जुलाई के अंतिम सप्ताह में राज्य सरकार ने कुछ शर्तों के साथ अन्य राज्यों के श्रद्धालुओं को चार धाम यात्रा पर आने की अनुमति दी थी.
चारधाम यात्रा स्थगित होने के फैसले के बाद होटल बुकिंग्स का कैंसिल होना तय माना जा रहा है, जो श्रद्धालुओं ने चारधाम यात्रा को लेकर करवाई हैं. इनमें गढ़वाल मंडल विकास निगम समेत प्राइवेट होटल्स की बुकिंग भी शामिल हैं. इस साल जनवरी से मार्च तक के हालात को देखते हुए लोगों को उम्मीद थी कि चारधाम यात्रा बेरोकटोक होगी, लेकिन अप्रैल में बढ़े कोरोना के मामलों ने साल 2020 की तरह इस बार भी शुरुआत में ही कैंसिल कर दिया.
गौरतलब है कि साल 2020 में कोरोना की वजह से करीब 3 लाख 10 हज़ार श्रद्धालुओं ने ही दर्शन किए और यात्रा जुलाई 2020 के दूसरे हफ्ते में शुरू हुई थी. वहीं साल 2019 में रिकॉर्ड 32 लाख लोगों चारधाम यात्रा में दर्शन किए थे.
कुंभ को भी कोरोना के बढ़ते केस के चलते पहले कर दिया खत्म
कुंभ को भी कोरोना के बढ़ते केस के चलते पहले कर दिया खत्म आपको बता दें कि देशभर में कोविड मामलों में हो रही बेतहाशा वृद्धि के कारण कई अखाड़ों ने कुंभ पहले ही खत्म करने के ऐलान के बाद मंगलवार को चैत्र पूर्णिमा के अवसर पर हरिद्वार महाकुंभ का आखिरी शाही स्नान फीका रहा, जहां सभी 13 अखाडों के करीब 2000 साधु-संतों ने प्रतीकात्मक रूप से हर की पैडी पर गंगा में आस्था की डुबकी लगाई.
नरेंद्र नगर के राज महल में निकाला गया तिल तेल
विश्व विख्यात भगवान बदरीनाथ मंदिर के 18 मई को कपाट खुलने से पहले नरेंद्र नगर स्थित राज महल में सुहागिनों ने भगवान बदरीनाथ के अभिषेक के लिए तिल का तेल पिरोया। जिसके बाद तिल के तेल का यह कलश (गाडू घड़ा) को बदरीनाथ धाम के लिए पूजा अर्चना के बाद विधि विधान से रवाना कर दिया गया है। देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रचार अधिकारी हरीश गौड़ ने बताया कि नरेंद्र नगर स्थित राज महल में सुहागिन महिलाओं ने पीले वस्त्र धारण कर भगवान बदरी विशाल की ज्योति में जलने व लेपन में उपयोग किए जाने वाले, तिल के तेल को पूजा अर्चना के साथ विधि विधान से टिहरी सांसद महारानी राज्य लक्ष्मी शाह व पंडित शिवानंद जोशी के संचालन में निकाला गया।
जिसके बाद तिल तेल के गाडू घड़े को डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के प्रतिनिधियों को सौंपा गया। जो गाडू घड़े को आगामी 17 मई की शाम को लेकर बदरीनाथ धाम पहुंचेंगे। इससे पहले यह घड़ा डिमर गांव के लक्ष्मी नारायण मंदिर में पहुंचेगा। इस तेल गाडू घड़े को राज महल में डिमरी पंचायत के प्रतिनिधि पंकज डिमरी, नरेश डिमरी, दिनेश डिमरी, ज्योतिष डिमरी, अंकित एवं अरविंद डिमरी को सौंपा गया। यह सभी लोग बुधवार की शाम को ही तेल कलश को लेने के लिए नरेंद्रनगर पहुंच गए थे। हरीश गौड़ ने बताया कि इस वर्ष कोरोना संक्रमण को देखते हुए केंद्र व राज्य सरकार की गाइडलाइन के अनुपालन में तेल कलश यात्रा जो नरेंद्र नगर के बाद ऋषिकेश से नगर होते हुए डिमरगांव पहुंचती थी, को स्थगित कर दिया गया है। अब सादगी पूर्ण तरीके से डिमर गांव पहुंचेगा।