गांधी को बुरा-भला कहने में कालीचरण मप्र से बंदी,बघेल ने 21 पुलिस जन लगाये थे पीछे
कालीचरण 2 दिन की रिमांड पर:जज ने मानी पुलिस की मांग, वकीलों ने कार्रवाई को गलत ठहराया; पुराने फैसलों का दिया हवाला
रायपुर 30 दिसंबर।राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को भला-बुरा कहने वाले कालीचरण महाराज को 2 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। रायपुर पुलिस ने 1 जनवरी तक कालीचरण महाराज की रिमांड मांगी थी,जिसे कोर्ट ने मान लिया। कोर्ट में 4-5 वकीलों ने कालीचरण की ओर से पक्ष रखते हुए पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए। वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट और कई राज्यों की हाईकोर्ट के आदेशों का हवाला दे पुलिस की कार्रवाई को गलत ठहराया।
सेलिब्रिटी की तरह कोर्ट में हुए दाखिल
कालीचरण समर्थकों को हाथ दिखाते हुए एक सेलिब्रिटी की तरह करीब 6.32 मिनट पर कोर्ट में दाखिल हुुुए। 2 घंटे कोर्ट के अंदर बहस चली। इसके बाद कोर्ट ने कालीचरण को पुलिस रिमांड पर भेज दिया। इससे पहले पुलिस ने रायपुर पुलिस लाइन में कालीचरण के सभी टेस्ट करवाए। शुगर, बीपी की रिपोर्ट नॉर्मल आई। इसके साथ-साथ कालीचरण की कोरोना जांच भी निगेटिव आई। कालीचरण ने किसी भी पुरानी बीमारी से इनकार किया।
कोर्ट के बाहर जमकर हुआ हंगामा
उसे जिला न्यायालय में जस्टिस चेतना ठाकुर की कोर्ट में पेश किया गया। बड़ी संख्या में लोग कोर्ट परिसर में मौजूद रहे। इस दौरान कालीचरण महाराज समर्थन में जय श्री राम और गोडसे जिंदाबाद के नारे भी लगाए गए। लगभग 500 पुलिसकर्मी और अलग-अलग थानों के प्रभारी डीएसपी रैंक के अफसर कोर्ट परिसर की सुरक्षा में तैनात रहे।
कालीचरण महाराज को रायपुर पुलिस ने गुरुवार तड़के मध्य प्रदेश के खजुराहो से गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ रायपुर, पुणे और अकोला में केस दर्ज किए गए थे। महात्मा गांधी के खिलाफ बयानबाजी के बाद से ही फरार थे। मध्यप्रदेश के गृहमंत्री ने गिरफ्तारी के तरीके पर आपत्ति जताई है। हालांकि जवाब में छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने इसे नियमानुसार एक्शन करार दिया। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कालीचरण के परिवार और वकील को उसकी गिरफ्तारी की जानकारी दे दी गई। उसे जल्द ही कोर्ट में पेश किया जाएगा।
रायपुर पुलिस ने गुरुवार तड़के 4 बजे खजुराहो से 25 किलोमीटर दूर बागेश्वर धाम स्थित लॉज से गिरफ्तारी की। बताया जा रहा है कि कालीचरण ने अपने लिए एक कॉटेज भी बुक कराया था।
पुलिस से कालीचरण की हुई बहस
पुलिस जब बागेश्वर स्थित लॉज में पहुंची तो कालीचरण यहां अपने 4 चेलों के साथ आराम फरमा रहे थे। अचानक पुलिस को देख कालीचरण ने बहस शुरू कर दी। रायपुर पुलिस के अफसरों ने कहा- चलना तो पड़ेगा, विरोध करने का कोई फायदा नहीं है।
कालीचरण पर राजद्रोह का केस भी दर्ज
रायपुर की पुलिस ने राजद्रोह की धाराएं भी इस केस में जोड़ी हैं। कालीचरण अकोला महाराष्ट्र के रहने वाले है। धर्म संसद में दिए गए विवादित बयानों को देखकर पहले धारा 294, 505(2) में मामला दर्ज हुआ था। अब धारा 153 A (1)(A), 153 B (1)(A), 295 A ,505(1)(B) , 124A धाराओं को भी जोड़ा गया है।
रायपुर पुलिस ने कालीचरण को बागेश्वर धाम में किराए के मकान से गिरफ्तार किया।
कहा था- गांधी ने देश का सत्यानाश किया, नाथूराम गोडसे को नमस्कार
रायपुर में हुई धर्म संसद के समापन के दिन शनिवार को महाराष्ट्र से आए कालीचरण ने मंच से गांधीजी के बारे में गलत बातें कहीं। उन्होंने कहा कि इस्लाम का मकसद राजनीति से राष्ट्र पर कब्जा करना है। सन् 1947 में हमने अपनी आंखों से देखा कि कैसे पाकिस्तान और बांग्लादेश पर कब्जा किया गया। मोहनदास करमचंद गांधी ने उस वक्त देश का सत्यानाश किया। नमस्कार है नाथूराम गोडसे को, जिन्होंने उन्हें मार दिया।
शिवराज के मंत्री बोले- एक्शन की जानकारी MP पुलिस की देनी चाहिए थी
मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कालीचरण की गिरफ्तारी प्रक्रिया पर ऐतराज जताया है। उन्होंने ट्वीट किया- छत्तीसगढ़ पुलिस को अपने एक्शन की जानकारी मध्यप्रदेश पुलिस को देनी चाहिए थी। इससे इंटरस्टेट प्रोटोकॉल का उल्लंघन हुआ है। मध्यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक छत्तीसगढ़ पुलिस से आपत्ति दर्ज कराएंगे।
अपने बयान पर कालीचरण को पछतावा नहीं
गिरफ्तारी से पहले कालीचरण का एक बयान सामने आया था। इसमें वह कह रहा है- गांधी को बुरा-भला कहने को मुझ पर FIR हुई है, मुझे उसका कोई पश्चाताप नहीं है। मैं गांधी से नफरत करता हूं, मेरे हृदय में गांधी के प्रति तिरस्कार है। अपने ताजा बयान में कालीचरण ने गोडसे को महात्मा बताते हुए कहा कि मैं गोडसे को कोटि-कोटि नमस्कार करता हूं। उनके चरणों में मेरा साष्टांग प्रणाम है।
Kalicharan Maharaj: रायपुर के धर्म संसद में महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) को भला-बुरा कहने वाले कालीचरण महाराज को छत्तीसगढ़ पुलिस ने मध्य प्रदेश के खजुराहो से गिरफ्तार कर लिया है।कालीचरण महाराज का असली नाम अभिजीत सारग है और वे मूल रूप से महाराष्ट्र के अकोला के रहने वाले हैं। आइए जानें कालीचरण से जुड़ी कुछ और बातें:
कालीचरण पिछले साल तब चर्चा में आये थे जब उनका एक वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हुआ था। वीडियो में वें शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करते दिख रहे थे।
कालीचरण का बचपन अकोला में ही गुजरा। वहीं से उन्होने 8वीं क्लास तक की पढ़ाई की और फिर इंदौर अपनी मौसी के यहां चले आये।
कालीचरण महाराज ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि उसकी पढ़ाई लिखाई करने में कोई दिलचस्पी नहीं थी. स्कूल जाने से बचता था। जब भी घरवाले जबरदस्ती स्कूल भेजते तो बीमार होने का नाटक कर लेता।
काली चरण इंदौर पहुंचने के बाद भय्यू जी महाराज के आश्रम में आने-जाने लगा। यहीं से धर्म के प्रति उसका लगाव बढ़ा और वहीं से दीक्षा लेने के बाद वह अभिजीत सारग से कालीचरण महाराज बन गया।
कालीचरण ने चुनाव भी लड़ा है। 2017 में हुए अकोला नगर निकाय चुनाव में कालीचरण लड़ा मगर हार गया। कालीचरण के पिता धनंजय सारंग मेडिकल शॉप चलाते हैं।