भाजपा लायेगी समान नागरिक संहिता, कांग्रेस ने पूछा-अब तक क्यों नहीं

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी बोले, भाजपा सत्ता में आते ही लाएगी यूनिफार्म सिविल कोड; तैयार होगा ड्राफ्ट

Uniform Civil Code मुख्यमंत्री धामी ने कहा उत्तराखंड में भाजपा की सरकार आने पर यूनिफार्म सिविल कोड पर फोकस रहेगा। सरकार के आते ही इसका ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा। राज्य की सांस्कृतिक-आध्यात्मिक विरासत की रक्षा को भाजपा सरकार अपने शपथ ग्रहण के तुरंत बाद एक कमेटी गठित करेगी

मुख्यमंत्री धामी बोले, भाजपा सरकार के आते ही यूनिफार्म सिविल कोड लागू करने पर रहेगा फोकस।

देहरादून 12 फरवरी।  उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में भाजपा की नई सरकार आने पर शपथ ग्रहण के तुरंत बाद सरकार यूनिफार्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) के लिए मसौदा तैयार करने को समिति बनाएगी, जिससे राज्य में जल्द से जल्द सिविल यूनिफार्म सिविल कोड लागू किया जा सके।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने कहा कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक-आध्यात्मिक विरासत की रक्षा के लिए भाजपा सरकार अपने शपथ ग्रहण के तुरंत बाद एक कमेटी गठित कर ‘यूनिफार्म सिविल कोड’ का ड्राफ्ट तैयार करेगी।इससे सभी नागरिकों के लिए समान कानून बनेगा, चाहे वे किसी भी धर्म में विश्वास रखते हों।इसके साथ ही यूनिफार्म सिविल कोड सामाजिक सद्भाव को बढ़ाने के साथ ही लैंगिक न्याय को भी बढ़ावा देगा। महिला सशक्तिकरण को मजबूत करने के साथ ही ये राज्य की असाधारण सांस्कृतिक-आध्यात्मिक पहचान और पर्यावरण रक्षा में मदद करेगा।

एक देश एक कानून

अभी देश में सभी धर्मों के विवाह और तलाक के कानून अलग-अलग हैं साथ ही संपत्ति और पैतृकता के कानून भी अलग-अलग हैं। समान नागरिक संहिता का मतलब है कि देश के सभी नागरिकों के लिए शादी, संपत्ति और उत्तराधिकार के समान कानून लागू होना। सुप्रीम कोर्ट कई बार विभिन्न धर्मों के शादी, तलाक या गुजारा भत्ता के मुकदमों में समान नागरिक संहिता की वकालत कर चुका है।

कर्नाटक में उपजे हिजाब विवाद के बाद अब उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बयान दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारी सरकार बनने पर शपथ ग्रहण करते ही ‘यूनिफॉर्म सिविल कोड’ का ड्राफ्ट तैयार करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक-आध्यात्मिक विरासत की रक्षा के लिए भाजपा सरकार अपने शपथ ग्रहण के तुरंत बाद एक कमेटी गठित कर ‘यूनिफॉर्म सिविल कोड’ का ड्राफ्ट तैयार करेगी। जिससे सभी नागरिकों के लिए समान कानून बनेगा, चाहे वे किसी भी धर्म में विश्वास रखते हों।

प्त्द्द्मेंेेेेेेेेेेेे्त्द्द्मेंे

यूनिफार्म सिविल कोड से सामाजिक सद्भाव बढ़ाने की बात पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यह लैंगिक न्याय को भी बढ़ावा देगा। उन्होंने कहा कि देश में सभी धर्मों के विवाह और तलाक के कानून अलग-अलग हैं। संपत्ति और पैतृकता के कानून भी अलग-अलग हैं। कहा कि विवाह, तलाक, उत्तराधिकार,जमीन-जायदाद जैसे विषयों पर सभी नागरिकों के लिए एक समान अधिकार होगा। जाहे वह किसी भी धर्म या जाति का हो।

शनिवार को जारी किए गए बयान में धामी ने बताया कि रिटायर्ड जजों, प्रबुद्धजनों व समाज के विभिन्न वर्गों की एक कमेटी बनाई जाएगी, जो ‘यूनिफॉर्म सिविल कोड’के लिए ड्राफ्ट तैयार करेगी। वहीं मुख्यमंत्री धामी के बयान पर भाजपा सांसद अनिल बलूनी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। मुख्यमंत्री के बयान की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इससे समाज में एकरूपता आएगी। मुख्यमंत्री धामी उत्तराखंड की बेहतरी के लिए कई निर्णायक फैसले ले रहे हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के यूनिफार्म सिविल कोड के वादे पर आगबबूला हुआ विपक्ष, जानें किसने क्‍या कहा

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने शनिवार को बड़ा एलान करते हुए कहा कि यदि भाजपा राज्‍य की सत्‍ता में दोबारा आती है तो शपथ ग्रहण के तुरंत बाद वह यूनिफार्म सिविल कोड लाएंगे। इसके लिए विशेष कमेटी गठित की जाएगी

 

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दोबारा आने पर राज्‍य में यूनिफार्म सिविल कोड लाने की बात कही है।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने शनिवार को बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि यदि भाजपा राज्‍य की सत्‍ता में दोबारा आती है तो शपथ ग्रहण के तुरंत बाद वह यूनिफार्म सिविल कोड लाएंगे। इसके लिए विशेष कमेटी गठित की जाएगी। पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) की ओर से राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने का वादा करने के बाद विपक्षी दलों ने इस पर मिली-जुली प्रतिक्रिया दी है। जानें किसने क्‍या कहा…

आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने यूनिफार्म सिविल कोड को लागू करने की घोषणा पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) पर निशाना साधते हुए कहा कि यह वादा उत्तराखंड विधानसभा चुनाव को देखते हुए किया जा रहा है। वहीं भारतीय जनता पार्टी और भाजपा युवा मोर्चा ने इस पहल के लिए धामी (Pushkar Singh Dhami) की सराहना की।

एआईएमआईएम (All India Majlis-E-Ittehadul Muslimeen, AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने धामी पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को इस तथ्य को समझना चाहिए कि यूनिफार्म का मतलब पोशाक नहीं है। बाबा कहते थे कि यह स्वैच्छिक होना चाहिए अनिवार्य नहीं। हम विविधता में एकता में विश्वास करते हैं। ओवैसी ने स्पष्ट किया कि राष्ट्र एक है लेकिन संस्कृतियां अलग-अलग हैं। लोगों को अनुच्छेद-29 के अनुसार अपनी संस्कृति को संरक्षित करने का अधिकार है।

एआईएमआईएम (All India Majlis-E-Ittehadul Muslimeen, AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने आगे कहा- धामी ने यह वादा इसलिए किया है क्योंकि उन्हें पता है कि भाजपा इस बार उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव हार जाएगी। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि उन्होंने राज्य के विकास के लिए क्या किया है। वहीं राजद नेता मनोज झा ने भी यूनिफार्म सिविल कोड का वादा करने को लेकर धामी पर तीखा हमला बोला। उन्‍होंने कहा कि यह विचार उन्हें (Pushkar Singh Dhami) उत्तर प्रदेश

 

उत्तराखंड कांग्रेस महामंत्री मथुरा प्रसाद जोशी ने तो सीधे यही पूछ लिया कि केंद्र में भाजपा सरकार सात साल से है तो अब तक समान नागरिक संहिता कानून ले क्यों नहीं आते? क्या मुख्यमंत्री इस जिक्र से वोटों के ध्रुवीकरण की उम्मीद कर रहे हैं?

कांग्रेस नेता जयवीर सिंह गिल (Congress leader Jaiveer Singh Gill) ने उत्तराखंड के मुख्य्यमंत्री पर व्यंग कसते हुए कहा कि राज्य विधानसभा चुनावों से पहले यूनिफार्म सिविल कोड का वादा करके एक जुमला पेश किया गया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी (Pushkar Singh Dhami) को इस बात की चिंता होनी चाहिए कि भाजपा के चुनाव हारने और उत्तराखंड में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद वह कैसे समय बिताएंगे। यह धामी का निर्णय हैैैै, लोग उन पर विश्‍वास नहीं करते हैं।

इस बीच भाजपा और भाजपा युवा मोर्चा ने राज्य में यूनिफार्म सिविल कोड (Uniform Civil Code) लाया जाना सुनिश्चित करने के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की सराहना की। भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने कहा- उत्तराखंड की एक अनूठी संस्कृति है और इसकी सभ्यता का एक अनूठा इतिहास है। इसलिए समान नागरिक संहिता को लागू करने से राज्य की संस्कृति को मजबूत करने में मदद मिलेगी। यह हमारा संवैधानिक कर्तव्य भी है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *