मुख्यमंत्री कार्यालय से सचिव राधिका व नीरज खैरवाल और अपर सचिव डॉ मेहरबान व सुरेश जोशी हटे
मुख्यमंत्री कार्यालय में नई तैनाती शुरू, चार अफसरों को दिखाया गया बाहर का रास्ता
राधिका झा और नीरज खैरवाल को सचिव मुख्यमंत्री पद से हटाया।
शासन ने सचिव राधिका झा और नीरज खैरवाल को सचिव मुख्यमंत्री और पीसीएस मेहरबान सिंह बिष्ट को अपर सचिव मुख्यमंत्री के पद से हटा दिया है। वहीं आइएएस सुरेंद्र नारायण को प्रभारी सचिव मुख्यमंत्री और सोनिका को अपर सचिव मुख्यमंत्री बनाया गया है।
देहरादून 19 मार्च। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अब नौकशाहों को लेकर अपनी टीम बनानी शुरू कर दी है। इस कड़ी मेें उन्होंने दो आइएएस (IAS) अधिकारियों को अपना सचिव और अपर सचिव बनाया है, तो वहीं चार को मुख्यमंत्री कार्यालय से बाहर का रास्ता दिखाया गया है।
शुक्रवार को अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी के जारी आदेशों के अनुसार आइएएस सुरेंद्र नारायण पांडेय को सचिव मुख्यमंत्री और आइएएस सोनिका को अपर सचिव मुख्यमंत्री पद का दायित्व दिया गया है। वहीं, त्रिवेंद्र सरकार में सचिव रहीं आइएएस राधिका झा और डाक्टर नीरज खैरवाल को सचिव मुख्यमंत्री के पद से हटा दिया गया है।
इसके साथ ही अपर सचिव (पीसीएस) डाक्टर मेहरबान सिंह बिष्ट और सचिवालय सेवा के सुरेश चंद्र जोशी से अपर सचिव मुख्यमंत्री का पदभार भी वापस लिया गया है। इससे पहले मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने आइएएस शैलेश बगोली को अपने कार्यालय में सचिव के रूप में जोड़ा था। शुक्रवार को हुए इन स्थानांतरणों के बाद माना जा रहा है कि जल्द ही अब बड़े पैमाने पर अधिकारियों के पदभार भी बदले जाएंगें।
मुख्यमंत्री सचिवालय में नए चेहरे के रूप में प्रभारी सचिव सुरेंद्र नारायण पांडे की एंट्री हुई है। सीएम सचिवालय का सबसे मजबूत चेहरा रहीं आईएएस राधिका झा के पास अब सचिव ऊर्जा, वैकल्पिक ऊर्जा और स्थानिक आयुक्त दिल्ली की जिम्मेदारी शेष रह गई है। आईएएस डाक्टर नीरज खैरवाल के पास अब प्रभारी सचिव ऊर्जा, एमडी यूपीसीएल, एमडी पिटकुल की जिम्मेदारी है।
अपर सचिव पर्यटन, धर्मस्व, चिकित्सा स्वास्थ्य, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी पर्यटन विकास परिषद सोनिका को अपर सचिव सीएम का अतिरिक्त दायित्व दिया गया है। डाक्टर मेहरबान सिंह बिष्ट के पास भी अपर सचिव राजस्व, निदेशक खनन, निदेशक खाद्य प्रसंस्करण का दायित्व है। अपर सचिव सुरेश जोशी के पास अपर सचिव समाज कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, निदेशक जनजाति निदेशालय, निदेशक मदरसा शिक्षा परिषद, निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण, एमडी अल्पसंख्यक कल्याण निगम का दायित्व बना रहेगा।