दिलबर नेगी के हत्यारोपित की जमानत याचिका खारिज
दिल्ली दंगे : दिलबर नेगी हत्या मामले में एक आरोपी की जमानत याचिका खारिज
नयी दिल्ली, 19 अगस्त (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने दिलबर नेगी हत्या मामले में आरोपी मोहम्मद ताहिर की जमानत याचिका बुधवार को खारिज करते हुए कहा कि इस वक्त उसकी रिहाई जांच को प्रभावित कर सकती है। गौरतलब है कि फरवरी में उत्तरी-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान नेगी का जला हुआ शव एक गोदाम से बरामद हुआ था। पुलिस इसे हत्या मानकर इसकी जांच कर रही है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष के गवाह अमित पाल की गवाही से स्पष्ट है कि गोकुलपुरी इलाके में गैरकानूनी तरीके से
नयी दिल्ली, 19 अगस्त (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने दिलबर नेगी हत्या मामले में आरोपी मोहम्मद ताहिर की जमानत याचिका बुधवार को खारिज करते हुए कहा कि इस वक्त उसकी रिहाई जांच को प्रभावित कर सकती है। गौरतलब है कि फरवरी में उत्तरी-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान नेगी का जला हुआ शव एक गोदाम से बरामद हुआ था। पुलिस इसे हत्या मानकर इसकी जांच कर रही है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष के गवाह अमित पाल की गवाही से स्पष्ट है कि गोकुलपुरी इलाके में गैरकानूनी तरीके से जमा हुए लोगों में ताहिर भी था और उनकी मंशा उनके पास मौजूद हथियारों, आगजनी, लूट और तोड़-फोड़ की घटनाओं से साफ जाहिर होती है। अदालत ने अपने 18 अगस्त के एक आदेश में कहा था कि पहली नजर में यह स्पष्ट है कि ताहिर उस भीड़ का हिस्सा था और कॉल डिटेल से स्पष्ट है कि वह मौका-ए-वारदात पर भी था। सुनवाई के दौरान ताहिर के वकील ने कहा कि उसके मुव्वकिल के भाई की दुकान वहां होने के कारण, मौके पर उसका होना संदेहास्पद नहीं है। साथ ही वकील ने दावा किया कि ताहिर के खिलाफ एकमात्र साक्ष्य अभियोजन पक्ष के गवाह अमित पाल की गवाही है, लेकिन उन्होंने उस पर नेगी की हत्या का आरोप नहीं लगाया है। विशेष लोक अभियोजक ने ताहिर की जमानत का विरोध किया। दिल्ली दंगों से जुड़े एक अन्य मामले में अदालत ने 55वर्षीय व्यक्ति को जमानत देते हुए कहा कि वह अपने क्षेत्र में शांति और सौहार्द बनाए रखेंगे। न्यायाधीश यादव ने ओम प्रकाश वर्मा को 20 हजार रुपये के मुचलके और इतनी ही राशि के बांड पर ओम प्रकाश वर्मा को राहत दे दी। वर्मा पर दंगों के दौरान लूट और करावल नगर इलाके में बाइक मरम्मत की दुकान में आग लगाने का आरोप है।
चार्जशीट से खुलासा : मुस्लिम भीड़ ने पहले हिन्दू लड़के दिलबर नेगी को काटा फिर आग में फेंक दिया
फ़रवरी में पूर्वी दिल्ली के मुस्लिम बहुल इलाकों में हुए हिन्दू विरोधी दंगों में अब लम्बी जांच, सबूतों और गवाहों के आधार पर दिल्ली पुलिस ने चार्ज शीट दाखिल करना शुरू कर दिया है
दिल्ली पुलिस ने मिठाई की दूकान पर काम करने वाले हिन्दू लड़के दिलबर नेगी की हत्या के मामले में 12 के खिलाफ आरोप तय किये है, दिल्ली पुलिस ने कड़कड़डूमा कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है
चार्ज शीट के अनुसार मुस्लिम भीड़ ने पहले अनिल स्वीट शॉप में काम करने वाले दिलबर नेगी को पकड़ा, उसे हथियारों से काटा और फिर आग में फेंक दिया
पुलिस ने अदालत को बताया कि गत फरवरी में पूर्वोत्तर दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा के दौरान मुस्लिम भीड़ ने हिंदुओं की संपत्तियों को निशाना बनाते हुए उसकी मिठाई-दुकान के अंदर एक व्यक्ति (दिलबर नेगी) को जिंदा जला दिया गया था।
क्राइम ब्रांच ने मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ऋचा परिहार के समक्ष चार्जशीट दायर की है। वो सभी आरोपित फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं, जिन पर हत्या, दंगा, धर्म के आधार पर दो समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और आपराधिक साजिश के आरोप लगाए गए हैं।
इस चार्जशीट के अनुसार, मुस्लिम समुदाय की एक भीड़ ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली के बृजपुरी पुलिया की तरफ से आई और हिंदुओं की संपत्तियों को निशाना बनाते हुए दंगा करना शुरू कर दिया और 24 फरवरी की देर रात तक उनमें आगजनी करती रही।
पुलिस ने कहा कि भीड़ ने अनिल स्वीट्स नाम की एक दुकान में लगा दी थी, जहाँ से पुलिस ने 26 फरवरी को दिलबर नेगी का शव बरामद किया था। हत्या के वक्त नेगी लंच और आराम करने के लिए दुकान के गोदाम में गया था, जहाँ उसे दंगाइयों ने काटकर आग में झोंक दिया था।
दिलबर सिंह नेगी उत्तराखंड के पौड़ी जिले स्थित थलीसैण ब्लॉक से सम्बन्ध रखते थे। उनके करीबी श्याम सिंह ने बताया कि 23 फ़रवरी की शाम कुछ दंगाई शाहदरा इलाके में शोर मचाते हुए घुसे। दंगाइयों ने नेगी को अपना पहला निशाना बनाया। उनके हाथ-पैर काट दिए। फिर पास की दुकान में लगी आग में झोंक दिया।
इस घटना को देख वहाँ के लोगों में अफरा-तफरी मच गई। अपनों के बीच चीख-पुकार शुरू हो गई। दहशत में लोग अपनी जान बचाकर भागे।
दिलबर नेगी के शरीर की राख अनिल स्वीट्स के गोदाम से बरामद हुई थी। जिसमें स्पष्ट देखा जा सकता था कि बिना हाथ और पैरों का शरीर राख के ढेर में तब्दील हो चुका था।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के दौरान समुदाय विशेष की भीड़ के निशाने पर दूसरे समुदाय की संपत्ति थी। दंगाइयों की भीड़ ने देर रात तक उत्पात मचाते हुए शिव विहार तिराहे के आसपास की एक समुदाय के लोगों की संपत्तियों में तोड़-फोड़ करने के साथ आगजनी की थी।
क्राइम ब्रांच के आरोप पत्र के मुताबिक उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों की शुरुआत कर्दमपुरी, मौजपुर और चाँद बाग हुई थी। इसके बाद दंगाईयों की भीड़ उत्तर-पूर्वी जिले के विभिन्न इलाकों में और उसके बाद डीआरपी स्कूल और राजधानी पब्लिक स्कूल के पास शिव विहार तिराहा पर पहुँची थी। दोपहर बाद लगभग तीन बजे बृजपुरी पुलिया की तरफ से समुदाय विशेष के लोगों की भीड़ आ गई और दंगा शुरू कर दिया। दंगाई भीड़ ने देर रात तक उत्पात मचाया।