लालच और धोखा दे बना रहे थे दून में ईसाई, हंगामा, मुकदमा

लालच और दबाव से  सामूहिक मतांतरण करवाने पर जमकर हंगामा, निशुल्क पढ़ाई और पैसे का दिया जा रहा था लालच, मुकदमा
हंगामे की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और वहां मौजूद पादरी को हिरासत में ले लिया।
पुलिस अधीक्षक सरिता डोबाल के अनुसार घर में करीब 50 से 60 हिंदुओं का मतांतरण कराया जा रहा था। फिलहाल अज्ञात व्यक्ति के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ है। मामले की जांच की जा रही है।जिसका नाम भी मतांतरण करवाने में सामने आएगा उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

देहरादून 20 नवंबर: देहरादून के ईसी रोड स्थित एक मकान में जबरन मतांतरण कराए जाने का मामला सामने आया है। इसकी सूचना जब हिंदू संगठनों को मिली तो उन्होंने वहां पहुंचकर जमकर हंगामा किया। हंगामे की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और वहां मौजूद पादरी को हिरासत में ले लिया। पादरी से आराघर पुलिस चौकी में करीब एक घंटे तक पूछताछ की गई।

घर में करीब 50 से 60 हिंदुओं का कराया जा रहा था मतांतरण

पुलिस अधीक्षक सरिता डोबाल के अनुसार, घर में करीब 50 से 60 हिंदुओं का मतांतरण कराया जा रहा था। फिलहाल अज्ञात व्यक्ति के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की जांच की जा रही है। इस बीच जिसका नाम भी मतांतरण करवाने में सामने आएगा, उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। पुलिस को दी तहरीर में शिवाजी एन्क्लेव, वाणी विहार निवासी छत्रपाल सिंह ने बताया कि ईसी रोड स्थित रवि फ्रांसिस के घर में अक्सर ईसाइयों का धार्मिक कार्यक्रम चलता है।

इलाज के नाम पर कराई जा रही थी प्रार्थना

रविवार को रायपुर, ईसी रोड, पौड़ी गढ़वाल व अन्य जगहों से महिलाओं व पुरुषों को कार्यक्रम में बुलाया गया था। वह भी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने देखा कि वहां हिंदुओं को भ्रमित किया जा रहा था। वहां इलाज के नाम पर प्रार्थना कराई जा रही थी। हिंदू धर्म को लेकर गलत शब्दों का प्रयोग किया जा रहा था।

कहा- घरों में रखी देवी-देवताओं की फोटो बाहर रखो

वहां मौजूद नागरिकों के सिर के ऊपर पानी भरा लोटा घुमाया जा रहा था और उसका पानी सभी पर छिड़का जा रहा था। लिखित शिकायत में उन्होंने बताया कि हिंदुओं से कहा जा रहा था कि अपने घरों में रखी देवी-देवताओं की फोटो बाहर कर दो। इससे उनकी भावनाएं आहत हुईं। साथ ही कहा जा रहा था कि अगर तुम ईसाई बन जाओगे तो तुम्हारे बच्चों को निःशुल्क शिक्षा दिलाई जाएगी। शिकायतकर्ता का आरोप है कि जब उन्होंने इसका विरोध किया तो उन्हें पीटा गया।

पूछताछ के बाद पादरी को छोड़ा

मामले की संवेदनलशीलता को देखते हुए पुलिस वहां पर तंत्रमंत्र कर रहे पादरी अमित फ्रांसिस को अपने साथ ले गई। पुलिस ने उससे करीब एक घंटे तक पूछताछ की। डालनवाला कोतवाली पुलिस पहले मामले को हल्के में ले रही थी, लेकिन उच्चाधिकारियों के आदेश के बाद पुलिस ने अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया। जांच के बाद आरोपितों को नामजद किया जाएगा।

परेशानी दूर करने का देते हैं लालच

शिकायतकर्ता ने बताया कि भोले-भाले व गरीबों को परेशानी दूर करने का लालच दिया जाता है। उन्हें एक व्यक्ति ने बताया कि यदि घर की कोई समस्या हो तो ईसी रोड घर पर होने वाले ईसाइयों के धार्मिक सत्संग में जाकर दूर करा सकते हैं। इसलिए वह भी कार्यक्रम में पहुंच गए। उन्हें नहीं पता था कि वहां पर मतांतरण कराया जा रहा है।

रविवार को देहरादून में पुलिस ने इईसी रोड पर दबिश दी। हाल ही में धामी सरकार ने धर्मांतरण पर अंकुश लगाने के लिए संशोधित कर नया कानून लागू किया है।

रविवार को सूचना पर पुलिस इईसी रोड स्थित एक घर में दबिश दी। वहां पर 50 से 60 लोगों के धर्मांतरण के खेल में लगे होने की बात कही जा रही है। पुलिस कई लोगों को उठाकर आराघर चौकी में लाकर पूछताछ कर रही है। पकड़े लोग अभी कुछ बता नहीं रहे हैं। उनका कहना है कि हम लोग खुद अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन करके यहां प्रार्थना करने के लिए आए थे।

स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां पर काफी दिनों से लोगों का आना जाने का सिलसिला जारी है। ये लोग धर्म परिवर्तन के कार्य में लंबे समय से लगे हुए हैं। वहीं पुलिस इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का कहना है कि देवभूमि में इस तरह के कृत्य को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जो लोग इस तरह के खेल में शामिल हैं, उन्हें बेनकाब किया जाएगा। उन्होंने मुख्यमंत्री से भी अपील की है कि इस तरह के लोगों को चिन्हिृत कर दंडित किया जाए।

10 साल तक की हो सकती है सजा

हालिया कैबिनेट बैठक में उत्तराखंड में जबरन सामूहिक मतांतरण पर तीन से लेकर 10 वर्ष तक कारावास का प्रविधान किया गया है। जुर्माने की राशि 15 हजार रुपये से बढ़ाकर 25 हजार रुपये की गई है। इसके अंतर्गत अब इस तरह के सभी अपराध संज्ञेय और गैर जमानती हैं। बीते 16 नवंबर को पुष्कर सिंह धामी मंत्रिमंडल ने यह अहम निर्णय लेते हुए उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक के मसौदे को स्वीकृति दी है।

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