तीरथ मंत्री परिषद में चार नये नाम-चुफाल, बंशीधर, गणेश जोशी और स्वामी यतीश्वरानंद
देहरादून 12 मार्च । उत्तराखंड में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत मंत्रीमंडल विस्तार में आज चार नये चेहरे शामिल किए गए हैं। इनमें बिशन सिंह चुफाल, बंशीधर भगत, गणेश जोशी और स्वामी यतीश्वरानंद शामिल किए गए हैं। मुन्ना सिंह चौहान को इस बार भी छोड़ दिए जाने और विधायक मसूरी गणेश जोशी तथा हरिद्वार ग्रामीण से तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत को हराने वाले स्वामी यतीश्वरानंद को शामिल किया जाना लोगों को एकबार फिर आश्चर्य में डाल गया।
1-बंशीधर भगत
छह बार के विधायक बंशीधर भगत नैनीताल की कालाढूंगी विधानसभा से विधायक हैं। भगत को प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाकर मदन मदन कौशिक को प्रदेश अध्यक्ष का प्रभार दिया गया है. अब उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया. वे उत्तर प्रदेश में राज्य मंत्री, नित्यानंद स्वामी सरकार में कैबिनेट मंत्री और प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। अध्यक्ष पर पर उनकी पहचान विवादास्पद बयान देने की रही। शपथ लेने के बाद उन्होंने कहा कि मंत्री पद पर ये उनका आखिरी शपथग्रहण है।
2-बिशन सिंह चुफाल
बिशन सिंह चुफाल पिथौरागढ़ की डीडीहाट सीट से विधायक हैं. पांच बार के विधायक चुफाल ब्लाक प्रमुख, कुमाऊं मंडल विकास निगम अध्यक्ष, पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व की सरकारों में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं.हालांकि पिछली त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार में चुफाल मंत्री नहीं बन पाए, लेकिन बदले हुए राजनीतिक समीकरणों में चुफाल की वरिष्ठता,अनुभव तथा क्षेत्रीय संतुलन के लिए मंत्री बनाए गए.
3-अरविंद पांडे
संघ पृष्ठभूमि के अरविंद पांडे बीजेपी के वरिष्ठ विधायक हैं. ऊधम सिंह नगर की गदरपुर सीट से विधायक अरविंद पांडे त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार में शिक्षा ,संस्कृत शिक्षा तथा खेल मंत्री रहे. तराई में मजबूत पकड़ और संघ के पुरानी जड़ों के कारण उनका तीरथ सिंह रावत मंत्रिमंडल में शामिल होना लगभग तय था.
4-डॉक्टर हरक सिंह रावत
वर्तमान में कोटद्वार से विधायक डाक्टर हरक सिंह रावत साल 2017 में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए.डाक्टऱ हरक सिंह पूर्व की कांग्रेस सरकारों में भी मंत्री रहे हैं. साथ ही त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार में वन, श्रम के साथ ही आयुष विभाग के भी मंत्री रहे. श्रम विभाग में कामकाज को लेकर वो विवादों में भी रहे. त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार में मंत्री रहते वो कभी भी संतुष्ट नहीं रहे. आरोप लगे कि उन्हीं के विभाग के अधिकारी उनकी अनदेखी कर रहे हैं.
5-सुबोध उनियाल>
टिहरी की नरेंद्र नगर सीट से विधायक सुबोध उनियाल साल 2017 में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए. बीजेपी के जीतने वाले 57 विधायकों में से एक उनियाल भी थे. त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार में वो कृषि मंत्री रह चुके हैं. मंत्री रहते हुए उनके त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ अच्छे संबंध रहे।
6-यशपाल आर्य
ऊधम सिंह नगर के बाजपुर से विधायक यशपाल आर्या कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे, लेकिन साल 2017 में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए. दलित पृष्ठभूमि से आने वाले यशपाल आर्य पूर्व में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के साथ ही विधानसभा अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री भी रहे. बीजेपी में शामिल होने के बाद 2017 में बनी त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व वाली सरकार में उन्हें परिवहन और समाज कल्याण विभाग का मंत्री बनाया गया. हालांकि इस सरकार में यशपाल आर्य कटे-कटे से रहे. उनके विभाग के अधिकारी भी उनकी नहीं सुनते थे. यशपाल आर्य सरकार में ज्यादा महत्व न मिलने से परेशान भी रहे, लेकिन दलित पृष्ठभूमि में होने के कारण तीरथ कैबिनेट में शामिल किए गए.
7-सतपाल महाराज
सतपाल महाराज उत्तराखंड के वरिष्ठ राजनेताओं में से एक हैं. साल 2014 में लोकसभा चुनावों से पहले ही सतपाल महाराज से कांग्रेस सांसद रहते हुए पार्टी छोड़ दी और बीजेपी में शामिल हो गए. महाराज इस समय पौड़ी की चौबट्टाखाल विधानसभा सीट से विधायक हैं और त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार में सिंचाई और पर्यटन मंत्री रहे. हालांकि त्रिवेंद्र सरकार में उनकी हैसियत नंबर दो की थी, लेकिन उनकी त्रिवेंद्र सिंह से खटास रही. त्रिवेंद्र के हटने के बाद महाराज का नाम मुख्यमंत्री की रेस में भी रहा, लेकिन तीरथ सिंह को मुख्यमंत्री बना दिया गया.
8-डॉक्टर धन सिंह रावत
श्रीनगर से बीजेपी विधायक धन सिंह रावत राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से आए नेता हैं. बीजेपी में आने से पहले वो बीजेपी के संगठन महामंत्री और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश संगठन मंत्री चुके हैं.डाक्टर धन सिंह रावत वैसे तो त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार में राज्यमंत्री थे, लेकिन उनका जलवा कैबिनेट मंत्रियों से भी ज्यादा था. संघ में मजबूत पकड़ और लगातार दौड़ने-भागने वाले धन सिंह रावत का तीरथ सिंह रावत सरकार में मंत्री बनना तय था.
9-रेखा आर्या
कभी बीजेपी तो कभी कांग्रेस में रहीं रेखा आर्या अल्मोड़ा की सोमेश्वर विधानसभा से विधायक हैं.त्रिवेंद्र सिंह सरकार में रेख आर्या पशुपालन और महिला कल्याण विभाग की राज्यमंत्री रहीं.इस दौरान उनके अधिकारियों के साथ हुए विवादों ने सरकार की बहुत किरकिरी की,लेकिन दलित और महिला चेहरा होने के कारण रेखा आर्य मंत्री बनाई गई। उन्होंने परंपरागत कुमाऊनी परिधान और नथ के साथ शपथ ली।
10- गणेश जोशी
गढ़वाल राइफल में रह चुके गणेश जोशी मसूरी से तीन बार के बेहद सक्रिय विधायक हैं जिन्हें वरिष्ठतम विधायक हरबंस कपूर का राजनीतिक शिष्य माना जाता है। उन्होंने फौजी टोपी में शपथ लेकर मुख्यमंत्री को फौजी सैल्यूट मारा। पत्रकारों से बातचीत में जोशी भावुक हो गए और उनका गला भर आया।
11- स्वामी यतीश्वरानंद
तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत को हरिद्वार ग्रामीण से अच्छे अंतर से पछाड़ने वाले स्वामी यतीश्वरानंद भी दो बार के विधायक हैं और गुरुकुल से संस्कृत में शास्त्री तथा पीएचडी हैं।
RSS कार्यालय बना शक्ति केंद्र, आज शाम होगी शपथ
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत शुक्रवार को तिलक रोड़ स्थित आरएसएस कार्यालय पहुंचे. यहां उन्होंने प्रांत प्रचारक युद्ववीर समेत प्रांतीय टीम के सभी पदाधिकारियों से मुलाकात की. मुख्यमंत्री ने संघ पदाधिकारियों से सरकार चलाने में मार्गदर्शन मांगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि वे अकेले कुछ नहीं हैं. आप मार्गदर्शन करेंगे, उस पर पूरी टीम मिलकर काम करेगी.
मुख्यमंत्री के संघ कार्यालय से जाने के कुछ देर बाद सतपाल महाराज ने भी संघ कार्यालय पहुंचकर संघ पदाधिकारियों से मुलाकात की.संघ से जुडे सूत्रों के अनुसार सतपाल महाराज के जाने के बाद मुख्य सचिव ओमप्रकाश भी संघ कार्यालय पहुंचे.बताया जा रहा है कि मुख्य सचिव सरकारी वाहन छोड़ प्राइवेट कार से संघ कार्यालय पहुंचे.दरअसल,मुख्यमंत्री बदलने के बाद शासन में भी महत्वपूर्ण बदलाव होने वाले हैं. मुख्य सचिव की इस मीटिंग को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है.