CIMS और UIHMT ग्रुप ऑफ कालेज 300 निर्धन विद्यार्थियों को देगा निशुल्क उच्च शिक्षा

देहरादून 03 नवंबर। उत्तराखंड के देहरादून में स्थित CIMS & UIHMT ग्रुप ऑफ कॉलेज ने बड़ी पहल करते हुए उत्तराखंड के आर्थिक रूप से कमजोर 300 छात्र-छात्राओं को निःशुल्क उच्च शिक्षा प्रदान करने का फ़ैसला लिया है। CIMS & UIHMT ग्रुप ऑफ कॉलेज न सिर्फ़ उच्च शिक्षा बल्कि सामाजिक सरोकारों में भी अग्रणी भूमिका निभाता रहा है। ग्रुप के चेयरमैन एडवोकेट ललित मोहन जोशी सजग इंडिया के माध्यम से बीते 15 सालों से नशे के खिलाफ जन जागरूकता अभियान चला रहे हैं। वर्तमान में भी संस्थान कोरोना काल में अनाथ हुए 100 बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान करा रहा है। अपनी इस पहल को आगे बढ़ाते हुए अब उन्होंने बड़ा फैसला लेते हुए उत्तराखंड के आर्थिक रूप से कमजोर 300 छात्र-छात्राओं को निःशुल्क उच्च शिक्षा प्रदान करने का निर्णय लिया है।

आज यहां उत्तरांचल प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए CIMS & UIHMT ग्रुप ऑफ कॉलेज के चेयरमैन एडवोकेट ललित मोहन जोशी ने कहा कि प्रायः हमारे प्रदेश में यह देखा गया है कि कई छात्र-छात्राओं की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण 10वीं/12वीं के बाद वह उच्च शिक्षा से वंचित हो जाते हैं और कई गलत रास्तों में भटक जाते हैं और कई युवा नशे के जंजाल में फंस जाते हैं। यह स्थिति देखते हुए CIMS & UIHMT Group of Colleges ने निर्णय लिया है कि हम अपने निजी शिक्षण संस्थान में 300 छात्र-छात्राओं को प्रतिवर्ष निःशुल्क शिक्षा प्रदान करेंगे, ताकि वह आगे बढ़कर अपने परिवार के भरण-पोषण के साथ-साथ प्रदेश एवं देश के काम आ सकें एवं व्यसनमुक्त समाज के निर्माण में भागीदार बन सकें। उन्होंने बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर 300 छात्र-छात्राओं को निःशुल्क उच्च शिक्षा,चिकित्सा शिक्षा प्रदान करके उनको शत-प्रतिशत जॉब में लाने का प्रयास किया जाएगा। प्रवेश लेने की अंतिम तिथि 30 नवम्बर, 2022 तक है, जिसमें पहले आओ,पहले पाओ के माध्यम से सीटें आवंटित की जाएगी।

CIMS &UIHMT ग्रुप की इस पहल को राज्य के कई गणमान्य व्यक्तियों का भी सहयोग मिला है। प्रेस वार्ता में राज्य आंदोलनकारी जनकवि अतुल शर्मा ने अपना आशीर्वाद देते हुए संस्थान का अभियान सराहा। उन्होंने कहा कि राज्य स्थापना दिवस से पहले यह राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर छात्र-छात्राओं को बहुत बड़ा उपहार है। प्रेस वार्ता में मौजूद बॉलीवुड कलाकार हेमंत पांडे ने भी संस्थान की पहल सराही, उन्होंने कहा कि वह संस्थान के इस प्रयास का प्रचार-प्रसार ब्रांड एंबेसेडर के तौर पर निःशुल्क करेंगे।
प्रेस वार्ता को लोकगायिका पद्मश्री डॉक्टर माधुरी बर्थवाल, सीएमआई अस्पताल के चेयरमैन डॉक्टर महेश कुड़ियाल ने भी संबोधित किया। उन्होंने CIMS &UIHMT ग्रुप ऑफ कॉलेज के इस प्रयास को सराहते हुए पूर्ण समर्थन देने का घोषणा की।

कार्यक्रम में कूर्मांचल परिषद अध्यक्ष कमल रजवार, गोरखाली सुधार सभा अध्यक्ष पदम सिंह थापा, धाद संस्था के महामंत्री तन्मय ममगाई, रिटायर्ड कर्नल ठाकुर सिंह,राज्य आंदोलनकारी परिषद जिलाध्यक्ष प्रदीप कुकरेती, बलूनी स्कूल के प्रबंध निदेशक विपिन बलूनी, राज्य आंदोलनकारी रवींद्र जुगरान, प्रेस क्लब अध्यक्ष जितेंद्र अन्थवाल महासचिव ओपी बिंजवाल, शिक्षाविद डाक्टर सुशील राणा, बबिता शाह लोहनी, गिरीश सनवाल सहित अनेक सामाजिक जन उपस्थित थे।

सत्र 2022-23 के लिए इन पाठ्यक्रमों में दिया जाएगा प्रवेश-


(B.Sc. Medical Microbiology, B.Sc. Optometry, B.Sc.Pathology, Bachelor in Hospital Administration, BBA, BCA, B.Sc.IT, B.A.(Honour), Mass Communication, B.Com (Hons.), BHM, DHM, BA, B.Com, B.Sc.(PCM/ZBC),Master in Public Health, Master in Hospital Administration, Master in Hostel Management, M.Sc. Biochemistry, M.Sc.Microbiology, M.Sc.MLT, P.G. Diploma-Diploma in Yoga Science, Diploma in Yoga, P.G. Diploma in Fitness & Sports Management, P.G. Diploma in Business Accounting & Taxation, P.G. Diploma in Journalism & Mass Communication, P.G. Diploma in Water Sanitization & Hygiene)

इन सीटों को भरने हेतु संस्थान उन छात्र-छात्राओं को पहले प्राथमिकता देगा, जो निम्नलिखित श्रेणी में आते हैं –

1. कोरोना महामारी में अनाथ हुए बच्चे जो कि दसवीं या बारहवीं के बाद आगे की पढ़ाई करना चाहते हैं या कारोनाकाल में उनके घर के कमाऊ व्यक्ति माता या पिता की मृत्यु हो चुकी है।

2. देश एवं प्रदेश के किसी भी फोर्स (आर्मी, पुलिस, अर्धसैनिक अथवा अन्य फोर्स) में शहीद हुए उत्तराखण्ड के जवान के बच्चे जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक ना हो।

3. उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारियों के आश्रित बच्चे, जिनकी आर्थिक स्थित ठीक ना हो, जो उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हों।

4. उत्तराखण्ड के लोक-कलाकार एवं लोक संस्कृति एवं साहित्य को जीवित रखने के लिए जो कलाकार निःस्वार्थ भाव से लगे हैं, अगर उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है तो उनके ऐसे बच्चों को संस्थान द्वारा दसवीं/बारहवीं बाद निःशुल्क उच्च शिक्षा प्रदान करके उनको रोजगार मुहैया कराया जाएगा।

5. उत्तराखण्ड के आपदा प्रभावित क्षेत्रों के ऐसे बच्चे जिनकी आपदाओं के कारण आर्थिक स्थिति खराब हो, को भी उच्च शिक्षा एवं रोजगारपरक शिक्षा निःशुल्क प्रदान की जाएगी।

6. मीडिया देश का चौथा स्तम्भ है, जहाँ पर हमारे मीडियाकर्मी भी एक सैनिक की भांति समाज को एक नई दिशा देते हैं और कोरोना महामारी के बाद हमारे प्रदेश के अनेक मीडियाकर्मी साथियों (प्रिंट एवं इलैक्ट्रानिक मीडिया, सोशल मीडिया, स्वतंत्र पत्रकार एवं अन्य मीडिया के साथी) जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक ना हो, के परिवार के बच्चों को भी निःशुल्क उच्च शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा प्रदान की जाएगी।

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