भारी वर्षा से उत्तराखंड आपत्ति में, चार मौतें,13 खोये,जेबीसी से पहुंचे धामी,पैदल पहुंचे गणेश
JCB में चढ़कर मालदेवता के प्रभावित क्षेत्र में घूमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी , भारी बारिश से नुकसान
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून जिले में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया। थानों मार्ग पर क्षतिग्रस्त पुल का निरीक्षण कर मुख्यमंत्री ने वैकल्पिक व्यवस्था की बात कही।
देहरादून 20 अगस्त। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून जिले में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया। थानों मार्ग पर क्षतिग्रस्त पुल का निरीक्षण कर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आवागमन सुचारू करने को शीघ्र वैकल्पिक व्यवस्था करने को कहा। धामी शनिवार को बारिश से मालदेवता में नुकसान देखने पहुंचे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासन एवं एसडीआरएफ की टीमें निरंतर राहत एवं बचाव कार्यों के साथ ही अन्य व्यवस्थाएं कर रही हैं। विधायकगण अपने क्षेत्रों की स्थिति देख रहे हैं। सेना भी संपर्क में हैं। हेलीकॉप्टर की अवश्यकता पड़ी तो सेना से भी मदद लेंगें। स्टेट हेलीकॉप्टर भी आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लिए अलर्ट मोड पर है।
बारिश से आपदा, 4 मौतें-13 लापता, गंगा सहित कई नदियां उफनाईं; सड़कें बहीं तो मलबे में मकान दबे
उधर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी के नेतृत्व में उच्चाधिकारी भी मैदान में डटे हुए हैं।
उत्तराखंड में लगातार बारिश मुसीबत बनी है। भारी बरसात से नदियां उफान पर हैं। भूस्खलन से केदारनाथ हाईवे सहित प्रदेशभर में कई सड़कें बंद हो गईं हैं। नदियों के उफान पर अलर्ट है।
बरसात से मलबे में दबकर टिहरी जिले में तीन और पौड़ी जिले में एक मौत हुई। अतिवृष्टि से देहरादून में पांच सहित प्रदेशभर में 13 लोग लापता हैं। मलबे में दर्जनभर मकानों को भी नुकसान पहुंचा। कई जिलों में नालों के उफान से सड़कें भी बह गईं।
भारी बरसात के बाद गंगा, काली, सरयू आदि नदियां उफनी हैं। भूस्खलन से केदारनाथ हाईवे सहित प्रदेशभर में कई सड़कें बंद हो गईं। नदियों के उफान पर प्रशासन ने तटीय इलाकों में अलर्ट जारी किया है। बरसात में भूस्खलन से कई मकान भी मलबे में दब गए हैं।
अतिवृष्टि से देहरादून, पौड़ी, टिहरी, चमोली, पिथौरागढ़ आदि जिलों में नुकसान हुआ है। प्रशासन राहत व बचाव कार्य कर रहा है। लेकिन, खराब मौसम प्रशासन के लिए चुनौती बना है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर हो रही भारी वर्षा से उत्पन्न परिस्थितियों की आपदा प्रबंधन विभाग से जानकारी ली। प्रशासन अलर्ट मोड पर है। प्रभावित क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन की टीमें लगातार कार्य कर रही हैं।
देहरादून में देहरादून में अतिवृष्टि से सरखेत में भारी नुकसान
शनिवार तड़के देहरादून और आसपास के इलाकों में भारी बारिश ने विनाशलीला की। मालदेवता के सरखेत में बादल फटने के हालात हैं। यहां तड़के कई घरों में मलबा और पानी भर गया। एक रिसोर्ट में महिलाओं, बच्चों समेत कुछ लोग फंस गए।
वहीं रायपुर-थानो रोड पर क्रिकेट स्टेडियम के पास सौंग नदी में बना पुल बह गया। इससे एक कार और तीन स्कूटी सवार नदी में जा गिरे। संतोष यह कि उन्हें समय रहते बचा लिया गया। आठ घायलों को जौलीग्रांट अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
तमसा नदी उफान पर
प्रेमनगर नदी में एक मजदूर को भी एसडीआरएफ की टीम ने बचाया। टपकेश्वर मंदिर क्षेत्र में भी तमसा नदी उफान पर है। यहां मंदिर परिसर में भी पानी घुसा है।
#WATCH | River Tamasa in spate near Tapkeshwar Mahadev temple in Dehradun following continuous rains in the area#Uttarakhand pic.twitter.com/Okxa0otY7N
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 20, 2022
एसडीआरएफ़ के अनुसार आपदा कंट्रोल रूम देहरादून ने बताया कि एक व्यक्ति ने पौने तीन बजे ग्राम सरखेत रायपुर में बादल फटने की सूचना दी और बताया कि कई लोग फंसे हैं। पोस्ट सहस्रधारा से निरीक्षक अनिरुद्ध भंडारी अपनी टीम ले रवाना हुए। लगातार मूसलाधार बारिश से मार्ग मालदेवता पर बाधित मिला। वाहन के किसी सूरत में आगे न जाने की सूरत में टीम ने तत्काल पैदल ही आगे बढ़ने का निर्णय लिया।
घटनास्थल पहुंचकर पता चला कि बादल फटने से नदी एवं कुवा खाला में ज्यादा पानी आ गया। ग्राम सरखेत में कुछ मकानों में पानी घुस आया। टीम ने ग्राम सरखेत में फंसे सभी लोगों को बचा सुरक्षित किया । किसी भी प्रकार की जनहानि नही हुई है। चार-पांच किलोमीटर फोर्ट बेनियन रिसॉर्ट्स से करीब 20 लोगों को बचा एसडीआरएफ टीम पंचायत भवन ले आई। बचाव अभियान अभी जारी है। उधर, भारी बारिश देख सुबह शिक्षा विभाग ने स्कूल बंद रखने का आदेश सोशल मीडिया में जारी किया। हालांकि कई स्कूल खुले, वहीं कुछ बंद रहे। कई स्कूल से बच्चों को लौटाया गया।
टिहरी में भारी बारिश के बाद नुकसान
तहसील धनोल्टी के कुमाल्डा मालदेवता क्षेत्र में अतिवृष्टि से नुकसान की सूचना है। राजस्व उपनिरीक्षक क्षेत्र भुत्शी और लॉर्खा में अतिवृष्टि से लोगों का काफी नुकसान बताया जा रहा है। किसी भी प्रकार से जनहानि नहीं हुई है। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की गई है। तौलिया काटल तहसील धनोल्टी क्षेत्रान्तर्गत कुमालड़ा, मालदेवता, भुत्सी, ल्वार्खा, सीतापुर में अतिवृष्टि से क्षति की सूचनाएं प्राप्त हुई है।
क्षेत्र को डीएम, एसडीएम व एडीएम गये हैं, साथ ही सिंचाई विभाग,जल संस्थान व विद्युत विभाग की टीम कुमालड़ा गई है। सोंग नदी के उफान से इंटर कॉलेज रगड़ गांव व मार्केट में नुकसान की सूचना है। 12 गांवो को जोड़ने वाले पुल को भी नुकसान हुआ है। 3 परिवारों का स्थान परिवर्तन किया गया है। नरेंद्रनगर से रानीपोखरी स्टेट हाईवे 77 किमी 1, 5, 6 व 7 के पास बंद हो गया ।
थाना नरेंद्रनगर की जानकारी के अनुसार पीटीसी नरेंद्र नगर, हिंडोलाखाल और तचिला चाचा-भतीजा होटल के पास एनएच 94 बंद होने से ट्रैफिक आगरखाल में रोका गया है। सकलाना पट्टी के ग्राम पंचायत कुमालडा ,भरवा काटल और ग्राम पंचायत धौलागिरी के सीतापुर में भारी बारिश से नुकसान की सूचना है। यहां भगवान सिंह पंवार की सरकारी गल्ला विक्रेता की दुकान, दुकान में भरा हुआ राशन और मोटरसाइकिल बहने की सूचना है।
भारी बारिश के चलते नदियां व खाले ऊफान पर
विकासनगर पछुवादून क्षेत्र में देर रात से जबरदस्त मूसलाधार बारिश हो रही है। नदियों व नाले खालों का जल स्तर बढने से जगह – जगह जलभराव हो गया है। आसन नदी, यमुना, टौंस का जल स्तर बढने से कुल्हाल बांध परियोजना से रात 11 बजे से उत्पादन ठप है। ढकरानी व ढालीपुर बांध परियोजना से भी शनिवार सुबह सात बजे बाद उत्पादन बंद है।
यमुना नदी में 11 हजार क्यूसेक पानी आ रहा है । जबकि 14 हजार पीपीएम सिल्ट आने से बिजली परियोजनाओं से उत्पादन बंद करना पडा। विकासनगर बाजार, हरबर्टपुर में कई स्थानों पर जलभराव है। मेहूवाला खालसा में खाले में पानी भरने से धान व गन्ने की फसलों को नुकसान हुआ है। भारी बारिश व जलभराव से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है।
बरसात के बाद कई सड़कें बंद
देर रात बारिश के चलते विधानसभा यमकेश्वर में तीन मुख्य सड़क मार्ग एसएच-9 रूट में लक्ष्मण झूला, दुगड्डा और धुमाकोट, नीलकंठ मोटर रोड और नालीखाल पोखरी खेत मुख्य सड़क मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं। बारिश से अन्य स्थानीय संपर्क मार्ग भी जगह – जगह अवरुद्ध होने की सूचना है।
लोक निर्माण विभाग निर्माण खंड दुगड्डा मुख्य सड़क मार्ग खोलने को गट्टू घाट, पोखाल और गरुड़ चट्टी में जेसीबी तैनात है। पौड़ी के जिलाधिकारी डॉक्टर विजय कुमार ने बताया है कि यमकेश्वर में बारिश से 2 मकानों को नुकसान हुआ है। यमकेश्वर के बिनक गांव में घर की दीवार गिर जाने से एक महिला की मौत की सूचना है। प्रशासन स्थल निरीक्षण कर रहा है
बाढ़ का खतरा देख परिवारों को सुरक्षित स्थान पहुंचाया
पहाड़ और मैदान में मूसलाधार वर्षा से चंद्रभागा नदी का जलस्तर उफान पर है। बाढ़ के खतरे की संभावना देख पुलिस प्रशासन ने चंद्रभागा नदी के किनारे रहने वाले परिवारों को शनिवार सुबह सुरक्षित स्थान पहुंचाया। वही रानीपोखरी क्षेत्र में महादेव खाले के रोद्र रूप लेने से आसपास क्षेत्र में घरों और खेतों में पानी घुस गया सिंचाई विभाग की टीम बाढ़ के पानी की निकासी के लिए राहत बचाव का कार्य कर रही है।
हरिद्वार शहर में जलभराव
हरिद्वार में देर रात से हो रही बारिश के कारण शहर में जलभराव है। भगत सिंह चौक, ज्वालापुर कटहरा बाजार, चौक बाजार पुरानी सब्जी मंडी, कैथवाडा कनखल लाटोंवाली आदि क्षेत्रों में हुआ जलभराव।
लोगो की बढ़ी मुश्किलें।
चमोली में 45 से ज्यादा सड़कें बंद
बरसात बाद भूस्खलन से चमोली जिले में 45 से ज्यादा सड़कें बंद हैं। सड़कें बंद होने से यात्रियों को काफी परेशानी है। हालांकि, राहत की बात है कि बद्रीनाथ हाईवे सुचारू है। प्रशासन बंद सड़कों को खोल रहा है, लेकिन खराब मौसम बाधा बन रहा है।
ऋषिकेश में भारी बारिश के बाद गंगा चेतावनी निशान के पार
ऋषिकेश में भारी बारिश से गंगा के जलस्तर ने चेतावनी निशान को पार कर लिया है। बारिश से बरसाती नदी नाले उफान पर हैं। जबकि, हरिद्वार में गंगा खतरे के निशान के पार पहुंची। सुबह 8.30 बजे 294.05 जलस्तर था। नदियां के उफान पर आने से प्रशासन ने तटीय इलाकों में अलर्ट जारी किया है।
केदारनाथ हाईवे बंद
रुद्रप्रयाग में बीती रात से भारी बारिश से केदारनाथ हाईवे नेल के पास मलबा आने से बंद रहा। जबकि बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग में सिरो बगड़ के पास बंद है। कई जगहों पर ग्रामीण मार्गों के पुस्ते भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। केदारनाथ यात्रा सुचारू चल रही है।
गंगा नदी का जलस्तर बढ़ना शुरू
पहाड़ों पर भारी बारिश से रात के समय गंगा नदी का जलस्तर बढ़ा। रात लगभग 12 बजे पानी खतरे के निशान 294 मीटर से भी आधा मीटर ऊपर आ गया। इससे प्रशासन में हड़कंप मच गया। खतरे की आशंका देख तहसील प्रशासन ने रात में ही चारों बाढ़ राहत चौकियों पर कर्मचारी तैनात किए।साथ ही बाढ़ की दृष्टि से संवेदनशील गंगा व सोलानी नदी के आसपास बसे 30 गांवों में भी रेड एलर्ट घोषित कर दिया गया। हालांकि शनिवार सुबह से गंगा का जलस्तर घटना शुरू हुआ तो प्रशासन को मामूली राहत मिली। परगनाधिकारी लक्सर गोपालराम बिनवाल ने बताया कि गंगा का पानी फिलहाल खतरे के निशान से थोड़ा नीचे है। कहीं भी खतरा नहीं है। फिर भी प्रशासन आपातकालीन स्थिति से निपटने को चौकस है। एसडीआरएफ की टीम भी लक्सर बुलाई गई है।
तीन दर्जन गांवों में रेड एलर्ट
भोगपुर, बाड़ीटीप, फतवा, गंगदासपुर, महाराजपुर कलां, महाराजपुर खुर्द, सोंपरी, बहादराबाद, भिक्कमपुर, पण्डितपुरी, गिद्धावाली, बालावाली, डुमनपुरी, कलसिया, कुड़ी भगवानपुर, माड़ाबेला, चांदपुरी खादर, चंदपुरी बांगर, दल्लावाला, जैनपुर, लादपुर, रणसुरा, मलकपुर, मुबारिकपुर, मौहम्मदपुर, डौसनी, कुँवाखेड़ा, ढाढेकी, मथाना, सहीपुर, हस्तमौली, याहियापुर आदि गांवों में अलर्ट जारी किया गया है।
बारिश से डेढ दर्जन सड़कें बंद, लोगों की बढ़ी परेशानी
बागेश्वर में शुक्रवार शाम से लगातार बारिश हो रही है। इससे डेढ़ दर्जन सड़कें बंद हैं। जिला मुख्यालय से लगे आरे के बाद पहाड़ी दरकने से बागेश्वर- कपकोट मोटर मार्ग बंद हो गया । इससे लोगों को परेशानी है। लगातार बारिश से कई मकान भी ध्वस्त हो गए हैं, हांलाकि अभी कहीं से भी किसी तरह की जनहानि की सूचना नहीं है।
सरयू उफनाने से नगर में पानी का भी संकट गहराया है। ग्रामीण क्षेत्र बिजली बंद रहने से लोगों के मोबाइल शोपीस बने हैं। इधर जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल ने बताया कि बंद मार्ग खोलना शुरू हो गया है।
पिथौरागढ़ सहित पूरे जिले में बारिश, 14सड़कें बंद
जनपद में लगातार बारिश से जन जीवन प्रभावित है।14से अधिक सड़कें बारिश के बाद बंद हैं।जिससे 2लाख से अधिक की आबादी को दिक्कत हो रही है। जिले में 22घंटे से अधिक समय से बारिश हो रही है।पिथौरागढ़ में सर्वाधिक 62एमएम बारिश हुई है।गंगोलीहाट में 39,बेरीनाग में 47एमएम बारिश दर्ज की गई है।
डीडीहाट में 40.5, मुनस्यारी में 42.2 व धारचूला में 23.66 एमएम हुई है। बारिश के बाद तवाघाट एनएच बंद है।14अन्य सड़कों के बंद रहने से भी जन जीवन पटरी से उतर गया है।कई जगह सड़कों के तालाब में बदलने से यातायात संचालन में दिक्कतें आ रही है।