मुख्यमंत्री धामी और रेखा आर्य ने राष्ट्रीय खेल मशाल की रवाना
CM Dhami and Rekha Arya inaugurated the torch relay.
National Games: देवभूमि को रोशन करने निकली तेजस्विनी, प्रदेश के सभी 13 जिलों में 3823 KM का सफर तय करेगी मशाल
हल्द्वानी27 दिसंबर 2024 ,। प्रदेश में 38वें राष्ट्रीय खेल 28 जनवरी से शुरू होंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और खेल मंत्री रेखा आर्या ने मशाल (टार्च) रिले का शुभारंभ किया जो प्रदेश के 13 जिलों में 3823 किलोमीटर का सफर तय करेगी।
मशाल (टार्च) रिले का शुभारंभ
प्रदेश में 38वें राष्ट्रीय खेल 28 जनवरी से शुरू होंगे। इसके लिए बृहस्पतिवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी और खेल मंत्री रेखा आर्या ने मशाल (टार्च) रिले का शुभारंभ किया जो प्रदेश के 13 जिलों में 3823 किलोमीटर का सफर तय करेगी।
गौलापार स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स के बैडमिंटन हॉल में आयोजित कार्यक्रम में सीएम ने कहा कि मशाल खिलाड़ियों को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उत्साहित करेगी। खिलाड़ियों को जीत के अपने संकल्प को इतना मजबूत करना होगा कि वे शिखर तक पहुंच सकें। खेल मंत्री रेखा आर्या ने खिलाड़ियों से कहा कि आप इन खेलों में इतिहास बदल दीजिए, हमें टॉप- 5 में आना है। इसके बाद सीएम और खेल मंत्री ने मशाल रैली को झंडी दिखाकर रवाना किया।
रैली काठगोदाम होते हुए वाहनों से नैनीताल रोड स्थित शहीद पार्क गई। यहां से मिनी स्टेडियम तक ओलंपियन राजेंद्र रावत समेत राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी मशाल बदल-बदलकर दौड़ते गए। तेजस्विनी प्रदेश के सभी 13 जिलों से गुजरेगी, 27 जनवरी को देहरादून में रैली संपन्न होगी। उसके बाद 28 जनवरी से 14 फरवरी तक राष्ट्रीय खेल होंगे।
*राष्ट्रीय खेलः 99 स्थानों में बिखरेगी मशाल की रोशनी*
*35 दिनों में 3823 किलोमीटर का रास्ता नापेगी मशाल रैली*
*अल्मोड़ा व पौड़ी जिले में सबसे ज्यादा 14-14 मशाल केंद्र*
*26 दिसंबर कोे हल्द्वानी से शुरू होने जा रही है मशाल रैली*
38 वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए वातावरण बनता जा रहा है। राष्ट्रीय खेलों की मशाल (टार्च) अब उत्तराखंड के कोने-कोने में घूमकर रोशनी फैलाने के लिए तैयार है। हल्द्वानी से गुरूवार 26 दिसंबर को मशाल रैली का आयोजन किया जा रहा है। इसके बाद, सभी 13 जिलों के 99 स्थानों पर यह मशाल घूमेगी और राष्ट्रीय खेलों के लिए जागरूकता फैलाएगी।
मशाल रैली का जो 35 दिन का रूट प्लान तैयार किया गया है, उसमें यह रैली 3823 किलोमीटर का सफर तय करेगी। 26 दिसंबर 2024 से 27 जनवरी 2025 तक मशाल रैली का कार्यक्रम तय किया गया है। मशाल रैली जिस दिन समाप्त होगी, उसके अगले दिन यानी 28 जनवरी 2025 को राष्ट्रीय खेलों का विधिवत शुभारंभ हो जाएगा। मशाल रैली के रूट प्लान में सभी 13 जिलों को कवर किया गया है। सबसे ज्यादा 14-14 स्थान अल्मोड़ा व पौड़ी जैसे जिले में हैं, जहां पर मशाल घूमेेगी। जिस तरह का कार्यक्रम तय किया गया है, उसमेें मशाल किसी भी जिले में दो से तीन दिन तक ही रहेगी।
*इस तरह का है मशाल रैली का रूट*
नैनीताल(26-27 दिसंबर 2024)
हल्द्वानी, भीमताल, धारी, ओखलकांडा, बेतालघाट, भवाली, नैनीताल, कालाढूंगी, रामनगर।
उधमसिंहनगर(28-29 दिसंबर 2024)
काशीपुर, जसपुर, बाजपुर, गदरपुर, रूद्रपुर, सितारगंज, खटीमा।
चंपावत(30-31 दिसंबर 2024)
बनबसा, टनकपुर, चंपावत, लोहाघाट, पाटी, बाराकोट।
पिथौरागढ़(01-02 जनवरी 2025)
पिथौरागढ़, मूनाकोेट, कनालीछीना, धारचूला, जौैलजीबी, मदकोट, मुनस्यारी, थल, डीडीहाट, बेरीनाग, गंगोलीहाट।
अल्मोड़ा-(03 से 05 जनवरी 2025)
दन्या, लमगड़ा, अल्मोड़ा, ताकुला, हवालबाग, तारीखेत, तिपोला, भिकियासैंण, सल्ट, स्याल्दे, चैखुटिया, द्वाराहाट, सोमेश्वर, कौसानी।
बागेश्वर(06 से 08 जनवरी 2025)
गरूड़, बागेश्वर, कपकोट, ग्वालदम।
चमोली-(09 से 11 जनवरी 2025)
देवाल, थराली, नारायणबगड़, गैरसैंण, कर्णप्रयाग, नंदप्रयाग, चमोली, ज्योर्तिमठ, गोपेश्वर, पोखरी।
रूद्रप्रयाग(12 से 14 जनवरी 2025)
पोखरी, ऊखीमठ, अगस्त्यमुनि, जखोली।
टिहरी-(15 से 16 जनवरी 2025)
घनसाली, नई टिहरी, कीर्तिनगर, देवप्रयाग, नरेंद्रनगर, चंबा।
उत्तरकाशी-(17 से 19 जनवरी 2025)
चिन्यालीसौड़, डुंडा, उत्तरकाशी, भटवाड़ी, बड़कोट, पुरोला, मोरी, नौगांव, मसूरी।
हरिद्वार-(20-21 जनवरी 2025)
हरिद्वार, भगवानपुर, रूड़की, खानपुर, लक्सर, हरिद्वार।
पौड़ी-(22 से 24 जनवरी 2025)
पौड़ी, कोटद्वार, लैंसडौन, रिखणीखाल, बीरोंखाल, धुमाकोट, थलीसैंण, पाबौ, पौड़ी, कल्जीखाल, सतपुली, गुमखाल, यमकेेश्वर, लक्ष्मणझूला, ऋषिकेश।
देहरादून-(25 से 27 जनवरी 2025)
*राष्ट्रीय खेलों के लिए जागरूकता फैलाने को मशाल रैली का हल्द्वानी से शुभारंभ किया जा रहा है। मशाल रैली पूरे उत्तराखंड मेें घूमेगी। साथ ही साथ प्रचार केे लिए अन्य तमाम कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।*
*अमित सिन्हा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राष्ट्रीय खेल सचिवालय।*