मुख्यमंत्री धामी की सैनिक विद्यालय घोड़ाखाल को सिंथेटिक स्टेडियम और फुटबॉल मैदान की घोषणा
* मुख्यमंत्री धामी ने वर्चुअली संबोधित किया घोड़ाखाल सैनिक विद्यालय का वार्षिक समारोह *
*विद्यालय में सिंथेटिक ट्रैक युक्त स्टेडियम और कृत्रिम घास युक्त फुटबॉल मैदान बनाने की घोषणाएं*
*कहा – ऐतिहासिक सैनिक स्कूल तैयार करता है देश और समाज के समर्पित अनुशासित नागरिक*
देहरादून 26 अक्टूबर 2024 । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सैनिक विद्यालय घोड़ाखाल के वार्षिक समारोह का वर्चुअल माध्यम से संबोधन किया।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने सैनिक विद्यालय में प्रशिक्षण और खेल अवस्थापना संबंधित दो घोषणाएं भी की। उन्होंने कहा कि सैनिक स्कूल में सिंथेटिक ट्रैक युक्त स्टेडियम बनाया जाएगा तथा कृत्रिम घास युक्त फुटबॉल मैदान भी बनाया जाएगा।
विद्यालय के 10वीं बार राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में सर्वाधिक प्रविष्टियां देने का रिकॉर्ड बनाने तथा 10वीं बार रक्षा मंत्री ट्रॉफी जीतने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह ऐतिहासिक विद्यालय राष्ट्र और समाज के कर्मठ, लगनशील, अनुशासित और दृढ़ संकल्पित नागरिक तैयार करता है। उन्होंने कहा कि इस विद्यालय से शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात बहुत से लोग आज देश की सेना में तथा अन्य क्षेत्रों में उच्च पदों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि देवभूमि वैसे भी वीरों की भूमि है – सैनिकों की भूमि है। हमारी सरकार सैनिकों के समर्पण और भावना का हमेशा सम्मान करती है। सैन्य सुधार में वन रैंक वन पेंशन, सैन्य पुनर्गठन, स्वदेशी रक्षा तकनीक को बढ़ावा , सैन्य आधुनिकीकरण जैसे कार्य उच्च प्राथमिकता से किए गए हैं। इसी का परिणाम है कि आज भारत अपनी रक्षा जरूरतों का आयात घटाते हुए बहुत से देशों को रक्षा सामग्री निर्यात भी करता है।
धामी ने कहा कि प्रदेश सरकार भी सैनिकों और बलिदानियों के परिजनों के कल्याण को कृत संकल्पित हैं। हमने बलिदानियों के परिजनों को मिलने वाली अनुग्रह राशि 5 गुना बढ़ाई है। बलिदानियों के परिजनों को सरकारी नौकरी और पूर्व सैनिकों की तरह उनको छूट देना तय किया है। प्रदेश के बलिदानियों की स्मृति के लिए *सैन्यधाम* का निर्माण किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री धामी ने सैनिक विद्यालय के प्रधानाचार्य ग्रुप कैप्टन विजय सिंह और उनके स्टाफ की भी प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके कड़े परिश्रम के चलते देश को आगे भी अनुशासित और समर्पित नागरिक मिलते रहेंगें।