मुमं धामी ने राज्य आंदोलनकारियों के लिए मानधन वृद्धि समेत की 7 बड़ी घोषणाएं,

मुख्यमंत्री धामी ने राज्य आंदोलनकारियों के लिए की 7 बड़ी घोषणाएं,बलिदानी राज्य आंदोलनकारियों के नाम पर उनके क्षेत्र की मुख्य अवस्थापन सुविधाओं का नामकरण किया जाएगा.
UTTARAKHAND STATE FOUNDATION DAY
देहरादून 08 नवंबर 2025 : उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर प्रदेश भर में अलग-अलग विभागों से कार्यक्रमों के आयोजन हो रहे हैं. इसी क्रम में राज्य स्थापना के रजत जयंती के अवसर पर राज्य आंदोलनकारियों का सम्मान कार्यक्रम का आयोजन किया गया. देहरादून स्कूल पुलिस लाइन में आयोजित राज्य आंदोलनकारी सम्मान समारोह में जहां एक और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आंदोलनकारियों को सम्मानित किया तो दूसरी ओर राज्य आंदोलनकारियों के लिए 7 बड़ी घोषणाएं भी की .

देहरादून पुलिस लाइन में राज्य आंदोलनकारी सम्मान समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आंदोलनकारियों को सम्मानित किया. कार्यक्रम में राज्य आंदोलनकारियों पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा भी की गई.

राज्य आंदोलनकारियों के लिए 7 बड़ी घोषणाएं
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य स्थापना के रजत उत्सव  कार्यक्रम सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं है बल्कि भावनात्मक क्षण है. जिन्होने उत्तराखंड राज्य के सपने पूरा करने को अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया,उत्तराखंड उन हजारों आंदोलनकारियों की देन है. उत्तराखंड में जब राज्य आंदोलन चल रहा था तब 1 सितम्बर 1994 को खटीमा में गोलीकांड हुआ. इसके बाद 2 सितम्बर 1994 मसूरी में गोलीकांड हुआ. 2 अक्टूबर 1994 मुजफ्फरपुर में गोलीकांड हुआ.

राज्य निर्माण के बाद भी राज्य आंदोलनकारियों की सेवा समाप्त नहीं हुई. वे समाज सेवा समेत तमाम कामों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. सरकार ने राज्य आंदोलनकारियों को आर्थिक सामाजिक और पारिवारिक स्तर पर सम्मानित करने का कदम उठाया है.

राज्य आंदोलनकारी सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 7 बड़ी घोषणाएं करते हुए कहा कि इससे राज्य आंदोलनकारी को थोड़ी राहत जरूर मिलेगी. इसलिए भविष्य में भी सरकार, राज्य आंदोलनकारियों और उनके परिवारों की सहायता को तत्पर रहेंगी, क्योंकि आंदोलनकारियों का राज्य निर्माण को किया गया संघर्ष, सरकार के लिए प्रेरणा है.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार का संकल्प है कि राज्य निर्माण आंदोलन की भावना को अपने प्रत्येक नीति, निर्णय और योजना में शामिल करेंगे. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनता से राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर घरों में पांच दीपक शहीद राज्य आंदोलनकारियों के नाम से जलाने की अपील की. मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों ने अपने खून और पसीने से इस प्रदेश को सींचा है. उत्तराखंड को विकास और समृद्धि की ऊंचाइयों तक पहुंचाना हमारा काम है.

राज्य आंदोनकारियों के लिए मुख्यमंत्री धामी की घोषणाएं

1-शहीद राज्य आंदोलनकारी के नाम पर उनके क्षेत्र की मुख्य अवस्थापन सुविधाओं का नामकरण किया जाएगा.
2-प्रदेश के सभी बलिदान स्मारकों का नवीनीकरण और सौंदर्यकरण किया जाएगा.
3-उत्तराखंड राज्य आंदोलन में बलिदान हुए आंदोलनकारियों के आश्रितों की पेंशन 3000 से बढ़कर 5500 रुपए प्रति माह किया जाएगा.
4-राज्य आंदोलन में 7 दिन जेल गए या घायल हुए आंदोलनकारियों की पेंशन को 6000 रुपए से बढ़कर 7000 रुपए प्रति माह किया जाएगा.
5-राज्य आंदोलन में जेल गए या फिर घायल हुए सभी आंदोलनकारियों की पेंशन 4500 से बढ़ाकर 5500 रुपए किया जाएगा.
6-राज्य आंदोलन में विकलांग होकर शैय्याग्रस्त हुए बलिदानियों की पेंशन 20,000 रुपए से बढ़ाकर 30,000 रुपए प्रतिमाह दिया जाएगा. साथ ही इनकी देखभाल को एक मेडिकल अटेंडेंट की व्यवस्था भी होगी.
7-राज्य आंदोलनकारी के चिन्हीकरण को  साल 2021 तक जिलाधिकारी कार्यालय में प्राप्त लंबित आवेदन पत्रों के निस्तारण को 6 महीने का समय विस्तार कर निस्तारण किया जाएगा.
कार्यक्रम में राज्य आंदोलनकारी एवं भाजपा विधायक विनोद चमोली ने कहा कि उत्तराखंड राज्य गठन में आंदोलनकारियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. ऐसे में आंदोलनकारियों को राज्य आंदोलनकारी नहीं बल्कि राज्य निर्माण सैनानी कहा जाना चाहिए. इसके साथ ही राज्य आंदोलन के दौरान तमाम लोगों ने बलिदान दिये है. यही नहीं, वर्तमान समय में जो राज्य आंदोलनकारी अभी मौजूद हैं वो काफी वृद्ध हो गए हैं. जिसके चलते वह बीमार भी रहते हैं. ऐसे में राज्य आंदोलनकारियों का निशुल्क इलाज होना चाहिए.

उन्होने कहा कि बलिदान स्मृति स्थल के आसपास उत्तराखंड हेरिटेज का स्थान होना चाहिए. जहां बलिदानियों  के लिए गेस्ट हाउस समेत उत्तराखंड की संस्कृति की झलक दिखनी चाहिए. प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रम होने चाहिए. जिससे आने वाली पीढियां अपनी संस्कृति से साक्षात हो सके.

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