सीएम से डीएम-एसएसपी तक सड़कों पर,छापे ही छापे, कार्रवाइयां

उत्तराखंड के दफ्तरों में हड़कंप, कहीं मुख्यमंत्री तो कहीं जिलाधिकारी की छापेमारी, पुलिस भी नहीं पीछे
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ-साथ अधिकारी भी ग्राउंड पर उतरे रियलटी जानने, अचानक निरीक्षण कर ले रहे बड़े निर्णय

उत्तराखंड में अधिकारियों की छापेमारी.
देहरादून 11 अक्टूबर 2024: हमेशा से कहा जाता रहा है कि अधिकारी दफ्तरों से बाहर निकलकर व्यवस्थाएं देखें तो ही उन्हें धरातल की स्थिति का पता लगेगा. ऐसा ही कुछ आजकल उत्तराखंड में दिख रहा है, जिससे उत्तराखंड में इन दिनों हड़कंप मचा हुआ है.
11 अक्टूबर सुबह को देहरादून में सड़कों पर फैली गंदगी देख डीएम ने लगाई अधिकारियों की क्लास

सुबह पांच बजे तोड़ दी जिलाधिकारी ने तोड़ दी अधिकारियों की नींद: वहीं, शुक्रवार 11 अक्टूबर को भी सुबह पांच बजे अचानक से मॉर्निंग वॉक पर निकले देहरादून जिलाधिकारी ने सड़कों पर फैली गंदगी को लेकर अधिकारियों को फोन लगा दिया. सुबह पांच बजे जिलाधिकारी देहरादून का फोन आते ही सारे अधिकारियों की नींद टूटी और सभी मौके पर पहुंचे. जिलाधिकारी ने अधिकारियों को तत्काल कूड़ा निस्तारण के निर्देश दिए. देहरादून जिलाधिकारी की अगला एक्शन क्या होगा, ये कोई नहीं जानता है, लेकिन देहरादून जिलाधिकारी के इन एक्शन से जिले के तमाम विभाग के अधिकारी और कर्मचारी अपने काम के प्रति थोड़ा गंभीर जरूर दिखेंगे.

दरअसल, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से लेकर शासन-प्रशासन के तमाम बड़े अधिकारी इन दिनों सड़कों पर उतरकर न सिर्फ जमीनी यथार्थ जान रहे है, बल्कि सिस्टम की कमियां समझकर उन्हें खत्म भी कर रहे है.  आपको इसी तरह की कुछ और बड़ी कार्रवाइयां बताते है, जिससे सरकारी कर्मचारियों की नींद उड़ी हुई है.

मुख्यमंत्री धामी खुद ग्राउंड पर उतरे: जमीनी हकीकत और सामान्य जन की समस्याएं जनाने  विगत दिनों खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी ग्राउंड पर उतरे थे. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने न सिर्फ जिलाधिकारी कार्यालय का अचानक निरीक्षण किया था, बल्कि अपने दफ्तर से सटे पुलिस मुख्यालय में भी बिना पूर्व सूचना पहुंच गए थे. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की इस कार्रवाई से अधिकारी हड़बड़ा गये थे .

रजिस्ट्री ऑफिस में हो रहे बड़े घोटाले का किया था पर्दाफाश: वहीं, अब शासन से लेकर जिला स्तर तक के अधिकारी भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की इसी राह पर चल रहे है और जमीनी यथार्थ जान रहे है. सबसे पहले बात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के एक्शन की ही करते है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बीते साल 15 जुलाई को अचानक से देहरादून जिलाधिकारी कार्यालय में स्थित रजिस्टर ऑफिस पहुंचे थे, जहां उन्होंने न सिर्फ दस्तावेजों को खंगाला था, बल्कि बड़ी गड़बड़ी भी पकड़ी थी.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गत वर्ष रजिस्ट्री कार्यालय में छापा मारकर बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया था
मुख्यमंत्री धामी के एक्शन के बाद कई आरोपित गए जेल: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अपने निरीक्षण में कई रिकॉर्ड गायब मिले थे तो वहीं कुछ रजिस्ट्री से जुड़े कुछ दस्तावेजों में गड़बड़ी भी मिली थी. मुख्यमंत्री धामी की इस कार्रवाई के बाद शासन से लेकर प्रशासन तक में हड़कंप मच गया था. मुख्यमंत्री धामी के इस एक्शन का असर ये हुआ कि देहरादून में जमीनों के नाम पर हो रहे बड़े फर्जीवाड़े खुले और कई लोगों को इस फर्जीवाड़े में जेल भी जाना पड़ा.

जब अचानक से पुलिस मुख्यालय पहुंचे थे मुख्यमंत्री धामी: हाल ही में मुख्यमंत्री धामी अचानक पुलिस मुख्यालय में भी पहुंच गए थे. धामी करीब 15 से 20 मिनट तक पुलिस मुख्यालय में रूके थे. इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने न सिर्फ अधिकारियों से बात कर उनके कामकाज के तरीके जाने थे, बल्कि कहीं कागजातों पर भी नजर डाली थी. इस तरह के अचानक निरीक्षण से कर्मचारियों और अधिकारियों के मन में डर बना रहा है और व्यवस्थाएं भी काफी हद तक सही रहती है.

पद संभालते ही एक्शन मे दिख रहे देहरादून जिलाधिकारी सविन बंसल: हाल ही में देहरादून जिले के जिलाधिकारी बने सविन बंसल पदभार संभालने के पहले दिन से ही अपनी कार्यशैली को लेकर चर्चाओं में है. देहरादून जिलाधिकारी का चार्ज संभालते ही सविन बंसल सबसे पहले जिला हॉस्पिटल कोरोनेशन पहुंचे और सामान्य रोगी बनकर काउंटर पर पर्ची बनवाई. इसके बाद उन्होंने वैसे ही जिला हॉस्पिटल के प्रबंध परखे.

देहरादून जिलाधिकारी ने कोरोनेशन हॉस्पिटल में आम आदमी बनकर पर्ची बनवाई थी.
देहरादून जिलाधिकारी सविन बंसल की ये छापेमारी चर्चाओं में: इसके बाद देहरादून जिलाधिकारी सविन बंसल बिना लाव-लश्कर से आम आदमी बनकर देहरादून की सड़कों पर निकले और शराब की दुकानों पर पहुंचकर ओवर रेटिंग की शिकायत परखी. शराब ओवर रेटिंग की शिकायत सहीं मिली, क्योंकि शराब दुकान के सेल्समैन ने ग्राहक बनकर आए जिलाधिकारी को नहीं छोड़ा और उन्हें भी शराब ओवर रेटिंग में दी. बंसल ने मौके पर ही एक्शन लेकर जुर्माना लगाया.

शराब के ठेकों में हो रही ओवर रेटिंग की हकीकत जानने के लिए देहरादून जिलाधिकारी खुद ग्राहक बनकर पहुंचे थे.
ऋषिकेश हॉस्पिटल में भी अचानक मारा था छापा: इसके बाद जिलाधिकारी बंसल ने ऐसे ही अपनी पहचान छुपाकर देहरादून जिले के कई हॉस्पिटल और अन्य जगहों पर भी छापे मारे. इनमें उन्होंने कई  कमियां पकड़ी . ऋषिकेश के सरकारी हॉस्पिटल की गंदगी देखकर तो जिलाधिकारी का पारा भी चढ़ गया था.

हरिद्वार जिलाधिकारी की छापेमारी: हरिद्वार के नए जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह भी कम एक्शन में नहीं दिख रहे है. उनकी भी छापेमारी की कार्रवाई लगातार जारी है. अपनी ज्वाइनिंग से लेकर अभी तक हरिद्वार जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह हॉस्पिटल से लेकर कई जगहों का अचानक निरीक्षण कर चुके है, जहां उन्होंने कमियां भी मिली.

हाल ही में हरिद्वार जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने समाज कल्याण विभाग के दफ्तर में छापेमारी की तो 10.30 बजे भी उन्हें कई अधिकारी गायब मिले थे, जिसको लेकर उन्हें कुछ कर्मचारियों की तो सैलरी रोकने के आदेश दिए थे, वहीं कईयों को फटकार भी लगाई थी. ऐसे ही कुछ नजारा जिलाधिकारी मुख्य शिक्षा अधिकारी के दफ्तर में भी देखने को मिला था. यहां भी हरिद्वार डीएम ने कई कर्मचारियों की सैलरी रोक दी थी.

हरिद्वार जिलाधिकारी भी लगातार सरकारी विभागों के दफ्तरों में छापे मारकर बड़ा एक्शन ले रहे हैं.
इसके अलावा लक्सर और अन्य कस्बों में हरिद्वार जिलाधिकारी ने इसी तरह कई दफ्तरों का अचानक निरीक्षण किया तो वहां कर्मचारियों की ऑफिस टाइम को लेकर लापरवाही सामने आई, जिसके बाद सिटी मजिस्ट्रेट कुसुम चौहान और लक्सर के उप जिलाधिकारी गोपाल सिंह चौहान ने कई कर्मचारियों पर कार्रवाई की थी.

उपजिला अधिकारी मनीष सिंह की कार्रवाई:  11 अक्टूबर को एक छापेमारी उपजिला अधिकारी मनीष सिंह ने की जब आधार केन्द्रों पर अनियमितताएं और फर्जी आधार से संबंधित शिकायतें मिली. जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह के निर्देश पर छापेमारी में सीएससी संचालकों में हड़कंप मच गया. रावली महदूद में उप जिलाधिकारी मनीष सिंह की छापेमारी में विभिन्न व्यक्तियों के 58 आधार कार्ड तथा 15 विभिन्न व्यक्तियों के पेन कार्ड मिले, इतनी बड़ी संख्या में आधार कार्ड तथा पेन कार्ड मिलना प्रथमदृष्टया संदिग्ध पा सीएससी से आयरिस स्कैनर, सहित अन्य सभी सामान मौके पर ही सील किया गया.

उपजिलाधिकारी मनीष सिंह ने आधार केन्द्रों पर मारा था छापा.
देहरादून में पुलिस कप्तान भी दिखे एक्शन में: जिलाधिकारी ही नहीं, पुलिस कप्तान भी सड़कों पर उतर सुरक्षा व्यवस्था व ट्रैफिक का हाल जाना . हाल ही में राजधानी देहरादून के दून मेडिकल हॉस्पिटल और कॉलेज के बाथरूम में नवजात का शव मिला था. तब खुद देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने हॉस्पिटल पहुंचकर वहां की सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लिया जिसमें  हॉस्पिटल में कई कमियां मिली थी. कई जगहों पर सीसीटीवी कैमरे भी खराब मिले, जिन्हें सही कराने को कहा था.

इसके अलावा देहरादून वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने जिलाधिकारी के साथ बाइक पर सबसे ज्यादा जाम लगने वाले चौराहों का भ्रमण किया . बाइक पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी को शहर की सड़कों पर घूमते देख पुलिस भी अलर्ट हो गई .

उधम सिंह नगर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने लगाई चौपाल.
 आधी रात मणिकांत मिश्रा ने लगाई चौपाल: हाल ही में उधम सिंह नगर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा की एक तस्वीर काफी वायरल हुई. दरअसल, उधम सिंह नगर के नए पुलिस कप्तान मणिकांत मिश्रा अचानक से अपने घर से वर्दी में निकले और आधी रात तमाम फोर्स सड़क पर ही बुला ली.  उन्होंने कई थाना, कोतवाली और चौकियों का निरीक्षण किया. वहीं रात को 12.30 बजे सड़क पर ही कुर्सियां लगाकर चौपाल लगा आंधे घंटे पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को सख्त ड्यूटी को लेकर दिशा-निर्देश दिए.

मुख्यमंत्री धामी ने मंत्रियों और अधिकारियों को दिए निर्देश:  उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विगत दिनों तमाम मंत्रियों और जिले के अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए हैं कि वह अपने-अपने क्षेत्र में जाकर व्यवस्थाएं देखें. अधिकारी दफ्तरों से बाहर निकल कर जानने की कोशिश करें कि आपके जनपदवासियों को किस-किस तरह की समस्याएं  हो रही हैं और यही कारण है कि राज्य के कई जिलों में इसका असर अब देखने को भी मिल रहा है.

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