धामी ने किया दून विवि में डॉक्टर नित्यानंद शोध-अध्ययन केंद्र का लोकार्पण

दून विश्वविद्यालय में डाक्टर नित्यानंद हिमालयी शोध एवं अध्ययन केंद्र शुरू, मुुख्यमंत्री धामी ने किया लोकार्पण
मुख्यमंत्री ने कहा कि डाक्टर नित्यानंद ने अपना संपूर्ण जीवन समाज सेवा के लिए समर्पित किया। उनका प्रयास रहता था कि जनता के बीच जाकर उनकी समस्याएं सुनी जाएं और उसके बाद नीतियां बनाई जाएं। उनका मानना था कि विभिन्न क्षेत्रों में अधिक से अधिक शोध कार्य हों।

डाक्टर नित्यानंद हिमालयन शोध एवं शिक्षण केंद्र के लोकार्पण कार्यक्रम में डॉक्टर नित्यानंद की मूर्ति को नमन करते मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी।

देहरादून दो जून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को दून विश्वविद्यालय में डाक्टर नित्यानंद हिमालयी शोध एवं अध्ययन केंद्र का लोकार्पण किया। साथ ही उन्होंने शोध एवं विज्ञान पर चल रही दो दिवसीय कार्यशाला की भी शुरुआत की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने विभिन्न विषयों पर आधारित पुस्तकों का विमोचन भी किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि डाक्टर नित्यानंद ने अपना संपूर्ण जीवन समाज सेवा के लिए समर्पित किया। उनका प्रयास रहता था कि जनता के बीच जाकर उनकी समस्याएं सुनी जाएं और उसके बाद नीतियां बनाई जाएं। उनका मानना था कि विभिन्न क्षेत्रों में अधिक से अधिक शोध कार्य हों। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड का समग्र विकास हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार 2025 तक उत्तराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए संकल्पित है। केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे, इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। वहीं, बजट संतुलित बने इसके लिए हर क्षेत्र के विशेषज्ञों से संवाद स्थापित किया गया। जन सुझावों को ध्यान में रखते हुए बजट बनाया जाएगा।

राज्यसभा सदस्य नरेश बंसल ने कहा कि डाक्टर नित्यानंद ने समाज सेवा के लिए विभिन्न क्षेत्रों में कार्य किया। उन्होंने संवेदनशील होकर समाजसेवा करने की सीख दी। वे चाहते थे कि उत्तराखंड में विभिन्न विषयों पर शोध हों। आज डाक्टर नित्यानंद हिमालयी शोध एवं अध्ययन केंद्र लोकार्पण के अवसर पर शोध पर ही कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है, यह एक सुखद क्षण है।

विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल ने कहा कि संस्थान में एमए भूगोल और एमसएससी जियोलाजी भी शुरू किए जा रहे हैं। जिनके लिए जल्द स्थायी फैकल्टी की नियुक्त की जाएगी। ताकि यहां विद्यार्थियों को हिमालय से जुड़े तथ्यों का पूरा ज्ञान मिल सके। साथ ही शोध में भी उन्हें मदद मिल सके। संस्थान के तहत गढ़वाली, कुमाऊंनी और जौनसारी में सर्टिफिकेट कोर्स भी कराए जाएंगे।

इस दौरान राज्यसभा के पूर्व सदस्य तरुण विजय, विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (एसईआरबी) के सचिव प्रोफेसर संदीप वर्मा, प्रोफेसर एसपी सिंह, प्रोफेसर बानाकर, प्रोफेसर मोनिका अग्रवाल, प्रोफेसर दुर्गेश पंत, उत्तरांचल उत्थान परिषद के संरक्षक प्रेम बुड़ाकोटी, राम प्रकाश पैन्यूली, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, पूर्व कुलपति एवं विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े विज्ञानी मौजूद थे।

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