धामी ने केंद्रीय अमृत काल बजट बताया शानदार, उत्तरांखड को लाभ की आशा
Budget 2023: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बजट को शानदार बताया है।
Budget 2023 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को अपना पांचवां बजट पेश किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शानदार बजट पेश करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बधाई दी है। अब बजट को लेकर पक्ष-विपक्ष और आम लोगों की प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं।
देहरादून 01 फरवरी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को अपना पांचवां बजट पेश किया। बजट में अलग-अलग सेक्टरों के लेकर कई ऐलान किए गए हैं। जिसे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शानदार बताया है। वहीं अब बजट को लेकर पक्ष-विपक्ष और आम लोगों की प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शानदार बजट पेश करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि ‘मैं प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देना चाहता हूं और देश के लोगों के सामने शानदार बजट पेश करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बधाई देता हूं। यह बजट देश के साथ-साथ दुनिया के लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरेगा।
अमृत काल का सर्वस्पर्शी एवं समावेशी बजट
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन द्वारा प्रस्तुत किया गया केंद्रीय बजट 2023-24 विकसित भारत के विराट संकल्प को एक नई मजबूती प्रदान करता अमृत काल का सर्वस्पर्शी एवं समावेशी बजट है।
अमृत काल में 130 करोड़ देशवासियों की अपेक्षाओं को मूर्त रुप प्रदान करने वाले इस जनकल्याणकारी बजट हेतु प्रधानमंत्री व वित्त मंत्री का सहृदय आभार। प्राकृतिक कृषि एवं इससे संबंधित स्टार्टअप्स समेत पर्यटन व सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास को बढ़ावा देता यह बजट निश्चित तौर पर उत्तराखण्ड को 2025 तक सर्वश्रेष्ठ राज्यों में सम्मिलित करने हेतु एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
नए भारत के निर्माण एवं समृद्धि का संकल्प
पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि संसद में प्रस्तुत आम बजट 2023-24 नए भारत के निर्माण एवं समृद्धि का संकल्प है। यह बजट देश की 130 करोड़ देश वासियों की भावनाओं का सार एवं उनकी सेवा का आधार है। यह बजट सर्वस्पर्शी, सर्वसमावेशी, लोकहितकारी, गांव, गरीब, किसान, नौजवान, महिला एवं हर वर्ग की आशाओं का पुंज है।
आजादी के अमृत काल का यह बजट विकसित भारत का संकल्प है, निसंदेह यह भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने में मील का पत्थर साबित होगा। केन्द्रीय बजट 2023-24 का स्वागत करते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व केन्द्रीय वित्त मंत्री का हार्दिक अभिनंदन एवं धन्यवाद करता हूं।
मध्यम वर्ग को शहद में लिपटी कड़वी गोलियों मिलीं
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि बजट में शिक्षा बजट घटाकर 2.64 % से 2.5 % करना दुर्भाग्यपूर्ण है। स्वास्थ्य बजट घटाकर 2.2 % से 1.98 % करना हानिकारक है। बढ़ती बेरोजगारी, किसानों की दुर्दशा, गगनचुंबी महंगाई और छोटे मझोले उद्योगों के अस्तित्व पर संकट इन सबके लिए बजट में कुछ भी नहीं है।
कृषि, पब्लिक हेल्थ, शिक्षा, मनरेगा, फ़ूड सिक्यूरिटी व सामाजिक सरोकारों, जन कल्याण के बजट आवंटन पिछले वर्ष की तुलना में कम किए गए है। जो किसान-मजदूर, गरीबों, पिछड़ों, दलितों आदिवासियों के लिए खतरे की घंटी है।
मध्यम वर्ग को शहद में लिपटी कड़वी गोलियों के अतिरिक्त कुछ नहीं मिला है। आयकर सुधार उस नयी व्यवस्था में है, जिसमें छूट देने के प्रावधान नहीं है। अमृत काल में उद्योगपतियों को और रियायतें दी हैं, लेकिन असंगठित क्षेत्र की उपेक्षा जारी है। बजट 2023 से महंगाई, बेरोजगारी, गरीबी का बढ़ना तय है।
Union Budget 2023 Nirmala Sitharaman Budget May Give Big Relief To Uttarakhand
Budget 2023: अमृत काल के पहले बजट से उत्तराखंड की उम्मीदों को लगे पंख, ये फायदे देख रही सरकार
देहरादून 01 फरवरी। जीएसटी की प्रतिपूर्ति बंद हो जाने के बाद वित्तीय कठिनाइयों में फंसी राज्य सरकार के लिए यह सुकून की बात है कि केंद्र सरकार ने अवस्थापना विकास के लिए विशेष सहायता योजना को न सिर्फ जारी रखा है बल्कि इसका बजट भी बढ़ा दिया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अमृत काल के पहले बजट से देवभूमि उत्तराखंड की उम्मीदों को पंख लगे हैं। बजट में रोजगार, खेती, पर्यटन और शहरीकरण के लिए नई योजनाओं और उनके लिए बजटीय व्यवस्था में राज्य को फायदा नजर आ रहा है।
जीएसटी की प्रतिपूर्ति बंद हो जाने के बाद वित्तीय कठिनाइयों में फंसी राज्य सरकार के लिए यह सुकून की बात है कि केंद्र सरकार ने अवस्थापना विकास के लिए विशेष सहायता योजना को न सिर्फ जारी रखा है बल्कि इसका बजट भी बढ़ा दिया है। पूंजीगत खर्च बढ़ने से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। योजना के तहत 50 वर्ष के लिए ब्याजमुक्त ऋण के तौर पर यह धनराशि मिलेगी
सचिव वित्त दिलीप जावलकर को आशा है कि इससे आगामी वित्तीय वर्ष में राज्य को 1500 करोड़ से अधिक की धनराशि प्राप्त हो सकेगी। इस वर्ष इस योजना में राज्य सरकार को केंद्र से 1150 करोड़ रुपये मिले। केंद्र सरकार का प्राकृतिक खेती, मत्स्य पालन और मोटे अनाज पर विशेष फोकस है। माना जा रहा है कि इसका फायदा राज्य के किसानों को मिलेगा। वे खेती के लिए ऋण में छूट का लाभ सकेंगे।
बजट में पहली बार 4000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। नए शहरों को विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ रही राज्य सरकार इसका फायदा उठाने का प्रयास करेगी। शहरी अवस्थापना विकास निधि (यूआईडीएफ) से भी शहरों में सुधारीकरण के लिए वित्तीय व्यवस्था का नया रास्ता खुल गया है। इससे शहरों और कस्बों में भावी आवश्यकताओं और चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी।
बजट में जहां मेडिकल कॉलेज हैं, वहां नर्सिंग कॉलेज देने की घोषणा हुई है। इस लिहाज से राज्य सरकार को नए नर्सिंग कॉलेज खोलने में सुविधा हो जाएगी। केंद्र ने प्रधानमंत्री आवास योजना के बजट में 66 फीसदी बढ़ोतरी में राज्य का फायदा भी देख भी रही है। इसका पूरा लाभ उठाने के लिए राज्य सरकार प्रस्ताव तैयार करेगी।
सुधार होंगे तो बढ़ेगा राजकोषीय घाटा अनुदान
बजट में यह व्यवस्था की गई है कि राज्य अपने ऊर्जा निगमों में नए सुधार करेंगे तो उनके बदले हर साल मिलने वाली तीन फीसदी राजकोषीय घाटा अनुदान में 0.5 फीसदी की बढ़ोतरी की जाएगी। सचिव वित्त के मुताबिक, इसका लाभ उठाने के प्रयास किए जाएंगे।
आयकर में छूट से मध्यम वर्ग को बड़ी राहत
केंद्रीय बजट में सात लाख रुपये की कमाई पर आयकर में छूट दिए जाने से मध्यम वर्ग को बड़ी राहत मिली है। हालांकि सरकारी नौकरी पेशा वर्ग 10 लाख रुपये तक की इनकम को करमुक्त किए जाने की उम्मीद कर रहा था।
आपदा न्यूनीकरण व प्रबंधन में लाभ मिलने की उम्मीद
वित्त आयोग के तहत मिलने वाले अनुदान में राज्य आपदा प्रबंधन न्यूनीकरण निधि को भी बढ़ाया गया है। हर साल आपदाओं का सामना कर रहे राज्य को इसका लाभ मिलेगा। केंद्र ने एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को बढ़ाया है।
ये फायदा भी देख रही है प्रदेश सरकार
1. गरीब कल्याण अन्न योजना को एक साल के लिए बढ़ाए जाने का राज्य के 13.50 लाख राशन कार्ड धारकों को लाभ मिलेगा।
2. आकांक्षी जिलों की तर्ज पर आकांक्षी विकासखंड योजना का मिलेगा फायदा
3. एकलव्य आवासीय योजना के तहत देश भर में 740 नए स्कूल खोले जाने हैं, जिसके लिए राज्य सरकार भी प्रस्ताव भेजेगी।
4. केंद्र पोषित योजनाओं में धनराशि बढ़ाये जाने से राज्य को मिलेगा ज्यादा धन