किरण नेगी: धामी ने की केंद्रीय मंत्री रिजिजू और वकील चारु खन्ना से बात

Chhawla Case: मुख्‍यमंत्री धामी ने केंद्रीय कानून मंत्री से की बात, कहा- बेटी को न्याय दिलाने को सब कुछ करेंगे

Chhawla Case: उत्‍तराखंड के मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी।
दिल्ली में उत्तराखंड निवासी युवती के हत्याकांड मामले में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद उत्‍तराखंड के मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी ने केंद्रीय कानून मंत्री से की बात की है। सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद कांग्रेस ने मामले में लचर पैरवी का आरोप लगाया है।

देहरादून 08 नवंबर: दिल्ली में उत्तराखंड निवासी युवती के हत्याकांड मामले में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद उत्‍तराखंड के मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी ने केंद्रीय कानून मंत्री से की बात की है। मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी ने कहा है कि देश की बेटी को न्याय दिलाने के लिए वह सब कुछ करेंगे।

न्याय दिलाने के लिए हम सब कुछ करेंगे

एएनआइ न्‍यूज एजेंसी के मुताबिक मुख्‍यमंत्री धामी ने कहा कि कोर्ट ने जो फैसला किया है, उस पर उन्‍होंने पीडि़ता की एडवोकेट चारू खन्ना से बात की है। उन्‍होंने केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू से भी इस मामले में बात की है। मुख्‍यमंत्री ने कहा है कि पीड़िता हमारे देश की बेटी है और उसे न्याय दिलाने के लिए हम सब कुछ करेंगे।

राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करे

पूर्व मुख्‍यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी युवती के हत्याकांड मामले में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। उन्‍होंने कहा है कि उत्तराखंड की बेटी को न्याय मिले इसके लिए राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करनी चाहिए

हत्याकांड मामले में लचर पैरवी का कांग्रेस का आरोप

वहीं मामले में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद कांग्रेस ने मामले में लचर पैरवी का आरोप लगाया है। पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत ने इंटरनेट मीडिया पर अपनी पोस्ट में कहा कि यह हत्याकांड निर्भया हत्याकांड की भांति वीभत्स था।

मेडिकल रिपोर्ट, साक्ष्य को लेकर सरकार से कहां चूक हुई कि जिन्हें फांसी पर लटकना चाहिए था, वे बरी हो गए। यह सब कुछ अत्यधिक अविश्वसनीय लगता है।

उत्तराखंड की 19 वर्षीय बेटी से पाशविकता

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि लचर पैरवी के चलते ऐसे जघन्य अपराधियों का छूटना समाज के लिए चिंतनीय है। दिल्ली में उत्तराखंड की 19 वर्षीय बेटी के साथ हैवानियत हुई। आरोपितों को बरी किया गया, स्तब्ध हूं।

प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि निर्भया कांड में तमाम आरोपितों को सजा मिली थी, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं होना खेद का विषय है। इस मामले पर उत्तराखंड के प्रवासी संगठनों से बातचीत कर आगे संयुक्त रूप से लड़ाई जारी रखने के प्रयास किए जाएंगे।

CM त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उठाया था गैंगरेप पीड़िता के परिवार को इंसाफ दिलाने का बीड़ा,कहा था- अब चुप नहीं बैठेंगे
जयन्ती मिश्रा | 25 November, 2020

सोशल मीडिया से अब किरण नेगी का मामला पहुँचा CM रावत के पास
आज सोशल मीडिया के कारण किरण नेगी का यह मामला मुख्यधारा में आया है। उत्तराखंड की बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने इस पर स्वयं संज्ञान ले लिया था। उन्होंने किरण को न्याय दिलाने का जिम्मा उठाते हुए ये वादा किया था कि दोषियों को बिना दंड दिलवाए शांत नहीं बैठेंगे। उन्होंने सोशल मीडिया पर उन सभी लोगों का आभार व्यक्त किया था जो इस पर सालों से लगातार आवाज उठाते रहे।
रावत ने कहा था कि दोषियों को घृणित अपराध के लिए दंड दिलवाएँगे। साथ ही परिवार को भी हर तरह से लीगल सपोर्ट करेंगे। इसी बाबत रावत ने आज (नवंबर 25, 2020) किरण के माता-पिता से मुलाकात भी की। उन्हें बल देते हुए आश्वस्त किया कि वह उनकी हर संभव मदद करेंगे।

गौरतलब है कि किरण नेगी का मामला जो बहुत पहले सुन लिया जाना चाहिए था, जिस पर आज तक प्रशासन मौन रहा। संदेह है कि यदि इस दर्दनाक घटना पर रावत स्टैंड नहीं लेते तो शायद यह केस चर्चा में नहीं आता।

किरण की मृत्यु कोई सामान्य घटना नहीं थी। किरण एक ऑफिस जाने वाली सपने देखती मिडिल क्लास लड़की थी। परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी और पिता सेक्योरिटी गार्ड थे इसलिए उसे यही लगता था कि जल्द से जल्द एक घर खरीदना है और अपने पूरे परिवार की जिम्मेदारी उठानी है।

9 फरवरी 2012 को किरण भी अपने ऑफिस से घर की ओर आ रही थी कि तभी एक लाल इंडिका में उसका अपहरण गुड़गाँव में कर लिया गया। हरियाणा ले जा दरिंदों ने तीन दिन तक रेप किया और उसे सरसों के खेत में मरने छोड़ दिया।

किरण ने बार-बार अपनी जान की भीख माँगी, पर जिन्होंने उसके नाजुक अंगों में शराब की बोतल डाली हो, आँखें तेजाब से जलाई हों, उसका शरीर गर्म पाने से दागा हो, उन्हें दया कैसे आती! दरिंदों ने तीन दिन किरण के शरीर से हवस मिटा उसे दर्दनाक मौत दे दी।

मौजूदा जानकारी से पता चलता है कि किरण के साथ उस रात तीन सहेलियाँ थी। सभी अपना काम कर घर लौट रही थीं। तभी एक इंडिका सवार तीनों दरिंदों ने लड़कियों को छेड़ना शुरू किया। वो वहाँ से भागने लगीं, उन्होने किरण को अपनी गाड़ी में जबरन बिठा लिया।

पुलिस ने नहीं की सुनवाई

किरण के अपहरण के बाद उसकी सहेलियों ने यह सूचना उसके घरवालों और पुलिस की दी थी। लेकिन प्रशासन ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। अंत में उत्तराखंड समाज के लोगों को इस अपहरण के विरोध में सड़कों पर आना पड़ा, जिससे पुलिस हरकत में आई और 14 फरवरी को किरण की लाश हरियाणा के खेत से मिली।

अब लगभग 9 साल होने वाले हैं। किरण के पिता मीडिया को बताते हैं कि उन्हें आज तक इंसाफ की दरकार है। साल 2014 में किरण का गैंगरेप करने वाले तीनों दोषियों को उच्च न्यायालय ने फाँसी की सजा दी थी, मगर बाद में यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुँच कर लटक गया। अब स्थिति ये है कि उन्हें यहाँ तक नहीं पता कि कोर्ट की अगली तारीख क्या है और उनके वकील का नाम क्या है।

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