ज्ञानवापी: छह फरवरी तक बंद नहीं होगी तलघर पूजा, हाईकोर्ट सुनवाई में मुसलमानों का बंद
ज्ञानवापी मामले की HC में आज की सुनवाई पूरी, 6 फरवरी तक पूजा पर रोक नहीं, शांतिपूर्ण हुई नमाज
वाराणसी की जिला अदालत के आदेश के बाद ज्ञानवापी मस्जिद के सीलबंद तहखाने के ‘व्यास का तहखाना’ में रात को कड़ी सुरक्षा में पूजा-अर्चना हुई जबकि
ज्ञानवापी मस्जिद में आज शांतिपूर्वक तरीके से नमाज हुई.
उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट
ज्ञानवापी में तहखाना में पूजा के बाद उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट को लेकर सभी जिलों में हाई अलर्ट का आदेश था फिरोजाबाद में भी जुम्मे की नमाज को लेकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सौरव दीक्षित के नेतृत्व में फ्लैग मार्च निकला।संवेदनशील स्थानों पर पुलिस फोर्स रही। सादा ड्रेस में भी पुलिसकर्मी रही।
ज्ञानवापी मामले को लेकर वाराणसी के खोजवा – भेलुपुर स्थित डॉक्टर राम कमल वेदांती महाराज के निवास स्थल पर बैठक हुई जिसमें अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती, डॉक्टर रामकवल वेदांती महाराज, बालक दास और भारी संख्या में संत मौजूद रहे.
6 फरवरी को दोपहर दो बजे होगी अगली सुनवाई
ज्ञानवापी मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज की सुनवाई पूरी हो गई है. मस्जिद पक्ष के अधिवक्ता सीनियर एडवोकेट सैयद फरमान अहमद नकवी ने अपना पक्ष रखा. इसके बाद हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने उसका विरोध किया. अब 6 फरवरी को दोपहर दो बजे मामले की अगली सुनवाई होगी.
मस्जिद नमाजियों की भीड़ से भरी ज्ञानवापी, पुलिस ने लगाई बैरीकेडिंग
वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद नमाजियों की भीड़ से भर गई तो 300 मीटर पहले लगी बैरीकेडिंग से ही लोगों को वापस भेजा गया. नमाज से एक घंटे पहले ही मस्जिद भर गई थी. करीब 1200 नमाजियों की क्षमता है।
कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के एडवोकेट जनरल से वर्तमान स्थिति बताने को कहा
कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के एडवोकेट जनरल से वर्तमान स्थिति बताने को कहा है. एडवोकेट जनरल ने बताया कि तलघर में पूजा अर्चना शुरू हो गई है. बड़ी संख्या में लोग तहखाने के दर्शन भी कर रहे हैं. कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के वहां इंतजामों की जानकारी विस्तार से देने को कहा श.
आपने डीएम को रिसीवर नियुक्त किए जाने के आदेश को चुनौती नहीं दी- अदालत
सुनवाई में जज जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने मस्जिद कमेटी के वकील से पूछा कि आपने डीएम को रिसीवर नियुक्त किए जाने के 17 जनवरी के आदेश को चुनौती नहीं दी. सीधे 31 जनवरी के आदेश के खिलाफ याचिका दाखिल की है. ऐसे में बताइए कि आपकी अर्जी की पोषणीयता क्या है,क्या उस पर सुनवाई हो सकती है.
मुस्लिम इलाकों में बंदी का असर
मुस्लिम इलाकों में बंदी का असर दिख रहा है. ज्ञानवापी के आसपास मुस्लिम समुदाय अपनी दुकानें पूरी तरह बंद किए हुए हैं. मस्जिद इंतजामिया कमेटी के आह्वान पर बंदी है. हालांकि माहौल पूरी तरह सामान्य है।
पूजा की इजाजत की मांग के लिए एडिशनल रिलीफ मांगी- मुस्लिम पक्ष
मुस्लिम पक्ष ने कहा है कि पूजा की इजाजत की मांग को एडिशनल रिलीफ मांगी गई.कोर्ट ने मस्जिद कमेटी की आपत्ति नजरंदाज कर इजाजत दे दी.
ज्ञानवापी परिसर में ड्रोन कैमरों से निगरानी
वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर के आसपास के इलाकों में सुरक्षा इंतजामों का जायजा ड्रोन कैमरों से लिया गया. ज्ञानवापी परिसर में जुम्मे की नमाज को भारी संख्या में नमाजी पहुंचे .
इंतजामिया कमेटी के वकील ने रखी दलीलें
जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच में ज्ञानवापी मामले की सुनवाई हुई. पहले मस्जिद की इंतजामिया कमेटी के वकील फरमान नकवी ने अपनी बातें रखी. तब हिंदू पक्ष को अपनी दलीलें पेश करने का मौका मिला . जिला जज के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है.
सभी संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था लगाई गई- पुलिस कमिश्नर
ज्ञानवापी में सुरक्षा व्यवस्था पर पुलिस कमिश्नर मुथा अशोक जैन ने कहा, “सभी संवेदनशील स्थानों पर और पुलिस के अनुभव के अनुसार सुरक्षा व्यवस्था लगाई गई है.”
दूसरे शहरों में भी बंद की अपील, वाराणसी में दिख रहा असर
मुस्लिम पक्ष के अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमिटी ने आज वाराणसी बंद की अपील की थी। मुस्लिम बहुल इलाकों में बाजार बंद रहे. वाराणसी के साथ ही देश के दूसरे शहरों में भी बंद का आव्हान किया गया।
‘व्यासजी का तहखाना’ भूतल कहने के बजाय ‘ताल गृह’ या ‘ताल घर’ कहा जाना चाहिए- डॉक्टर नागेंद्र पांडे
काशी विश्वनाथ ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉक्टर नागेंद्र पांडे ने कहा, “किसी का भी नामकरण तभी किया जाता है जब उसे पुकारना हो. मुख्य मंदिर के नीचे के भाग को भूतल कहा जाता है. मुझे लगता है कि इसे (व्यास जी का तहखाना) भूतल के बजाय ‘ताल गृह’ या ‘ताल घर’ कहा जाना चाहिए, यह बहुत अच्छा नाम है. ये शब्द शुद्ध है और उसका अर्थ भी शुद्ध है.”
‘व्यासजी तहखाने में पूजा’ का अधिकार देने का फैसला सही नहीं- मुस्लिम पक्ष
हाईकोर्ट में मुस्लिम पक्ष की अर्जी में वाराणसी जिला कोर्ट के 31 जनवरी का आदेश रद्द किए जाने और अंतिम फैसला आने तक रोक लगाने का अनुरोध था. मुस्लिम पक्ष ने दलील दी कि ऑर्डर 7 रुल्स 11 में वाद की पोषणीयता की अर्जी तय नहीं हुई है. इसलिए व्यास जी तहखाने में पूजा का अधिकार देने का फैसला सही नहीं है.
संवेदनशील इलाकों में पुलिस का फ्लैग मार्च
जिला अदालत के फैसले पर वाराणसी में शुक्रवार को जुमे की नमाज को लेकर पुलिस काफी सतर्क रही. संवेदनशील इलाकों में पुलिस ने फ्लैग मार्च किया. दशाश्वमेध क्षेत्र के सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) प्रज्ञा पाठक ने बताया कि शुक्रवार को जुमे की नमाज को लेकर चौकसी है.
अंतिम फैसला आने तक पूजा पर रोक लगाने की मांग
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष के तत्काल अनुरोध को स्वीकार कर आज सुनवाई करने का फैसला किया . एक्टिंग चीफ जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच इस मामले में सुनवाई को नामित थी. मुस्लिम पक्ष की अर्जी में वाराणसी जिला अदालत के 31 जनवरी के आदेश को रद्द कर अंतिम फैसला आने तक पूजा पर रोक लगाए जाने का अनुरोध था.
हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष ने किया तत्काल सुनवाई का अनुरोध
इलाहाबाद हाईकोर्ट में पुनरीक्षण याचिका में जिला जज वाराणसी के फैसले को चुनौती दी गई. इंतजामिया मस्जिद कमेटी के सीनियर एडवोकेट सैयद फरमान अहमद नकवी ने हाईकोर्ट में अर्जी दे अर्जेंसी के आधार पर सुनवाई का अनुरोध किया था।
सुप्रीम कोर्ट से मुस्लिम पक्ष को नहीं मिली थी राहत
इलाहाबाद हाईकोर्ट में जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच ने वाराणसी जिला अदालत के फैसले पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई दोपहर 12 बजे हुई. सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद मुस्लिम पक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में गुरुवार को याचिका दाखिल की.
वाराणसी के विवादित ज्ञानवापी परिसर में व्यासजी के तहखाने में पूजा अर्चना गुरुवार से ही शुरू हो चुकी है.
तहखाने में अखंड रामायण पाठ की हुई शुरुआत
काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रोफेसर रामनारायण द्विवेदी ने कहा कि उर्दू शब्द की वजह से ज्ञानवापी के व्यास जी के तहखाने का नाम बदला गया है. अब यह ज्ञानवापी तलगृह नाम से पहचाना जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि तहखाने में अखंड रामायण पाठ की भी शुरुआत हो गई है. काशी विद्वत परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री ने कहा कि संत समाज काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी जिला प्रशासन और काशी विद्वत परिषद के लोगों ने आज दर्शन पूजन किया और सभी ने मिलकर यह निर्धारित किया है कि इस क्षेत्र का नाम तलगृह होगा.
ज्ञानवापी मामले में कोर्ट के फैसले का VHP ने किया स्वागत
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने ज्ञानवापी के तहखाने में देवी-देवताओं की पूजा करने की अनुमति देने के वाराणसी अदालत के आदेश का स्वागत किया और कहा कि इससे हिंदुओं का हृदय प्रसन्न है. भाजपा ने घटनाक्रम पर टिप्पणी करने से परहेज करते हुए कहा कि मामला अदालत में विचाराधीन है.
ज्ञानवापी के व्यास जी के तहखाने में साफ सफाई के बाद हुई पूजा
वाराणसी जिला अदालत द्वारा हिंदुओं को ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास जी के तहखाने में पूजा का अधिकार दिये जाने के चंद घंटे बाद बुधवार देर रात तहखाना खोलकर साफ सफाई की गई और फिर वहां पूजा की गई. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष नागेंद्र पांडेय ने बताया कि जिला अदालत के आदेश के बाद व्यास जी के तहखाने में पूर्व की तरह अब पूजा पाठ नियमित किया जाएगा.
ज्ञानवापी में व्यास जी के तहखाने में श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
ज्ञानवापी में व्यास जी के तहखाने में पूजा-अर्चना के बाद आम श्रद्धालुओं ने भी पुलिस की मौजूदगी में दर्शन किए। इस मामले को लेकर हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा ”ज्ञानवापी मामले में यह एक बड़ा घटनाक्रम है. ‘व्यास जी के तहखाने’ में पहले भी पूजा होती थी. नवंबर 1993 के बाद इसे गलत तरीके से बंद कर दिया गया। बिना किसी लिखित आदेश के पूजा रोक दी गई और बैरिकेड्स लगा दिए गए. कल ‘व्यास जी का तहखाना’ में पूजा की गई.”
श्रद्धालुओं को भी मिलेगा व्यास जी के तहखाने में दर्शन पूजन का मौका
ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास जी के तहखाने में देर शाम से श्रद्धालुओं को भी दर्शन पूजन का मौका मिल सकता है. तहखाने के बाहर लोहे की ग्रिल लगाकर श्रद्धालुओं को दर्शन पूजन कराने की तैयारी हो रही है. सूत्रों के मुताबिक आज देर शाम से ही श्रद्धालुओं को मिल सकता है दर्शन का मौका, अभी आम श्रद्धालु दर्शन पूजन नहीं कर पा रहे हैं. सुबह मंगला आरती के बाद से रात को शयन आरती होने तक श्रद्धालुओं को मिल सकता है दर्शन का मौका.
बैकग्राउंड
वाराणसी की एक अदालत ने बुधवार को हिंदुओं को ज्ञानवापी मस्जिद के सीलबंद तहखाने के अंदर पूजा करने की अनुमति दे दी है. कोर्ट ने जिला प्रशासन को अगले सात दिनों में जरूरी इंतजाम करने को कहा था. इसके बाद ज्ञानवापी परिसर में स्थिति व्यास जी के तहखाने में देर रात कमिश्नर द्वारा यहां पूजा कराई गई है. कोर्ट का फैसला आने के कुछ ही घंटे के अंदर प्रशासन ने पूजा की तैयारियां शुरू करा दी थी.
अदालत के आदेश के अनुसार, हिंदू श्रद्धालु अब ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर एक सील क्षेत्र ‘व्यास का तहखाना’ में प्रार्थना कर सकते हैं. हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा, “हिंदू पक्ष को ‘व्यास का तहखाना’ में प्रार्थना करने की अनुमति दी गई है. जिला प्रशासन को सात दिनों के अंदर व्यवस्था करनी होगी. अब सभी को पूजा करने का अधिकार होगा.”
कोर्ट के इस आदेश के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों और मुख्य पुजारी ने अपनी देखरेख में पूजा कराई है. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त निकालने वाले गणेश्वर द्रविड़ और मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा भी ‘व्यास का तहखाना’ की पूजा करने में शामिल हुए. दूसरी ओर डीएम एस राजलिंगम ने व्यास जी के तहख़ाने में पूजा कराने पर प्रतिक्रिया दी है.
उन्होंने कहा, ‘कोर्ट की ओर से जो आदेश दिया गया था, उसका पालन कराया गया है. ज्ञानवापी परिसर और काशी विश्वनाथ मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया गया है. रात से हैं यहाँ बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है.’ मुस्लिम पक्ष ने कहा कि वह कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील करेगा. मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता मुमताज अहमद ने कहा, ”आज जिला न्यायाधीश ने हिंदुओं को पूजा करने का अधिकार दे कर अपना अंतिम फैसला दे दिया. अब हम इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय जाएंगे.”
वहीं हिन्दू पक्ष के वकील ने कहा कि नवंबर 1993 तक सोमनाथ व्यास जी का परिवार उस तहखाने में पूजा पाठ करता था. अधिवक्ता ने कहा कि अयोध्या में छह दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा गिराये जाने के बाद, वर्ष 1993 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के शासनकाल के दौरान तहखाने में पूजा-पाठ बंद करा दिया गया था और बैरिकेडिंग कर दी गयी थी।
ज्ञानवापी तहखाने में पूजा पर बिफरे मुस्लिम संगठन,शुक्रवार को वाराणसी बंद का किया ऐलान
ज्ञानवापी के तहखाने में पूजा शुरू होना मुस्लिम संगठनों को रास नहीं आ रहा है. अदालत की इस अनुमति के खिलाफ मस्जिद कमेटी ने शुक्रवार को वाराणसी बंद का ऐलान किया है. डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के आदेश के बाद वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर के तहखाने में 31 साल बाद नियमित पूजा फिर से शुरू हो गई है. इस बात से मुस्लिम संगठन भड़के हुए हैं. उन्होंने ज्ञानवापी में पूजा पर रोक लगवाने के लिए गुरुवार तड़के सुप्रीम कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट और डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में गुहार लगाई लेकिन कहीं से उन्हें राहत नहीं मिली. इसके बाद मुस्लिम नेताओं ने दिल्ली में बैठक कर अगली रणनीति पर विचार किया. वहीं ज्ञानवापी अंजुमन इंतजामिया कमेटी ने तहखाने में पूजा के खिलाफ वाराणसी में शुक्रवार को बंद का ऐलान किया है.
मस्जिद कमेटी ने किया बंद का ऐलान
ज्ञानवापी मस्जिद अंजुमन इंतेजामिया ने लेटर जारी करके वाराणसी में शुक्रवार को बंद का ऐलान किया है. अंजुमन कमेटी ज्ञानवापी के तहखाने में पूजा पाठ से बिफरी हुई है. कमेटी की ओर से जारी लेटर के मुताबिक शुक्रवार को मुस्लिम बहुल इलाकों में दुकानें बंद रखी जाएंगी और लोग सड़कों पर रहेंगे. मस्जिद कमेटी ने शुक्रवार के दिन शांतिपूर्वक नमाज पढ़ने की अपील की है. मुस्लिम संगठन की ओर से शुक्रवार को बंद के आह्वान को देखते हुए मुस्लिम इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की जा रही है.
जिला अदालत से तहखाने में पूजा अनुमत
बताते चलें कि एएसआई सर्वे में स्पष्ट हो गया है कि प्राचीन विश्वनाथ मंदिर में तोड़फोड़ करके ही उसे मस्जिद का रूप दिया गया. इसके सबूत आज भी परिसर में देखे जा सकते हैं. इसके बाद से दोनों पक्षों में कानूनी लड़ाई तेज हो गई है. परिसर के तहखाने में 1993 तक पूजा करते व्यास परिवार ने अपने अधिकार को दोबारा बहाल करने की इजाजत मांगी थी, जिसके बाद बुधवार को वाराणसी की जिला अदालत ने तहखाने में नियमित पूजा की अनुमति दे दी थी.
इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज होगी सुनवाई
इस फैसले के बाद गुरुवार को मुस्लिम संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट और डिस्ट्रिक्ट कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. हालांकि कहीं से भी तहखाने में पूजा पर रोक लगाने का आदेश नहीं आया. डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के लिए 8 फरवरी की तारीख मुकर्रर की है. वहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट इस मामले में शुक्रवार सुबह 10 बजे सुनवाई करने को राजी हो गया है. जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच इस मामले में सुनवाई करेगी. इस मसले पर मुस्लिम संगठन शुक्रवार को दिल्ली में प्रेसवार्ता करके अपनी अगली रणनीति का ऐलान भी करने वाले हैं.
वाराणसी में किए गए सुरक्षा के कड़े इंतजाम
अब ज्ञानवापी मस्जिद कमेटी की ओर से शुक्रवार को वाराणसी बंद के ऐलान से स्थिति बिगड़ने का अंदेशा जताया जा रहा है. हालांकि पुलिस प्रशासन का दावा है कि इलाके में सुरक्षा के कड़े इंतजाम है और बंद के नाम पर किसी को भी उपद्रव करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. वहीं ज्ञानवापी परिसर में पूजा की अनुमति मिलने के बाद काशी विश्वनाथ परिसर में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या एकाएक बढ़ गई है.