सत्ता का भ्रष्टाचार: कर्नल कोठियाल का पोल खोल गेम,25 हजार खर्च पाई गार्ड की सरकारी नौकरी
उत्तराखंड: टिफिन और बंदूक लेकर चौकीदार की नौकरी करने पहुंचे ‘आप’ के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार कर्नल कोठियाल
Colonel Ajay Kothiyal got Job : कर्नल कोठियाल ने बताया कि उन्हें महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग चंपावत में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी मिली है। उन्होंने आरोप लगाया कि इसके लिए उनसे 25 हजार रुपये लिए गए हैं।
कर्नल अजय कोठियाल मिठाई बांटते ज्वॉइनिंग को पहुंचे सचिवालय
आम आदमी पार्टी की ओर से उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार (सेवानिवृत्त) कर्नल अजय कोठियाल मंगलवार को हाथ में लंच बॉक्स और बंदूक लेकर चौकीदार की नौकरी ज्वाइन करने सचिवालय पहुंचे।
इस दौरान कर्नल कोठियाल ने बताया कि उन्हें महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग चंपावत में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी मिली है। उन्होंने आरोप लगाया कि इसके लिए उनसे 25 हजार रुपये लिए गए हैं।
लगाया घूस लेकर नौकरी देने का आरोप
उन्होंने कहा कि सरकार की नाक के नीचे इस तरह के कृत्य हो रहे हैं। आरोप लगाया कि प्रदेश में काबिल युवाओं को नौकरी नहीं दी जा रही है। जबकि आउटसोर्स एजेंसियां घूस लेकर बिना पूरी प्रक्रिया करे ही नौकरियां बांट दे रही है। इसी भ्रष्टाचार का खुलासा करने के लिए मेरे नाम पर भूतपूर्व सैनिक के कोटे में नौकरी के लिए आवेदन किया गया था। इस दौरान बिना पूरी प्रक्रिया पर अमल किए घूस लेकर मुझे चंपावत में चौकीदार की नौकरी दे दी गई।
सचिवालय के बाहर जमकर की नारेबाजी
नौकरी ज्वाइन करने सचिवालय पहुंचे कर्नल कोठियाल के साथ बड़ी संख्या में आप कार्यकर्ता भी मौजूद रहे। उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। इस दौरान उन्होंने सरकार पर बेरोजगार युवाओं के साथ धोखा करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि युवाओं को इसलिए नौकरी नहीं दी जा रही क्योंकि उनके पास पैसे नहीं है। मैंने पैसे जमा कराए तो मुझे नौकरी मिल गई। मैं सरकार का धन्यवाद करना चाहता हूं कि मुझे नौकरी दी। लेकिन मुझे दुख भी है कि प्रदेश में इतने युवा हैं जिन्हें नौकरी की जरूरत है, लेकिन सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है।
बता दें कि कर्नल अजय कोठियाल को हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया था। इसके बाद ही आम आदमी पार्टी उत्तराखंड में अपनी पैठ जमाने में लगी है।
पहली प्रतिक्रिया
यह मामला सोशल मीडिया में चल रहा है। अब तक इसकी कोई लिखित शिकायत नहीं आई है। शिकायत आने पर जांच कराई जाएगी। जांच में दोषी पाए जाने वालों पर कार्रवाई होगी।
– रेखा आर्य, बाल विकास मंत्री
जारी किया गया नियुक्ति पत्र:
हीलाहवाली के बाद शासन ने जांच बिठाई, दस दिन में रिपोर्ट तलब
आप वरिष्ठ नेता कर्नल (सेनि) अजय कोठियाल ने नौकरी के नाम पर डोनेशन का धंधा खोलने का आरोप लगाया। इस दौरान वह हाथ में लंच बाक्स लेकर सचिवालय पहुंचे। उन्होंने बताया कि सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी मिली है।
महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग में सुरक्षा गार्ड के पद पर नियुक्ति के नाम पर विभाग के स्तर से अधिकृत आउटसोर्स एजेंसी में बड़ा गड़बड़झाला सामने आया है। 8475 रुपये मासिक वेतन की नौकरी को एजेंसी 25 हजार रुपये लेकर नियुक्ति पत्र जारी कर रही है। यह रकम आउटसोर्स एजेंसी अपने बैंक खाते में जमा करा रही है। एजेंसी ने इस कड़ी में आम आदमी पार्टी (आप) नेता रिटायर्ड कर्नल अजय कोठियाल को सुरक्षा गार्ड पद पर नियुक्ति पत्र जारी किया है। मामला संज्ञान में आने पर प्रारंभिक हीलाहवाली बाल विकास विभाग की मंत्री रेखा आर्य और सचिव एचसी सेमवाल ने जांच के आदेश दिए हैं। निदेशालय से 10 दिन में रिपोर्ट तलब की गई है।
आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री चेहरा रिटायर्ड कर्नल कोठियाल ने बाल विकास विभाग में सुरक्षा गार्ड पद के लिए विगत छह अगस्त को ए स्क्वायर नामक आउटसोर्स एजेंसी को अपना आवेदन जमा करवाया। आवेदन के साथ उन्होंने शैक्षिक योग्यता के प्रमाण को 12वीं की अंकतालिका के साथ ही शस्त्र लाइसेंस की प्रति लगाई थी।
आवेदन पत्र पर उनकी सैन्य वर्दी वाली फोटो चस्पा की गई थी। आउटसोर्स एजेंसी ने उसी दिन अजय कोठियाल से 25 हजार रुपये श्रीमती निर्मला सिंह सेवा समिति के खाते में जमा करवा लिए। यह राशि उन्होंने गूगल-पे के माध्यम से ट्रांसफर की। हालांकि, इस भुगतान के बदले उन्हें कोई रसीद नहीं दी गई। इसके कुछ देर बाद एजेंसी ने अजय कोठियाल को सुरक्षा गार्ड पद का नियुक्ति पत्र जारी कर दिया।
मंगलवार को मामला तब खुला जब वह इस नियुक्ति पत्र को लेकर सचिवालय में बाल विकास विभाग के अपर सचिव वीके मिश्रा के पास पहुंचे। उच्चाधिकारियों तक मामला पहुंचने पर सचिव एचसी सेमवाल ने तत्काल जांच के आदेश कर दिए। इधर, आउट सोर्स एजेंसी के संचालक अजय प्रताप सिंह का कहना है कि नियुक्ति के नाम पर घूस नहीं ली गई है। 25 हजार रुपये जमानत (सिक्योरिटी) के रूप में लिए गए हैं।
चर्चाओं में रहा एजेंसी का चयन
पिछले साल इसी एजेंसी के चयन को लेकर विभागीय मंत्री रेखा आर्य और तत्कालीन विभागीय सचिव वी षणमुगम में मतभेद भी सामने आए थे।