अमृत काल में औपनिवेशिक पुलिसिंग का भारतीयकरण अपेक्षित: पुलिस साईंस कांग्रेस
देहरादून 07 अक्टूबर। 49वीं अखिल भारतीय पुलिस साइंस कांग्रेस के चतुर्थ सत्र में पुलिस और सीएपीएफ के बीच समन्वय (Coordination between Police and CAPFs) पर हुई चर्चा में Shri S.K. Sabat, IPS, DG Prisons, UP ने शान्ति एवं सुरक्षा व्यवस्था हेतु राज्य पुलिस बल एवं सीएपीएफ के बीच परस्पर समन्वय पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि कुम्भ जैसे विश्व प्रसिद्ध मेले में प्रभावी सुरक्षा व्यवस्था, यातायात एवं भीड़ प्रबन्धन पुलिस और सीएपीएफ के बीच समन्वय का एक सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है।
Additional Deputy Director, Subsidiary Intelligence Bureau ने देश की सीमा पर राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिगत पुलिस बल एवं बीएसएफ के बीच समन्वय पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सीमा पर अपराध से निपटने, सूचनाओं के आदान-प्रदान, सामाजिक व्यवस्था बनाने एवं आतंरिक सुरक्षा के लिए आपसी समन्वय काफी महत्वपूर्ण है। उन्होने पंजाब पुलिस एवंं बीएसएफ के संयुक्त ऑपरेशनों के बारे में बताया, जिसमें क्रॉस बार्डर तस्करी तथा ड्रोन से ड्रग्स और आर्म्स की तस्करी की बढ़ती चुनौतियों से सफलतापूर्वक निपटा जा रहा है । साथ ही इसे रोकने के लिए संयुक्त ऑपरेशन एवं बार्डर एरिया में जागरूकता व सतर्कता बढ़ाने पर जोर दिया।
Shri Vinod Kumar Trivedi Dy. Commandant Parliament Duty Group, CRPF & Shri Akash Saxena, Assistant Commandant, CISF ने कहा कि अमृत काल में पुलिस बल को कॉलोनियल पुलिसिंग सिस्टम से भारतीय पुलिस सिस्टम की ओर आना आवश्यक है। इसके लिए पुलिस को संवेदनशील, सुशासित और तकनीकी रूप से दक्ष होना आवश्यक है। उन्होंने कानून एवं शान्ति व्यवस्था स्थापित करने के लिए पुलिस एवं सीएपीएफ के मध्य बेहतर समन्वय अपनाने पर जोर दिया।
AI से भ्रष्टाचार विरोधी जांचों में क्रांतिकारी परिवर्तन: श्रीवास्तव
49वीं अखिल भारतीय पुलिस साइंस कांग्रेस के प्रथम सत्र 5जी युग में पुलिस व्यवस्था (Policing in 5G Era) के अन्तर्गत हुई चर्चा में पुलिस महानिदेशक, उत्तरप्रदेश राजा श्रीवास्तव ने बताया कि भ्रष्टाचार विरोधी जांचों में AI (Artificial Intelligence) के उपयोग से क्रान्तिकारी बदलाव आए हैं। उन्होंने बताया कि आधुनिक तकनीक का उपयोग कर अल्प समय में डेटा का विश्लेषण कर जाचों को समय से किया जा सकता है। अपराधियों की डिजिटल बिहेवियर रिपोर्ट जांच में काफी मदद देती है। वर्तमान समय में कई जांचों में फाइनेंसियल, बिहेवियर एनालिसेस का प्रयोग कर अच्छे रिजल्ट मिले हैं, जो साक्ष्यों को माननीय न्यायालय में मजबूत आधार प्रदान करते हैं। उन्होने विशेष रूप से कहा कि कानून प्रवर्तन एजेन्सियों एवं अन्य विभागों के बीच डेटा शेयरिंग भी काफी महत्वपूर्ण है।
साइबर सुरक्षा में Known and unknown Threats पर संयुक्त निदेशक, आसूचना ब्यूरो ने प्रकाश डाला। उन्होने कहा कि पुलिस से संबंधी संस्थाओं के लिए डेटा की सुरक्षा काफी महत्वपूर्ण है। आधुनिक तकनीक के इस युग में साइबर हाइजीन युक्त होने की आवश्यकता है। उन्होने बताया कि विभिन्न कार्यों हेतु IP Cameras का उपयोग हो रहे हैं। IP Cameras के नेटवर्क को सिक्योर करना साइबर सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण पहलू है।
श्री बी0 एस0 जयसवाल, संयुक्त कमीशनर, दिल्ली पुलिस ने Geospatial तकनीक एवं Big Data Analysis के प्रयोग के आधार पर प्रभावी सीमा प्रबन्धन पर प्रकाश डाला। उन्होंने नई तकनीकों जैसे GIS, GPS, Geodome का उपयोग कर कार्यप्रणाली में सुधार करने हेतु विशेष जोर दिया।
ड्रग आपूर्ति घटाने को मांग समाप्त करना उपयोगी: मुकेश अग्रवाल
49वीं अखिल भारतीय पुलिस साइंस कांग्रेस के द्वितीय सत्र में नारकोटिक्स: एक अभूतपूर्व दृष्टिकोण (Narcotics : A Game Changing Approach) पर हुई चर्चा में Shri Mahesh Kumar Aggarwal, IPS, ADGP, Crime & Enforcement, Chennai ने नारकोटिक्स एवं ड्रग्स पैडलर्स के नेटवर्क एवं उन पर की गयी कार्यवाही के बारे में प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने कहा कि ड्रग्स की मांग में कमी लाकर सप्लाई को कंट्रोल किया जा सकता है। उन्होंने विशेष रूप से कहा कि सभी हितधारकों को ड्रग्स के विरूद्ध अभियान में एक मंच पर आकर विशेष अभियान चलाने की आवश्यकता है।
Shri S. D. Jambotkar, IRS, DD (Ops) ने ड्रग्स ट्रैफिकिंग पर विस्तार पूवर्क अपने विचार रखे। उन्होंने बताया कि ड्रग्स तस्कर विभिन्न नए तरीकों जैसे सोशल मीडिया, ड्रोन, डार्क वेब, कोरियर सर्विस का उपयोग कर नेटवर्क को बढ़ रहे हैं। ड्रग्स पैडर्ल्स पर प्रभावी रोकथाम के लिए एक विशेष कार्ययोजना बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने NCB द्वारा डार्क नेट पर की गयी कार्यवाही को विस्तारपूर्वक बताया।
Dr. Beulah Emmanuel, APCA Vellore ने Narco-Naxalism से प्रभावित क्षेत्रों के बारे में बताते हुए इस ओर की गयी प्रभावी कार्यवाही के बारे में प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होने विश्व एवं राष्ट्रीय स्तर पर ड्रग्स के व्यापार पर डेटा के माध्यम से अपने विचार रखे। ड्रग्स के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही के लिए प्रशिक्षण, जागरूकता, enforcement और काउंसलिंग पर जोर दिया।