मेट्रोमोनियल साइट से ठगी गई DSP श्रेष्ठा ठाकुर,डरी जगहंसाई से

‘जिंदगी चक्रव्यूह है और मैं अभिमन्यु’… ठग पति से अलग होने के बाद DSP श्रेष्ठा ठाकुर ने बयां की इस तरह से अपना दर्द

DSP Shrestha Thakur: उत्तर प्रदेश की तेजतर्रार पीपीएस अधिकारी श्रेष्ठा ठाकुर एक बार फिर से चर्चा में है. कुछ साल पहले भी बुलंदशहर में थाना प्रभारी रहते ठाकुर चर्चा में आई थी.लेकिन,इस बार श्रेष्ठा ठाकुर अपने निजी कारणों से चर्चा में आई हैं.दरअसल,साल 2018 में श्रेष्ठा ठाकुर ने जिस आईआरएस अधिकारी से शादी की थी, वह व्यक्ति फर्जी निकला. ठाकुर ने बाद में उससे तलाक ले लिया,लेकिन इसके बावजूद वह व्यक्ति उनके नाम का फायदा उठाकर लोगों से ठगी कर रहा था.आखिर में श्रेष्ठा ठाकुर को पिछले दिनों अपने पूर्व पति रोहित राज पर मुकदमा कराना पड़ा है.

शामली 15 फरवरी 2024। उत्तर प्रदेश की तेज तर्रार पीपीएस अधिकारी श्रेष्ठा ठाकुर एक बार फिर से चर्चा में है. कुछ साल पहले भी बुलंदशहर में थानेदार रहते ठाकुर चर्चा में आई थीं. लेकिन, इस बार श्रेष्ठा ठाकुर अपने निजी कारणों से चर्चा में आई हैं. दरअसल, साल 2018 में श्रेष्ठा ठाकुर ने जिस आईआरएस अधिकारी से शादी की थी, वह  ठग निकला. ठाकुर ने तंग आकर उसके खिलाफ पुलिस प्राथमिकी लिखाई और गाजियाबाद पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया .

श्रेष्ठा ठाकुर उत्तर प्रदेश कैडर की 2012 बैच की पीपीएस अधिकारी हैं.उत्तर प्रदेश में लोग उन्हें लेडी सिंघम नाम से भी जानते हैं.साल 2018 में ठाकुर मेट्रोमोनियल साइट से रोहित राज के संपर्क में आई.रोहित राज ने खुद को 2008 बैच का आईआरएस अधिकारी और रांची में डिप्टी कमिश्नर पद पर तैनात बताया था.
श्रेष्ठा ठाकुर ने कब की थी शादी?
बाद में, श्रेष्ठा ठाकुर के परिवारवालों ने भी रोहित राज के बारे में जानकारी हासिल की तो पता चला कि सच में 2008 में रोहित राज नाम का व्यक्ति आईआरएस में चयनित हुआ था । उसकी तैनाती भी रांची में डिप्टी कमिश्नर के पद पर हुई थी. दोनों की शादी हो गई.

धोखेबाज पति से कब मिला छुटकारा
शादी के कुछ ही दिनों के बाद श्रेष्ठा ठाकुर को इस बात की जानकारी हो गई थी,लेकिन ठाकुर परिवार,इज्जत और जगहंसाई के भय से चुप रही. लेकिन, रोहित राज के चाल-चलन और ठग स्वभाव से श्रेष्ठा परेशान रहने लगी । इस बीच एक बच्चे का भी जन्म हो गया.

क्यों लगातार परेशान रहने लगी थीं ठाकुर
शादी बचाए रखने को श्रेष्ठा काफी दिन तक चुप गुमसुम रहने लगी. ऑफिस में भी किसी से कम बात करती .पति की धोखाधड़ी की आदत से श्रेष्ठा लगातार परेशान थी. वह उनके नाम से लोगों से पैसा ठग रहा था। पति का परिवार लखनऊ में भू-खंड खरीदने के नाम पर भी उनसे 15 लाख रुपए ठग चुका था। उनकी परेशानी की झलक उनकी इंस्टाग्राम पर पोस्ट से भी झलकता है.तनाव के दिनों में ठाकुर ने फोटो पोस्ट कर लिखा था ‘जिंदगी चक्रव्यूह है और मैं अभिमन्यु’

धोखेबाज पति कहां का रहने वाला है?
ठाकुर ने साल 2020 फर्जी और धोखेबाज पति से अलग होने का मन बना लिया.शादी के दो साल बाद ठाकुर ने पति से तलाक ले लिया.लेकिन,धोखेबाज पति ने तलाक के बाद भी ठाकुर को तंग करना बंद नहीं किया.पूर्व पति की आदतों से तंग आकर श्रेष्ठा ठाकुर ने गाजियाबाद के ट्रांस हिंडन इलाके में राहित राज के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी. गाजियाबाद पुलिस ने राज को गिरफ्तार कर लिया. गाजियाबाद पुलिस रिमांड पर लेकर आरोपित से पूछताछ कर रही है.

उत्तर प्रदेश के शामली जिले की हैं डीएसपी
पीपीएस अधिकारी श्रेष्ठा ठाकुर वर्तमान में उत्तर प्रदेश के शामली जिले में पुलिस उपाधीक्षक हैं. कुछ साल पहले बुलंद शहर में पुलिस क्षेत्राधिकारी पद पर तैनाती के दौरान ठाकुर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था, जिसमें वह स्थानीय भाजपा नेता से गाड़ी चैकिंग को लेकर बहस कर रही थीं.

श्रेष्ठा ठाकुर को उत्तर प्रदेश के चर्चित पुलिस अधिकारी में गिना जाता है. श्रेष्ठा ठाकुर के साथ धोखे से शादी करने वाला व्यक्ति बिहार के नवादा जिला निवासी है. श्रेष्ठा ने एफआईआर में पूर्व पति रोहित राज के साथ-साथ ससुर वकील शरण सिंह और रोहित राज के भाई संजीत सिंह पर भी पुलिस प्राथमिकी लिखाई है।

खाकी वर्दी पहनने का जज्बा- DSP श्रेष्ठा ठाकुर अपने काम से बनी सिंघम
छात्रा ने खाकी वर्दी पहनना का सपना तब देखा, जब उस छात्रा के साथ हुई छेडछाड़ के बाद मनचलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई ना हो सकी
कुछ आईपीएस या पीपीएस अफसर ऐसे हैं, जिनके परिवार के किसी सदस्य या खुद को इंसाफ ना मिलने के बाद वह खुद खाकी वर्दी पहनने का लक्ष्य बनाकर पीड़ितों को इंसाफ दिलाने की सोचते हैं। एक छात्रा ने खाकी वर्दी पहनना का सपना तब देखा,जब उस छात्रा के साथ हुई छेडछाड़ के बाद मनचलों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई। खाकी वर्दी पहनना और पीड़ितों को इंसाफ दिलाने का सपना पढ़ाई में शुरूआत से ही होनहार लड़की ने कड़ी मेहनत से साकार कर दिया। खाकी वर्दी पहनने के बाद पीपीएस अधिकारी ने कानून के दायरे से अलग चलने वालों के छक्के छुडाये। पीपीएस अधिकारी की बुलंदशहर पोस्टिंग के दौरान एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसे देखकर लोगों ने उनकी प्रशंसा भी की थी। जी हां यह पीपीएस अधिकारी हैं श्रेष्ठा ठाकुर, जिस अफसर को आयरन लेडी और सिंघम के नाम से भी पुकारा जाता है।

श्रेष्ठा यानि उत्तम स्त्री। 12 अगस्त 1984 को उन्नाव जिले के एक बिजनेसमैन एसबी सिंह भदौरिया के यहां जन्मी बच्ची को श्रेष्ठा नाम दिया गया। श्रेष्ठा ठाकुर के दो भाई भी हैं। बड़े भाई का नाम मनीष प्रताप है। इंटरमीडिएट तक की शिक्षा ग्रहण करने के बाद आगे की पढ़ाई को श्रेष्ठा ठाुकर का एडमिशन कानपुर के एक कॉलेज में हुआ था। कानपुर में कॉलेज की पढ़ाई के दौरान ही कुछ मनचलों ने श्रेष्ठा ठाकुर से छेड़छाड की तो श्रेष्ठा ठाकुर ने इग्नोर कर दिया था लेकिन इसके बाद फिर लड़कों ने स्नातक की छात्रा के साथ छेड़छाड की। दोबारा छेडछाड़ होने पर छात्रा श्रेष्ठा ठाकुर पुलिस स्टेशन पहुंच गई और छेडछाड करने वाले मनचलों के खिलाफ शिकायत कर दी। छात्रा की शिकायत पर पुलिस से उचित कार्रवाई ना होने पर श्रेष्ठा ठाकुर के मन में वर्दी पहनने और एक श्रेष्ठ महिला पुलिस अफसर बनने के लक्ष्य ने जन्म लिया। श्रेष्ठा ठाकुर ने एमबीए की डिग्री हासिल की है।

स्नातक की शिक्षा ग्रहण के दौरान हुई छेडछाड़ का आस-पड़ोस के लोगों को पता लगने के बाद परिजनों को ताने मिलने लगते हैं कि लड़की बड़ी हो गई,अब लड़की को अकेले बाहर नहीं जाना चाहिए। इस दौर में बड़े भाई मनीष प्रताप ने अपने बहन श्रेष्ठा ठाकुर का हौंसला कम नहीं होने दिया और पूरा मन पढ़ाई में लगाने को कहा। भाई के सपोर्ट से बहन का हौंसला बढ़ा । उन्होंने एक श्रेष्ठ पुलिस अफसर बनने को अपनी ताकत झोंकना शुरू कर दी। श्रेष्ठा ठाकुर परीक्षा पासआउट कर साल 2012 बैच की पीपीएस अधिकारी बन गई।
पीपीएस अधिकारी श्रेष्ठा ठाकुर बुलंदशहर,बहराइच और अमरोहा जिले में भी क्षेत्रधिकारी रह चुकी हैं। शासन ने पीपीएस अधिकारी श्रेष्ठा ठाकुर का अमरोहा जिले से ट्रांसफर कर शामली जिले में भेजा। शामली जिले की क्षेत्राधिकारी नगर की कमान संभालने के बाद अब श्रेष्ठा ठाकुर थानाभवन क्षेत्राधिकारी हैं। श्रेष्ठा ठाकुर महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा के प्रति एक्टिव रहती है। श्रेष्ठा ठाकुर लड़कियों को कानून रूप से मजबूत बनाने रखने के साथ-साथ शारीरिक तौर पर भी मजबूत बनाने को उन्हें ताइक्वांडो का प्रशिक्षण भी देती है।

बताते हैं,श्रेष्ठा कॉलेज जा रही थी तो सड़क किनारे एक लड़का भीख मांग रहा था,जिसे भूख लगी थी। बच्चे को पीपीएस अधिकारी श्रेष्ठा ने अपना खाने का टिफिन दे दिया था। पीपीएस अधिकारी के बारे में बताया जाता है कि वह अपने हाथ से बना खाना बेसहारा कुत्तों को भी खिलाती है।

पीपीएस अधिकारी श्रेष्ठा ठाकुर ने वर्ष 2017 के महीने जून में भाजपा नेता के बेटा का यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर चालान काट दिया था। तब भाजपा नेताओं ने एकत्रित होकर हंगामा किया था लेकिन महिला डीएसपी ने भाजपा नेताओं की हेकड़ी निकाल दी थी,जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और जिसे देखकर जनता कह रही थी कि अफसर हो तो ऐसी। सरकारी काम में बाधा डालने पर उन्होंने पांच भाजपा नेताओं पर मुकदमा लिख उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। तब वें बहराइच जिले में एक क्षेत्राधिकारी थी। वहां से उनका स्थानांतरण करा दिया गया था। यहीं होली पर्व पर सादे कपड़ों में शहर के बाबा सुंदर सिंह मूक बधिर विद्यालय पहुंचकर दिव्यांग बच्चों के संग पहुंचकर उन्होंने होली खेली और बच्चों को गुझिया, पिचकारी, रंग उपहार दिये। पीपीएस अधिकारी श्रेष्ठा ठाकुर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सम्मानित भी कर चुके।

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