कांग्रेस ने गांधी पार्क में किया विधानसभा का नाटक
उत्तराखण्ड विधानसभा स़त्रः एक मजाक
-प्रकाश जोशी
देहरादून 19 दिसंबर। आगामी विधानसभा सत्र की कम अवधि को लेकर कांग्रेसजनों ने देहरादून स्थित गांधी पार्क में विरोध प्रदर्शन कियां। इस प्रदर्शन का नेतृत्व पूर्व राष्टीय सचिच प्रकाश जोशी द्वारा किया गया। उक्त जानकारी देते हुए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की सदस्या श्रीमती गरिमा महरा दसौनी ने बताया कि इस प्रदर्शन के द्वारा सत्ता पक्ष को आईना दिखाने के लिए एक डमी विधानसभा गठित की गई जहाॅ विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष सत्ता पक्ष और विपक्ष के डमी विधायकों ने विधानसभा सत्र का नाटक मंचन किया। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष की भूमिका जयेन्द्र रमोला ने निभाई। मुख्यमंत्री की भूमिका में राकेश नेगी, मदन कौशिक की भूमिका में अनिल भाष्कर ने विपक्ष के प्रश्नों का उत्तर दिया। विपक्ष की ओर से जहाॅ गरिमा दसौनी ने नेता प्रतिपक्ष के रूप में हंगामेंदार प्रदर्शन किया वहीं जोत सिंह बिष्ट गोविन्द सिंह कुंजवाल की और संग्राम सिह पुण्डीर, हरीश धामी का किरदार निभाते दिखे। गणेश गोदियाल ने भी अपनी ही शैली में सत्ता पक्ष पर जोरदार हमला बोला। सत्र के दौरान विपक्ष के विधायक कई बार वैल में घुस आये जिन्हें मार्सलों की सहायता से जबरन सदन से बाहर खदेड़ा गया। कुल मिलाकर इस डमी विधानसभा का सत्र खठ्ठी-मिठ्ठी नोेकझोंक के साथ हंगामेदार रहा। दसौनी ने कहा कि विधानसभा की नियामावली के अनुसार किसी भी राज्य में वर्षभर में विधानसभा सत्र 60 दिन चलना चाहिए। परन्तु यह उत्तराखण्ड का दुर्भाग्य है कि जबसे भाजपा सत्ता पर काबिज हुई है सत्र की अवधि लगातार कम होते जा रही है। जानकारी देते हुए दसौनी ने बताया कि 2017 में 3 सत्र मात्र 17 दिन के, 2018 में 3 सत्र मात्र 18 दिन के, 2019 3 सत्र मात्र 22 दिन केे और हद तो तब हो गई जब 2020 में मात्र 2 सत्र 6 दिन के हो पाये हैं। उन्होंने कहा कि यह उत्तराखण्ड राज्य का दुर्भाग्य ही कहा जा सकता है कि राज्य के ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा का सरकार के पास समय ही नही है। राज्य में 70 विधानसभायें हैं और नियम 58 के तहत अधिकतम 5 प्रश्न एक दिन में लग सकते हैं ऐसे में 70 विधानसभाओं की समस्यायें कैसे उठाई जा सकती हैं। दसौनी ने कहा कि कुछ समस्याआंे जैसे बेरोजगारी, कोरोना संकट, लचर स्वास्थ्य एवं शिक्षा व्यवस्था, भ्रष्टाचार, जिला प्राधिकरण इत्यादि से तो पूरा प्रदेश जूझ रहा है लेकिन कुछ विधानसभाओें की अपनी क्षेत्रीय समस्यायें भी हैं। जनता जन प्रतिनिधि का चुनाव करते वक्त यह अपेक्षा करती है कि वह अपनी विधानसभा की दिक्कतें सत्र के दौरान मुखर होकर विधानसभा के भीतर उठाये। ऐसे में मात्र तीन दिनों का सत्र जनता जनार्दन के साथ धोखा है। प्रदर्शन के दौरान वहाॅ एकत्र सभी कार्यकर्ताओं ने मांग करते हुए कहा कि राज्य हित में प्रत्येक सत्र कम से कम 15 से 20 दिन संचालित किये जाय। वक्ताओं ने कहा कि जब सरकार विधानसभा सत्र चलाने को गम्भीर नही है जब विधायक विधानसभा में अपने क्षेत्रों की बात ना करना चाहते हों तो अच्छा होगा कि करोड़ों रूपये खर्च करके बनाये गये विधानभवन शादी-विवाह या अन्य समारोह हेतु किराये पर दिये जायें तथा विधानसभा सत्र होटल और रिजोर्ट में चलें जिससे जनता की गाढी कमाई बचाई जा सके। कांग्रेस ने बाद में दावा किया कि इस अनूठे प्रदर्शन ने जनता का भी खासा ध्यान आकर्षित किया।
प्रदर्शन में भाग लेने वालों में मुख्यतः कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय सचिव प्रकाश जोशी, पूर्व विधायक गणेश गोदियाल, प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट, राजपाल बिष्ट, सुमित्तर भुल्लर, संग्राम पुण्डीर, जयेन्द्र रमोला, मोहित उनियाल, नवीन रमोला, उर्मिला थापा, शान्ति रावत, गरिमा दसौनी, अमरजीत सिंह, राकेश नेगी, विकास नेगी, अनिल भास्कर, सुलेमान अली, भूपेन्द्र नेगी, कविन्द्र इस्टवाल, मोहन काला, कार्तिक चाॅदना, सुधीर सुनहेरा, अजय रावत, उदयवीर पुण्डीर, सुधीर शान्डिल्य, सुमित चौधरी, राजवीर चैहान, रवि बहादुर, हिमांशु बहुगुणा मुख्य रूप से शामिल थे।
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