मुकेश सिंघल रिवर्ट मामले में वसूली और मंत्री अग्रवाल के कार्यवाही की मांग
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Dehradun: क्या मुकेश सिंघल ने खुद किया अपना प्रमोशन, पत्रावली चलाई और वेतन भी बढ़ा लिया, प्रेमचंद अग्रवाल के विरुद्ध भी कार्यवाही की मांग लेकिन कांग्रेस भी कैडर परिवर्तन को गोल कर गई
देहरादून/ऋषिकेश 04 जनवरी। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जयेंद्र रमोला ने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती ऋतु भूषण खंडूड़ी सचिव मुकेश सिंघल को दो पद रिवर्ट का आदेश देकर अपनी व सरकार की पीठ थपथपा रही हैं। लेकिन कैडर परिवर्तन की बात रमोला भी गोल कर गए।
विधानसभा के पूर्व सचिव मुकेश सिंघल ने क्या खुद अपना प्रमोशन किया, पत्रावली चलाई और खुद का वेतन बढ़ा लिया? अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जयेंद्र रमोला ने इस मामले में तमाम सवाल उठाते हुए विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री से कार्रवाई की मांग की है। लेकिन उन्होंने भी मनमाने कैडर परिवर्तन पर सवाल उठाने की जरूरत नहीं समझी। वैसे श्री प्रेम चंद अग्रवाल के विरुद्ध चुनाव हारे रमोला समय-समय पर मुद्दे उठाते ही रहते हैं लेकिन अभी तक वे मंत्री को न्यायालय तक घसीटने में सफल नहीं हुए हैं। अग्रवाल इसे अपनी ‘छवि’ ख़राब करने की कोशिश बताते हुए मुकदमें की धमकी दी है लेकिन अभी तक कोर्ट जाने की कोशिश उन्होंने भी नहीं की है।
रमोला ने कहा कि जब सिंघल का प्रमोशन गलत तरीके व नियम विरुद्ध हुआ तो प्रमोशन को वापस कर पुन: नियुक्ति क्यों दी गई? उन्होंने अपने कार्यकाल में जो सचिव स्तर का पे स्केल लिया, उससे राज्य सरकार को जो हानि हुई है, उसकी भरपाई कौन करेगा? मीडिया से बातचीत में उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती ऋतु भूषण खंडूड़ी सचिव मुकेश सिंघल को दो पद रिवर्ट का आदेश देकर अपनी व सरकार की पीठ थपथपा रही हैं।
रमोला के अनुसार अब साफ हो गया है कि सिंघल गलत तरीके से पदोन्नति पाकर सचिव बने थे, ऐसे में उस दौरान उनकी ओर से यदि कोई असंवैधानिक निर्णय लिए गए हैं, तो उसकी जिम्मेदारी किसकी होगी। कहा, जब गलत तरीके से प्रमोशन पाने वाला दोषी है, तो गलत तरीके से प्रमोशन देने वाले पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल भी उतने ही दोषी हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूड़ी से मांग की कि पूर्व में सिंघल ने जो अधिक वेतन लिया, उसकी भरपाई कराई जाए और गलत तरीके से प्रमोशन देने वालों को भी कार्रवाई की परिधि में लाया जाए।
Uttarakhand Assembly Back Door Bharti: सिंघल के विरुद्ध जांच बैठाने की तैयारी, जल्द नामित होंगे जांच अधिकारी
उधर 32 पदों की भर्ती में अनियमितताओं को लेकर निलंबित सचिव मुकेश सिंघल की मुश्किलें अधिक बढ़ सकती हैं।
निलंबित सचिव (पदावनत होने के बाद अब संयुक्त सचिव) मुकेश सिंघल की मुश्किलें अधिक बढ़ सकती हैं। सूत्रों के अनुसार विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण जल्द ही इस सिलसिले में जांच अधिकारी नामित कर सकती हैं।
विधानसभा के भर्ती प्रकरण की आंच में घिरे निलंबित सचिव (पदावनत होने के बाद अब संयुक्त सचिव) मुकेश सिंघल की मुश्किलें अधिक बढ़ सकती हैं।
32 पदों की भर्ती के लिए विवादित एजेंसी का चयन और उसे तीन दिन में 59 लाख रुपये का भुगतान करने के मामले में सिंघल की संदिग्ध भूमिका को देखते हुए उनके विरुद्ध अलग से जांच बैठाने की तैयारी है। सूत्रों के अनुसार विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण जल्द ही इस सिलसिले में जांच अधिकारी नामित कर सकती हैं।
2016 से 2021 तक विधानसभा में हुई 228 तदर्थ नियुक्तियां रद कर दी थीं
विधानसभा में बैक डोर भर्ती का मामला उछलने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने विशेषज्ञ कमेटी से जांच कराई। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद पिछले वर्ष 23 सितंबर को विधानसभा अध्यक्ष ने वर्ष 2016 से 2021 तक विधानसभा में हुई 228 तदर्थ नियुक्तियां निरस्त कर दी थीं। बाद में इन कर्मियों को हटा दिया गया था।
इसके साथ ही पांच साल में तीन पदोन्नति हासिल करने और वर्ष 2020 में विधानसभा में 32 पदों की सीधी भर्ती से संबंधित प्रकरण में तत्कालीन सचिव विधानसभा मुकेश सिंघल को निलंबित कर गैरसैंण से संबद्ध कर दिया गया था। साथ ही 32 पदों की भर्ती परीक्षा को रद कर दिया गया था।
विधानसभा अध्यक्ष ने सचिव सिंघल को पदावनत कर दिया था
विधानसभा की ओर से सिंघल से इन बिंदुओं पर जवाब मांगा गया। उत्तर संतोषजनक न पाए जाने पर चार दिन पहले विधानसभा अध्यक्ष ने सचिव सिंघल को पदावनत कर दिया था। उन्हें दो रैंक नीचे संयुक्त सचिव पद पर पदावनत किया गया है।
सूत्रों के अनुसार भर्ती परीक्षा के मामले में सिंघल का जवाब संतोषजनक नहीं है। इसे देखते हुए अब इस प्रकरण की अलग से जांच कराई जाएगी। जांच अधिकारी कौन होगा, इसे लेकर दो-तीन दिन में स्थिति साफ हो जाएगी।