‘कांग्रेस की नज़र मंगलसूत्र पर, लोगों की कमाई बांटेगी घुसपैठियों में’ मोदी के कहे पर मचा घमासान
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प्रधानमंत्री मोदी ने क्यों कही मंगलसूत्र पर नजर वाली बात… कांग्रेस के मेनिफेस्टो से क्या है कनेक्शन
कांग्रेस पर प्रधानमंत्री मोदी ने अब तक का सबसे तगड़ा अटैक किया है। प्रधानमंत्री ने एक चुनावी रैली में कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो वह देश की संपत्ति को ‘घुसपैठियों’ और ‘अधिक बच्चे पैदा करने वालों’ में बांट देगी। प्रधानमंत्री मोदी के इसी कमेंट को लेकर राजनीतिक पारा चढ़ने लगा है। कांग्रेस इसकी शिकायत चुनाव आयोग ले गई है।
- मुख्य बिंदु
*प्रधानमंत्री मोदी के ‘मंगलसूत्र’ कमेंट पर बढ़ा बवाल
*कांग्रेस ने चुनाव आयोग से की प्रधानमंत्री की शिकायत
*प्रधानमंत्री ने कांग्रेस के घोषणापत्र को लेकर किया कमेंट
*लोकसभा चुनाव के बीच प्रधानमंत्री मोदी-कांग्रेस आमने-सामने
नई दिल्ली 22 अप्रैल 2024: लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा मौखिक युद्ध भी तेज होता जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को फिर दोहराया कि विपक्षी पार्टी और इंडिया ब्लॉक की नजर ‘लोगों की कमाई और संपत्ति पर है’। उन्होंने एक दिन पहले कहा था कि कांग्रेस सरकार देश की संपत्ति ‘घुसपैठियों’ और ‘अधिक बच्चे पैदा करने वालों’ में बांट देगी। उन्होंने यह भी कहा था कि कांग्रेस का आशय मुसलमानों से है। अलीगढ़ में एक रैली संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस के शहजादे कहते हैं कि वे जांच करवाएंगे कि कौन कितना कमाता है। आपके पास कितनी संपत्ति है, आपके पास कितना पैसा है, आपके पास कितने घर हैं। सरकार इस संपत्ति पर कब्जा कर इन्हें सब को बांटेगी।’ प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारी माताओं और बहनों के पास सोना है। यह स्त्रीधन है, इसे पवित्र माना जाता है। कानून भी इसकी रक्षा करता है। उनकी नजर मंगलसूत्र पर है।’ जैसे ही प्रधानमंत्री मोदी ने ये टिप्पणी की, कांग्रेस तुरंत पलटवार को आ गई।
कांग्रेस ने की चुनाव आयोग से शिकायत
प्रधानमंत्री मोदी के ‘मंगलसूत्र’ कमेंट पर कांग्रेस ने चुनाव आयोग पहुंचकर शिकायत की है। पार्टी ने कहा कि प्रधानमंत्री के अनुसार ये बात कांग्रेस के घोषणापत्र में है। कांग्रेस का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी ने ‘विभाजनकारी और दुर्भावनापूर्ण’ बयान देकर आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन किया है। पार्टी ने चुनाव आयोग से प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ एक्शन की मांग कर दी है। यही नहीं पार्टी ने ये भी बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कांग्रेस के घोषणापत्र के बारे में ‘ शिक्षित करने’ को प्रधानमंत्री मोदी से मिलने का समय भी मांगा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने जो कहा, क्या कांग्रेस मेनिफेस्टो में है इसका जिक्र?
अब सवाल ये कि कांग्रेस की ओर से जारी घोषणा पत्र, जिसे पार्टी ने ‘न्याय पत्र’ नाम दिया है, इसमें कहा क्या गया है? कांग्रेस के घोषणापत्र में संपत्ति के पुनर्वितरण का कोई विशेष उल्लेख नहीं है,लेकिन वादा है कि अगर पार्टी सत्ता में आती है,तो वह ‘नीतियों में जरूरी बदलाव से संपत्ति और आय की बढ़ती असमानता दूर करेगी’। घोषणापत्र के पहले अध्याय ‘समानता’ में ‘जातिगत भेदभाव’ ‘रियलिटी’ बताया गया है। तर्क दिया गया है कि ‘ओबीसी, एससी और एसटी भारत की आबादी का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा हैं। हाई रैंकिंग वाले प्रोफेशन,सर्विस और कारोबार में उनका प्रतिनिधित्व अनुपातिक कम है।’
इसके बाद इसमें ‘जातियों और उप-जातियों,उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थितियों की गणना को राष्ट्रव्यापी सामाजिक-आर्थिक और जातीय जनगणना कराने’ का वादा है। कहा गया है कि ‘आंकड़ों के आधार पर हम सकारात्मक कार्रवाई का एजेंडा मजबूत करेंगे।’
कांग्रेस के घोषणा-पत्र में अल्पसंख्यकों के लिए क्या है?
कांग्रेस के घोषणा पत्र में अल्पसंख्यकों पर कहा गया है कि ‘भारत की पूर्ण क्षमता साकार करने को माइनॉरिटीज का आर्थिक सशक्तिकरण एक आवश्यक कदम है।’ इसमें यह वादा है कि सुनिश्चित किया जाएगा कि बैंक अल्पसंख्यकों को बिना किसी भेदभाव इंस्टीट्यूशनल क्रेडिट उपलब्ध कराएंगे।’ इसके अलावा,ये भी कहा गया है कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि अल्पसंख्यकों को शिक्षा,स्वास्थ्य सेवा,सार्वजनिक रोजगार, लोक निर्माण अनुबंध,कौशल विकास,खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों में बिना किसी भेदभाव उचित अवसर प्राप्त हों।
राहुल गांधी क्यों कर रहे लोगों की संपत्ति जांच की बात?
अब सवाल ये कि प्रधानमंत्री ने ऐसा क्यों कहा कि राहुल गांधी लोगों की संपत्ति की जांच की बात कर रहे? दरअसल, राहुल गांधी अक्सर कास्ट सेंशस और उसके बाद इकोनॉमिक मैपिंग की जरूरत पर बोलते रहे हैं। ऐसी टिप्पणी उन्होंने इस चुनाव अभियान में भी कही हैं। 9 मार्च को उन्होंने ट्वीट कर कहा कि बिहार मे जातीय सर्वेक्षण से पता चला है कि 88 प्रतिशत गरीब दलित,आदिवासी,पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदायों में हैं। बिहार के आंकड़े देश की वास्तविक तस्वीर की एक छोटी सी झलक मात्र हैं। हमें इस बात का अंदाजा भी नहीं है कि देश की गरीब आबादी किन परिस्थितियों में रहती है। इसलिए हम दो ऐतिहासिक कदम उठायेंगें- जातीय गणना और इकोनॉमिक मैपिंग। इसके आधार पर हम आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा खत्म करेंगे।
राहुल गांधी ने कमेंट में क्या कहा था?
राहुल गांधी ने जब ये ट्वीट किया, उसी महीने उन्होंने अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा में वादा किया कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो जातीय जनगणना के बाद वित्तीय और आर्थिक सर्वेक्षण होंगे। 12 मार्च को महाराष्ट्र के वनवासी बहुल नंदुरबार जिले में रैली संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जाति जनगणना और आर्थिक और वित्तीय सर्वेक्षण… ये क्रांतिकारी कदम हैं। कांग्रेस इन्हें अपने घोषणापत्र में शामिल करेगी। 6 अप्रैल को हैदराबाद में कांग्रेस का घोषणापत्र जारी करते हुए राहुल ने कहा कि जाति जनगणना से पिछड़े वर्गों,दलितों, वनवासियों और सामान्य जातियों के गरीबों के साथ-साथ अल्पसंख्यकों को पता चल जाएगा कि ‘इस देश में उनकी हिस्सेदारी कितनी है।’
राहुल गांधी ने आगे कहा कि हम उसके बाद एक वित्तीय और संस्थागत सर्वेक्षण कर पता लगाएंगे कि हिंदुस्तान का धन किसके,कौन से वर्ग के हाथों में है। और इस ऐतिहासिक कदम के बाद हम क्रांतिकारी काम शुरू करेंगे,जो आपका हक बनता है,वो हम आपको देंगें।
कांग्रेस ने की हैं 17 शिकायतें
Congress Demands Action Against The Pm Modi To Election Commission Over Manglasutra Row
कांग्रेस ने सोमवार को निर्वाचन आयोग से आग्रह किया कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ ठोस कार्रवाई करे। कांग्रेस का कहना है कि पीएम मोदी ने ‘विभाजनकारी एवं दुर्भावनापूर्ण’ बयान देकर आचार संहिता का स्पष्ट रूप से उल्लंघन किया है। पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने निर्वाचन आयोग पहुंचकर प्रधानमंत्री मोदी की टिप्पणी और कुछ अन्य विषयों पर शिकायतें कीं। इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी और गुरदीप सप्पल शामिल थे। सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा कि हमने कुल 17 शिकायतें की हैं। सभी शिकायतें गंभीर और देश के संवैधानिक मूल सिद्धांतों पर आघातकारी हैं। हमें आशा है कि जल्द से जल्द ठोस और स्पष्ट कदम उठाए जाएंगे।’
जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा के उल्लंघन का आरोप
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को इस प्रकार का वक्तव्य नहीं देना चाहिए। उनके ‘एक्स’ हैंडल पर भी इस टिप्पणी को साझा किया गया है। मैं इसे नहीं दोहराऊंगा, क्योंकि यह भद्दा है। इसमें एक समुदाय का नाम है। इसमें कहा गया है कि वह समुदाय संसाधन हड़प लेगा। उस समुदाय को घुसपैठिया बताया गया है। इसमें मंगल सूत्र की बात की गई है।’ सिंघवी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री पद पर आसीन व्यक्ति ने जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123 का उल्लंघन किया है। भारतीय संविधान की अस्मिता पर प्रहार किया गया है।’
‘ निर्वाचन आयोग की विश्वसनीयता का सवाल’
उन्होंने कहा कि भारत, संविधान, प्रधानमंत्री के पद और निर्वाचन आयोग की विश्वसनीयता का सवाल है…जो सामान्य आदमी पर करते हैं, वो प्रतिबंध लगाना पड़ेगा, चाहे कोई व्यक्ति कितना ही बड़ा है, क्योंकि यह संवैधानिक अस्मिता का सवाल है। कांग्रेस ने ज्ञापन में प्रधानमंत्री की टिप्पणी को विभाजनकारी और दुर्भावनापूर्ण बताया है। प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को राजस्थान की एक चुनावी सभा में कहा था कि कांग्रेस केंद्र में सत्ता में आती है, तो वह लोगों की संपत्ति लेकर मुसलमानों में बांट देगी। मोदी ने यह बात पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के एक बयान का हवाला देते हुए कही, जिसमें उन्होंने कहा था कि देश के संसाधनों पर ‘पहला हक’ अल्पसंख्यक समुदाय का है।