भाजपा के मुकाबले को मजबूत विकल्प जरूरी-कांग्रेस जी-23
कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं की डिनर मीटिंग:आजाद के घर 5 घंटे चली बैठक, G-23 नेता बोले- भाजपा को चुनौती देने के लिए मजबूत विकल्प जरूरी
नई दिल्ली16 मार्च।5 राज्यों में करारी हार के बाद बुधवार रात कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं की बैठक हुई। G-23 नेताओं की यह मीटिंग गुलाम नबी आजाद के घर 5 घंटे चली। बैठक के बाद एक बयान में कहा गया- भाजपा को 2024 में चुनौती देने के लिए एक मजबूत विकल्प की जरूरत है। कांग्रेस हाईकमान सामान्य विचारधारा वाले दलों से बात करे। लेटर पर गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और विवेक तन्खा समेत 18 असंतुष्ट नेताओं ने साइन किए हैं।
G-23 नेताओं की ओर से जारी इस पत्र में सिर्फ 18 नेताओं ने दस्तखत किए हैं। गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा CWC मेंबर भी हैं।
वाघेला और अय्यर भी शामिल
आजाद के घर डिनर पार्टी में पूर्व कांग्रेस नेता शंकर सिंह वाघेला, कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर और मणिशंकर अय्यर भी शामिल हुए। ये सभी पहली बार G-23 की बैठक में शामिल हुए हैं। इसके अलावा, मीटिंग में कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, शशि थरूर, अखिलेश प्रसाद सिंह, भूपिंदर सिंह हुड्डा और पृथ्वीराज चौहान, मणिशंकर अय्यर, पी.जे कुरियन, विवेक तन्खा और संदीप दीक्षित भी बैठक में शामिल हुए।
आजाद के आवास पर जाने से पहले शशि थरूर ने सोशल मीडिया पर लिखा- एक और गलती करने का मन कर रहा है।
सूत्रों के मुताबिक गुलाम नबी आजाद गुरुवार को कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे। इस दौरान राहुल और प्रियंका के भी मौजूद रहेंगे। आजाद से हाईकमान G-23 पर फाइनल बातचीत कर सकती हैं।
डिनर पार्टी से निकलने के बाद राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि मैं पहली बार नहीं आया हूं। ये कोई G-23 की नहीं, बल्कि फ्रेंड्ली मीटिंग थी।
बैठक से पहले शशि थरूर ने एक ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि मैं अपनी गलतियों से सीखता आया हूं। इसलिए अब एक और गलती करना चाहता हूं। थरूर के इस बयान के सियासी गलियारों में मायने निकाले जा रहे हैं।
यह बैठक पहले कपिल सिब्बल के घर होनी थी, लेकिन गांधी परिवार के खिलाफ दिए गए उनके बयान के बाद लोकेशन बदली गई।
बघेल ने कहा- कांग्रेस को कमजोर करने में जुटे हैं नेता
मीटिंग से पहले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा- CWC की बैठक में सभी ने सोनिया जी पर पूरा विश्वास जताया है। हम सब सोनिया जी, राहुल जी और प्रियंका जी के साथ हैं। जो लोग इस तरह के बयान दे रहे हैं वे कांग्रेस को कमजोर करने के लिए कह रहे हैं। यह बेहद दुख की बात है कि चुनाव के वक्त उनका एक भी बयान नहीं आता, लेकिन चुनाव के बाद वे लगातार बयानबाजी करते हैं।
खड़गे बोले- सिब्बल वकील, नेता नहीं
डिनर पार्टी पर राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने निशाना साधा। कहा- कपिल सिब्बल एक अच्छे वकील हो सकते हैं, लेकिन वो नेता नहीं हैं। उन्होंने आज तक कांग्रेस को एक गांव में भी मजबूत नहीं बनाया। इस तरह के डिनर ऑर्गनाइज करने से सोनिया गांधी पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है।
खड़गे (बाएं से दूसरे) ने कहा कि गली से लेकर दिल्ली तक कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सोनिया गांधी पर भरोसा हैं। पार्टी में जल्द ही बड़े बदलाव किए जाएंगे।
सिब्बल की मांग- गांधी परिवार छोड़े कांग्रेस में पद
पांच राज्यों में कांग्रेस की हार के बाद एक इंटरव्यू में सिब्बल ने कहा था- राहुल गांधी डीफेक्टो प्रेसिडेंट रहे हैं। पंजाब में मुुख्यमंत्री बनाने में उन्होंने फैसला किया था। आप बताइए किस हैसियत से उन्होंने यह फैसला लिया था? हमारी मांग है कि घर की कांग्रेस के बजाए सबकी कांग्रेस हो। गांधी परिवार कांग्रेस की कमान छोड़े। मैं इसके लिए आखिरी सांस तक लड़ूंगा।
कपिल सिब्बल ने कहा कि गांधी परिवार के रहते कांग्रेस के सैकड़ों नेता पार्टी छोड़ रहे हैं। ऐसे में कमान किसी और को दी जाए।
आजाद के घर पर पहले भी हो चुकी है मीटिंग
चुनाव रिजल्ट आने के बाद कांग्रेस के भीतर G-23 गुट की यह दूसरी बैठक थी। पिछले हफ्ते शुक्रवार को गुलाम नबी आजाद के घर पर बैठक हुई थी। इसमें मनीष तिवारी, आनंद शर्मा और भूपिंदर सिंह हुड्डा पहुंचे थे, वहीं कई नेता वर्चुअली इस मीटिंग में शामिल हुए थे।