धामी सरकार के दायित्वधारियों पर कांग्रेस नही है एकमत

CONGRESS LEADER HARISH RAWAT PRAISES CM PUSHKAR DHAMI ON RESPONSIBILITIES IN UTTARAKHAND
दायित्वधारियों के मामले पर दो फाड़ कांग्रेस! संगठन ने सरकार को घेरा, हरदा ने की प्रशंसा की धामी की
पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत एक बार फिर कांग्रेस की लाइन से अलग मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सराहना कर गए. हरदा ने मुख्यमंत्री धामी की ये सराहना दायित्व धारियों के मानदेय और सुविधाओं के मामले में की है.
हरीश रावत का बयान पार्टी लाइन से उल्टा
देहरादून 29 दिसंबर:धामी सरकार में दायित्वधारियों के मानदेय और सुविधाओं को लेकर जारी आदेश के बाद जहां कांग्रेस के नेता सरकार पर हमलावर हैं तो वहीं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस मामले में मुख्यमंत्री धामी की सराहना की है. हरीश रावत का कहना है कि दायित्वधारियों के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ज्यादा संयम से काम ले रहे हैं.
मुख्यमंत्री धामी 21 नेताओं को सौंप चुके दायित्व
गौर हो कि भाजपा में पिछली लोकसभा चुनाव से पहले से ही दायित्व बंटवारे की मांग चली आ रही थी. धामी सरकार ने अब कहीं जाकर दायित्वों की पोटली खोली. सबसे पहले 27 सितंबर को 10 नेताओं को दायित्व सौंपे गये जब मुख्यमंत्री विदेश में थे. इसके बाद 14 दिसंबर को 11 नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई. अब दायित्वधारियों के मानदेय और सुविधाओं पर आदेश हुआ है. इस पर कांग्रेस ने खूब बयानबाजी की .
हरदा ने की मुख्यमंत्री धामी की सराहना
वहीं, दायित्वधारियों के मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि यह प्रत्येक सरकार करती आई है और यह पद इसीलिए बनाए गए हैं. खुद उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए कई गुना ज्यादा लोगों को दायित्व सौंपे और दायित्व सृजित भी किए. उन्होंने कहा कि इस मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ज्यादा संयम से काम ले रहे हैं, लेकिन इससे भाजपा के वे नेता और कार्यकर्ता कष्ट में है, जिनका अधिकार बनता है. उनको दायित्व दिया जाना चाहिए.
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि दायित्व दिए जाने के बाद सरकार के काम करने में सुविधा होती है. दायित्वधारी फैसिलिटेट करते हैं. हालांकि, सरकार ने अब तक अपने मंत्रियों का कोटा ही पूरा नहीं किया है। चार या छह मंत्रियों के भरोसे राज्य नहीं चल सकता. इसलिए सरकार को कई सारे वर्किंग हैंड की जरूरत है. इसलिए धामी सरकार के दायित्वधारी अच्छे वर्किंग हैंड का काम कर सकते हैं. यह इस बात पर निर्भर करता है कि सरकार उनसे क्या काम ले रही है?

Previously CONGRESS has CORNERED DHAMI GOVERNMENT ON INCREASING HONORARIUM OF OFFICE BEARERS
दायित्वधारियों के मानदेय पर भाजपा को घेरा था कांग्रेस ने, कहा था-‘ भाजपा में नहीं ऑल इज वेल’

उत्तराखंड में दायित्वधारियों को घोषित सुविधाओं पर विपक्ष हमलावर हो गया था. कांग्रेस ने दायित्वधारियों को दिये जाने वाले वेतन भत्तों पर धामी सरकार को घेर कहा था कि  भाजपा में ऑल इज नॉट वेल.  गुटों को साधने और कार्यकर्ताओं को संतुष्ट करने को उनका लाव लश्कर बढ़ाया जा रहा है.

दायित्वधारियों के मानदेय पर हुई थी गर्मा-गर्मी

पुष्कर धामी सरकार में बनाए गए दायित्वधारियों के मानदेय और सुविधाओं को लेकर जारी किए गए आदेश के बाद कांग्रेस ने इसे लेकर धामी सरकार पर हमला बोला था. कांग्रेस ने कहा था कि उत्तराखंड पर पहले ही 80 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज है. इसके बाद भी भाजपा सरकार प्रदेश पर दायित्वधारियों का बोझ लाद रही है.
कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा था कि राज्य के प्रत्येक नागरिक पर 65 हजार रुपए का ऋण है. प्रदेश में  बेरोजगारी अविराम बढ़ रही है. उसके बावजूद सरकार दायित्वधारियों को प्रति माह 45 हजार रुपए मानदेय देगी. इसके साथ ही दायित्वधारियों को 80 हजार रुपए टैक्सी भत्ता, 25 हजार रुपए आवासीय भत्ता, 15 हजार रुपये में एक व्यक्तिगत सहायक और 12 हजार रुपए में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की सुविधा देगी. उन्होंने कहा कि धामी सरकार मितव्ययता सिद्धांत दृष्टिविगत कर रही है.
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा माहरा दसौनी ने दायित्वधारियों को दी गई सुविधाओं पर सरकार से पुनर्विचार की मांग कर दी. उन्होंने भी कहा कि प्रदेश का हर नागरिक ऋण बोझ तले दबा हुआ है. प्रदेश विकट आर्थिक संकट से जूझ रहा है. सरकार आठ उपनल कर्मियों के वेतन के बराबर एक दायित्वधारी को मानदेय देगी. इससे बड़ी आर्थिक और सामाजिक असमानता होगी. इससे लगता है या तो भाजपा में ऑल इज नॉट वेल चल रहा है.तभी तो गुटों को साधने और कार्यकर्ताओं को संतुष्ट करने को उनके लाव लश्कर में वृद्धि की जा रही है.

जवाब में भाजपा के वरिष्ठ नेता और 20 सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति उपाध्यक्ष ज्योति प्रसाद गैरोला ने कहा कि दायित्वधारियों को सुविधा पहले से ही प्रचलित हैं. इसमें कुछ भी नया नहीं है.
असल में धामी सरकार ने दायित्वधारियों को 45000 रुपए मानदेय का निर्णय लिया है. सरकारी वाहन न लेने और टैक्सी का उपयोग करने पर इन दर्जा प्राप्त मंत्रियों को पहले से ज्यादा बजट का निर्णय लिया गया है. अब तक दायित्वधारी को ₹60000 प्रति माह वाहन भत्ते का प्रावधान था. जिसे अब बढ़ाकर 80000 रुपए प्रति माह कर दिया गया है. हालांकि, स्वयं का वाहन प्रयोग करने पर ₹40000 प्रति माह दिए जायेंगें .

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