किरण नेगी और अंकिता भंडारी के हत्यारों को सजा को केंद्रीय कानून मंत्री को ज्ञापन

देहरादून/नई दिल्ली 06 दिसंबर। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू से मिला और किरण नेगी और अंकिता भंडारी हत्याकांड के दोषियों को सजा सुनिश्चित किए जाने की मांग उठाई।

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में उत्तराखंड के प्रमुख नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं का एक शिष्टमंडल आज केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजूजी से मिला और उत्तराखंड की दो बेटियां किरण नेगी (दामिनी)और अंकिता भंडारी( अनामिका) बलात्कार और हत्या कांड के दोषियों को सजा सुनिश्चित किए जाने की मांग उठाई।

प्रतिनिधिमंडल जिसमें उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता धीरेंद्र प्रताप, कांग्रेस के संयुक्त सचिव हरिपाल रावत ,पत्रकार और सोशल एक्टिविस्ट कुशाल जीना, अनिल पंत और अमिताभ श्रीवास्तव ,योगिता भयाना, विक्रांत प्रताप एडवोकेट शामिल थे , करीब आधा घंटा कानून मंत्री के साथ रहा और किरण नेगी हत्याकांड के गुनहगारों के बरी होने पर आक्रोश जताया।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस मामले को अत्यंत गंभीर बताते हुए कहा कि आज उत्तराखंड के एक करोड़ से ज्यादा लोगों के परिवारों में इस बात को लेकर रोष है कि जब किरण नेगी की हत्या हुई है ,बलात्कार हुआ है तो कोई तो इसका जिम्मेदार है और जब सेशन कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट ने दोषियों को सजा सुनाई है तो सुप्रीम कोर्ट में अभियोग पक्ष ने क्यों मामला ठीक से नहीं रखा ।उन्होंने इस मामले में कानून मंत्री से हस्तक्षेप किए जाने की मांग करते हुए कहा कि हम सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं परंतु किरण नेगी के हत्यारों की सजा सुनिश्चित हो यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
उन्होंने अंकिता भंडारी कांड में लिप्त वीआईपी को उत्तराखंड की सरकार के बचाए जाने की कोशिशों पर नाराजगी जाहिर की और कहा कि अपराधी की कोई धर्म और जाति नहीं होती। इसलिए दोषियों के प्रति किसी भी प्रकार की उदारता बरतना न्याय की दृष्टि से कदापि उचित नहीं है।

उत्तराखंड कांग्रेस के प्रवक्ता धीरेंद्र प्रताप ने बताया कि कानून मंत्री श्री रिजिजू ने शिष्टमंडल की बातों को अत्यंत ध्यानपूर्वक सुना और विश्वास दिलाया कि अपराधियों को हर हाल में सजा दिलाने के प्रयास किए जाएंगे।
इस मौके पर हरीश रावत ने कानून मंत्री को ज्ञापन भी दिया और सरकार से दोनों हत्याकांडों के गुनहगारों को सजा दिलाए जाने हेतु केंद्र सरकार की त्वरित कार्रवाई की मांग की।
बाद में एक बैठक प्रेस क्लब में हुई जिसमें किरण नेगी के पिता कुवर सिंह नेगी मां महेश्वरी नेगी उत्तराखंड जनता संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष देव सिंह रावत भी शामिल हुए । उसमें कानून मंत्री किरण रिजिजू के आश्वासन पर विश्वास व्यक्त करते हुए उत्तरांखड के सांसदों से संसद सत्र में इस मामले पर दबाव बनाए जाने की अपील का प्रस्ताव पारित किया गया। हरीश रावत ने सांसदों की खामोशी पर  नाराजगी जाहिर की।

ज्ञापन

6 दिसंबर 2022
श्री किरण रिजिजू
कानून मंत्री
भारत सरकार नई दिल्ली

विषय -किरण नेगी और अंकिता भंडारी हत्याकांड के दोषियों को सजा दिलाई जाने हेतु ज्ञापन

प्रिय रिजिजू जी,
इस पत्र के माध्यम से हम उत्तराखंड की दो बेटियों दिल्ली में किरण नेगी और उत्तराखंड में अंकिता भंडारी के बलात्कारियों और हत्यारों को जल्द से जल्द सजा दिलाए जाने की मांग कर रहे हैं । खेद का विषय है कि जहां उत्तराखंड की बेटी अंकिता भंडारी के हत्यारों को सजा दिलाए जाने हेतु राज्य सरकार द्वारा अब तक कोई गंभीर प्रयास होते दिखाई नहीं दे रहे वही इस मामले में लिप्त एक बड़े वीआईपी नेता को भी बचाया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर दिल्ली में घटित उत्तराखंड की दूसरी बेटी किरण नेगी जिसकी बहुत ही क्रूर और विभित्स ढंग से बलात्कार कर हत्या की गई  , के दोषियों को भी हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले में सभी कथित दोषियों को बरी कर दिया गया है ।
हम सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते लेकिन आखिर जब किरण नेगी की हत्या हुई है ,उसके पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बलात्कार के सबूत मिले हैं तो आखिर कोई तो उसकी हत्या का गुनहगार है।
हमारी इस संबंध में आपसे मांग है कि सर्वोच्च न्यायालय का जो फैसला आया है इस पर राज्य सरकार को और केंद्र सरकार को पुनर्विचार याचिका जल्द से जल्द सुप्रीम कोर्ट में दायर करनी चाहिए और भारत सरकार और दिल्ली और उत्तराखंड की राज्य सरकारों के स्तर पर गुनहगारों को सजा सुनिश्चित हो ,इसके गंभीर प्रयास होने चाहिए ।
उत्तराखंड जो मातृशक्ति के भारी त्याग से नया राज्य बना है,  की एक करोड़ जनता इन दोनों घटनाओं से बहुत ही आहत है। सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से उसकी बेचैनी बढ़ी है और राज्य भर के लोग आज केंद्र और राज्य सरकार की तरफ देख रहे हैं कि किस तरह से इन परिवारों को जल्द से जल्द न्याय मिल सके।
हमें अफसोस है इस संबंध में जिस गति से सरकारों के स्तर पर कार्रवाई होनी चाहिए थी उस स्तर पर सरकार की गतिविधियां दिखाई नहीं देती।
हमारा आपसे अनुरोध है कि आप भारत के कानून मंत्री हैं और आज पूरे देश की कानून व्यवस्था आप देख रहे हैं। आप स्वयं पर्वतीय प्रदेश से हैं और पर्वतीय जनपदों में रहने वाली मातृशक्ति का इस तरह से अपमान होगा ,उनकी हत्याएं होंगी उनके साथ कई प्रकार की दुष्कर्म किए जाएंगे और हम खामोश बने रहें । हिंदुस्तान इसका उत्तर चाहता है ।
हमारा अनुरोध है कि इन मामलो में ,जहां किरण नेगी के मामले में दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के सहयोग से जल्द से जल्द सर्वोच्च न्यायालय में समीक्षा याचना लगाएं वही उत्तराखंड की बेटी अंकिता भंडारी जिनके साथ जो उत्तराखंड में हुआ है ,उस मामले में राज्य सरकार पर दबाव बनाएं कि जल्द से जल्द दोषी जेल के पीछे हो। इस मामले में सीबीआई की मदद लेने की जरूरत हो तो वह मदद ली जानी चाहिए और दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिलनी चाहिए ।
हमारा इस संबंध में यह भी कहना है कि दोषी कोई किसी धर्म या जाति का नहीं होता ,उसके कर्म ही उसके अपराध के आईना होते हैं ।
हमें उम्मीद है इस मामले में व्यक्तिगत दिलचस्पी लेकर जल्द से जल्द उत्तराखंड के एक करोड़ लोगों के मन में जो दुख है, पीड़ा है ,आशंकाएं हैं ,उनका निदान करेंगें और किरण नेगी और अंकिता भंडारी हत्याकांड के दोषियों को जल्द से जल्द बड़ी से बड़ी सजा दिलाकर देश में जनता का न्यायपालिका में विश्वास प्रशस्त करेंगे ।

हम हैं आपके ,

1-हरीश रावत पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार
2-धीरेंद्र प्रताप पूर्व राज्य मंत्री उत्तराखंड सरकार
3-हरिपाल रावत राष्ट्रीय सचिव अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी
4-देव सिंह रावत अध्यक्ष उत्तराखंड जनता संघर्ष मोर्चा

5-खुशहाल जीना

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *