कांग्रेस मूल के भाजपा विधायक:साथ थे, हैं और रहेंगे : बहुगुणा लौटे दिल्ली
पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा बोले- साथ थे, साथ हैं और साथ रहेंगे
पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय बहुगुणा ने कहा कि साथ थे साथ हैं और साथ रहेंगे। बुधवार को उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की। माना जा रहा है इस दौरान दोनों के बीच कांग्रेस से भाजपा में आए विधायकों के मसले पर भी चर्चा हुई।
पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय बहुगुणा ने बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की।
देहरादून 28 अक्टूबर। पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय बहुगुणा ने बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की। माना जा रहा है कि इस दौरान दोनों के बीच पांच साल पहले कांग्रेस से भाजपा में आए विधायकों के मसले पर भी चर्चा हुई। वहीं, पत्रकारों से बातचीत में पूर्व मुख्यमंत्री बहुगुणा ने कहा कि कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए सभी नेता साथ थे, साथ हैं और साथ रहेंगे। उन्होंने मंगलवार को पुराने साथियों के साथ बैठक कर बात की थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि डैमेज कंट्रोल जैसी कोई बात नहीं है। ऐसा कोई विषय नहीं कि अस्थिरता का माहौल बने।
उन्होंने यह भी कहा कि जो व्यक्ति जीवन में संतुष्ट हो जाता है तो वह कुछ नहीं कर पाता। जीवन में असंतुष्ट रहना भी जरूरी है। देर शाम पूर्व मुख्यमंत्री बहुगुणा दिल्ली रवाना हो गया।
राजनीतिक गलियारों में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत और विधायक उमेश शर्मा काऊ समेत पांच साल पहले कांग्रेस से भाजपा में आए विधायकों में नाराजगी की बातें सामने आ रही हैं। उन्हें साधने के उद्देश्य से देहरादून पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने नाराज विधायकों और फिर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की। वर्ष 2016 में बहुगुणा के नेतृत्व में ही ये नेता भाजपा में शामिल हुए थे। बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में बहुगुणा ने कहा कि हम नौ विधायक मार्च 2016 में कांग्रेस से अलग हुए। तब से ही सब लगातार संपर्क में हैं। साथियों से कई मसलों पर चर्चा की गई।जिन परिस्थितियों में सबने कांग्रेस से संबंध तोड़े थे, वे बरकरार हैं। देश, प्रदेश के विकास को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ही सबसे मजबूत विकल्प है। सभी मिलकर चुनाव लड़ेंगे और जीत हासिल करेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा अनुशासित पार्टी है। यहां काम करने का तरीका अलग है। किसी पार्टी में एडजस्ट होने में थोड़ा समय लगता है। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा राष्ट्र व देशहित से आगे नहीं होती। किसी की महत्वाकांक्षा यदि पूरी होगी तो वह भाजपा में ही होगी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि सभी साथियों की अपनी राजनीतिक जमीन व जड़ है। जिसकी जड़ होती है वह राजनीति में कभी नहीं नहीं मरता।
राजनीति में सबके एक दूसरे से संबंध
पूर्व मुख्यमंत्री बहुगुणा ने कहा कि राजनीति में सबके एक दूसरे से संबंध होते हैं। उनके स्वयं के संबंध पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से काफी अच्छे हैं। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम भी उन्हें सेब भेजते हैं। इसका अर्थ यह नहीं कि वह भाजपा में आ रहे हैं। राजनीति में अलग दल में होने से मित्रता का भाव खत्म नहीं होता। उत्तराखंड में राजनीति में कटुता न हो, आपसी सद्भाव हो, यह सबका प्रयास होना चाहिए।
हरीश रावत पर भी कसा व्यंग्य
पूर्व मुख्यमंत्री बहुगुणा ने कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि रावत बहुत मेहनती हैं और सोच रहे हैं कि वह लहर लेकर आ रहे हैं। यदि ऐसा है तो रावत क्यों नहीं बता देते कि चुनाव कहां से लड़ रहे हैं। एक सीट या दो सीट पर। पूर्व मंत्री यशपाल आर्य को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि जो पत्थर स्थिर रहेगा, उस पर घास जमेगी। जो लुढ़कता रहेगा उस पर घास कहां जमेगी।
तो उत्तराखंड में मिलेगी महत्वपूर्ण भूमिका
पूर्व मुख्यमंत्री बहुगुणा जल्द ही उत्तराखंड में सक्रिय भूमिका में नजर आ सकते हैं। उन्होंने स्वयं इसके संकेत दिए और कहा कि वह जल्द ही सबके बीच सक्रिय रूप से नजर आएंगे।