मंहगाई पर जनता की आवाज बन सड़कों पर उतरेगी कांग्रेस: सचिन पायलट
सचिन पायलट ने कहा- महंगाई पर जनता की आवाज बनकर सड़कों पर उतरेगी कांग्रेस
पेट्रोलियम पदार्थों की लगातार बढ़ती कीमतों और महंगाई के खिलाफ देशभर में चलाई जा रहे कांग्रेस के अभियान में राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने उत्तराखंड में मोर्चा संभाला। केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए पायलट ने कहा कि कांग्रेस चुप बैठने वाली नहीं है।
देहरादून16 जुलाई। पेट्रोलियम पदार्थों की लगातार बढ़ती कीमतों और महंगाई के खिलाफ देशभर में चलाई जा रहे कांग्रेस के अभियान में शुक्रवार को राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने उत्तराखंड में मोर्चा संभाला। केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए पायलट ने कहा कि कांग्रेस चुप बैठने वाली नहीं है। पार्टी के लोग जनता की आवाज बनकर सड़कों पर उतरेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में प्रचंड बहुमत के बावजूद राजनीतिक अस्थिरता थोपने के लिए प्रदेश की जनता को केंद्र और भाजपा को माफ नहीं करेगी।
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में पत्रकारों से मुखातिब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट ने कोरोना से निपटने में कुप्रबंधन और अर्थव्यवस्था को संकट में डालने के आरोप केंद्र पर लगाए। हालांकि पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस की कीमतें और महंगाई पर जिस तरह उन्होंने पूरी तैयारी के साथ केंद्र पर हमला बोला, उससे ये संकेत दे दिए कि कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर खुद को जनता से सीधा जुड़ने पर ताकत झोंकेगी। उन्होंने कहा कि पहली बार 250 शहरों में पेट्रोल की कीमत सौ रुपये के पार पहुंच गई है। छह महीने में 66 बार दाम बढ़ाए गए हैं।
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प्रदेश सरकारों पर पेट्रोलियम पदार्थों पर वैट कम नहीं करने के लग रहे आरोपों का बचाव करते हुए पायलट बोले, केंद्र सरकार ने पेट्रोल व डीजल पर चतुराई से सेस बढ़ाया है। इससे पेट्रोल में प्रति लीटर 33 रुपये और डीजल पर 32 रुपये की कमाई केंद्र को हो रही है, जबकि राज्यों के हिस्से में मामूली रकम जा रही है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम कम होने के बावजूद देशवासी पेट्रोलियम पदार्थों की ज्यादा कीमत देने को विवश हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र की पिछली मनमोहन सरकार ने कभी इन कीमतों पर अंकुश लगाए रखा, ताकि जनता को परेशानी न होने पाए।
पायलट ने आगे कहा, तीन कृषि कानूनों को लेकर देश में किसान नाराज है। हर राज्य का किसान परेशान है। कांग्रेस केंद्र की सरकार से इसका जवाब मांग रही है। सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों और नवरत्नों को खत्म किया जा रहा है। सभी संस्थाओं पर पिछले सात साल में केंद्र ने अपना नियंत्रण बढ़ा दिया है, ताकि विरोध करने वालों पर दबाव बनाया जा सके। उन्होंने आरोप लगाया कि महंगाई, कोरोना से निपटने में नाकामी, अर्थव्यवस्था को नुकसान और दो करोड़ रोजगार कम करने के मामलों को जब भी उठाया जाता है, केंद्र की सरकार धर्म, संप्रदाय के मामलों को उठाकर उन पर चर्चा नहीं होने देती।
पायलट ने कहा कि पूरे देश में पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से आम आदमी त्रस्त है। इनकी कीमतें कम करना केंद्र सरकार के हाथ में है। जिसके लिए कांग्रेस पूरे देश में महंगाई के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रही है।
उन्होंने कहा कि देश के 250 शहरों में पेट्रोल के दाम 100 रुपए के पार हो गए हैं। उत्तराखंड में बहुत अराजकता का माहौल है। राष्ट्रीय स्तर पर लोग महंगाई से त्रस्त हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के आह्वान पर देश भर के तमाम प्रांतों में कांग्रेस ने प्रदेश में हर जनपद , ब्लॉक और विधानसभा क्षेत्र में महंगाई के खिलाफ पिछले 10 दिनों से आंदोलन चलाया है। जगह-जगह साइकिल यात्राएं निकाली गईं। पेट्रोल पंप में उपभोक्ताओं को कांग्रेस के कार्यकाल में और भाजपा के कार्यकाल में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों के बारे में पर्चा बांटा गया। प्रदर्शन किए गए। देशभर में महंगाई के खिलाफ केंद्र सरकार और भाजपा शासित राज्यों में पुतला दहन किया गया।
सचिना पायलट ने कहा कि केंद्र सरकार कच्चे तेल की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में न्यूनतम होने के बावजूद पेट्रोल-डीजल की कीमतें लगातार बढ़ा रही है। देश में यूपीए शासनकाल के दौरान 10 वर्षों में कच्चे तेल की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 100 डॉलर प्रति बैरल रही, लेकिन पेट्रोल 70 रुपये से ऊपर नहीं गया और डीजल 57 से ऊपर नहीं गया।
एनडीए शासनकाल में सात वर्षों में कच्चे तेल की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में न्यूनतम 28 डॉलर प्रति बैरल और अधिकतम 78 डॉलर प्रति बैरल यानी 50 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर नहीं गई। किंतु आज पेट्रोल देश भर में 100 रुपए और डीजल 90 रुपए पहुंच गया है। रसोई गैस के मामले में मोदी सरकार ने देश भर की महिलाओं की रसोई पर सर्जिकल स्ट्राइक कर दी है। इसका जवाब आने वाले चुनाव में देश की जनता भाजपा को देगी।
इस दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह, विधायक काजी निजामुद्दीन,उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना, महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा भी रहे। लालचंद शर्मा ने हरेला के उपलक्ष्य में पायलट को रूद्राक्ष का पौधा भी भेंट किया।
इससे पहले शुक्रवार को वह जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे, जहां कांग्रेस कार्यकर्त्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। एयरपोर्ट से उनका काफिला देहरादून शहर के लिए रवाना हुआ। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने सचिन पायलट के समर्थन में नारे भी लगाए।
स्वागतकर्ताओं में मुख्य रूप से प्रदेश महामंत्री पीके अग्रवाल, महानगर कांग्रेस अध्यक्ष लालचंद शर्मा, प्रदेश महामंत्री नवीन जोशी, पूर्व दर्जाधारी मनीष नागपाल, याकूब सिद्दीकी, शांति रावत, पार्षद कोमल वोहरा, दीप वोहरा, पार्षद रमेश मंगू समेत अन्य कांग्रेसी कार्यकर्ता उपस्थित थे।
इस दौरान सचिन पायलट जहां मास्क लगाए नजर आए। वहीं कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मास्क मुंह से नीचे लटकाया हुआ था जो कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच उनकी लापरवाही को दर्शाता है। प्रेस वार्ता के बाद कांग्रेस भवन में राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट कार्यकर्ताओं से मिले।
कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष को लेकर फैसला जल्द
वहीं गुरुवार को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष को लेकर फैसला जल्द हो जाएगा। इसे लेकर कहीं भी कोई अड़चन नहीं है। इस पर राष्ट्रीय नेतृत्व को निर्णय लेना है।
उन्होंने कहा कि जो राजनीतिक दल इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर सवाल खड़े कर रहे हैं, वह पहले अपने दल देखें। जिनके घर शीशे के होते हैं, वह दूसरों पर पत्थर नहीं फेंका करते।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने अपना प्रदेश कार्यालय बनाने को भू उपयोग बदलने में छूट की व्यवस्था की है, जो सही नहीं है।
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