प्रेस क्लब आकर माफ़ी मांगनी होगी करन माहरा को, वरना प्रदेश व्यापी आंदोलन

देहरादून 05 दिसंबर 2024 । उत्तरांचल प्रेस क्लब के अंतर क्रिकेट टूर्नामेंट पुरस्कार विरतण कार्यक्रम में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बदसलूकी के विरोध में आज प्रेस क्लब में आपात बैठक आहूत की गयी। बैठक की अध्यक्षता प्रेस क्लब अध्यक्ष अजय राणा व संचालन कार्यवाहक महामंत्री मीना नेगी ने किया।

मीना नेगी के हस्ताक्षरों से जारी विज्ञप्ति के अनुसार इस दौरान बैठक में मौजूद पत्रकारों ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और कार्यकर्ताओं के इस कृत्य की घोर निंदा की और सख्त कदम उठाये जाने की मांग की। प्रेस क्लब अध्यक्ष अजय राणा ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा की ओर से आये पत्र को सदन में रखा जिस पर सदन में उपस्थित लोगों ने आपत्ति जताते हुए इसे निरस्त करने की मांग की। पत्रकारों की एक स्वर में उठी इस मांग को मानते हुए प्रेस क्लब अध्यक्ष ने सदन से आये प्रस्ताव के अनुसार कार्यवाही का आश्वासन दिया। इस दौरान सभी सदस्यों ने कहा कि सार्वजनिक मंच पर पत्रकारों के साथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष माहरा के नेतृत्व में अभद्रता की गयी है तो ऐसे में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का केवल खेद जताना पर्याप्त नहीं है। उन्हें प्रेस क्लब में आ कर माफी मांगनी होगी। अन्यथा पत्रकार आंदोलन करेंगें।

सदन ने प्रस्ताव किया कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष माहरा तीन दिन में प्रेस क्लब अध्यक्ष के समक्ष आ कर माफी मांगे। अन्यथा उत्तरांचल प्रेस क्लब अपने सभी सदस्यों एवं प्रदेश के पत्रकार समुदाय के साथ मिलकर विरोध स्वरूप धरना एवं आमरण अनशन प्रारंभ करेगा। इसके साथ ही कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से भी मिलेगा।

प्रेस क्लब अध्यक्ष अजय राणा ने सदन को आश्वस्त किया कि उनकी मांग के अनुसार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को पत्र भेजा जायेगा और सबके साथ मिल कर पत्रकारों के सम्मान की लड़ाई लड़ी जायेगी।
आपात बैठक में लिये गये निर्णय के अनुसार प्रेस क्लब की ओर से कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा को इस संबंध में पत्र भेजा गया है कि वे तीन दिन में प्रेस क्लब अध्यक्ष अजय राणा के समक्ष उपस्थित हो कर चार दिसंबर को पत्रकारों के साथ कांग्रेसियों के कृत्य के लिए माफी मांगे। यदि ऐसा नहीं होता है तो पत्रकार उनके खिलाफ आंदोलन करेंगें।
बैठक में वरिष्ठ उपाध्यक्ष रश्मि खत्री, कनिष्ठ उपाध्यक्ष दरवान सिंह, संयुक्त मंत्री राजीव थपलियाल, कोषाध्यक्ष मनीष भट्ट, सम्प्रेक्षक मनोज ज्याड़ा, कार्यकारिणी सदस्य मंगेश कुमार, विनोद पुंडीर, बालम सिंह तोपवाल, रामानुज आदि मौजूद थे।

पत्रकारों से दुर्व्यवहार पर भाजपा ने मांगा कांग्रेस अध्यक्ष से त्यागपत्र

हार से हताश कांग्रेसी सबको मान रहे विरोधी, संविधान की दुहाई देने वालों की खुली पोल

भाजपा ने पत्रकारों पर कांग्रेसियों के हमले के लिए कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा को जिम्मेदार ठहराते हुए नैतिकता के आधार पर उनके त्यागपत्र की मांग की है।

प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि केदारनाथ में हार से निराश कांग्रेसी सबको अपना विरोधी मान रहे है। इस घटना ने खाली किताब को संविधान बताने वाले नेताओं वाली पार्टी की पोल पुनः लोकतान्त्रिक विश्वास पर खोल दी है।

उन्होंने कल पत्रकारों के एक कार्यक्रम में हुई इस घटना को लोकतंत्र के चतुर्थ स्तंभ पत्रकारिकता पर हमला बताया। उन्होंने कहा कि जब यह सब  हुआ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा वहां मौजूद थे और वे कार्यकर्ताओं को समझाने के बजाय उकसाते नजर आए। एक राष्ट्रीय राजनैतिक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष का यह आचरण बेहद लज्जाजनक है। इसलिए उन्हें तत्काल नैतिकता के आधार कर त्यागपत्र देना चाहिए। भट्ट ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने अपने कार्यकर्ताओं को चौथे स्तंभ पर हमले को उकसाया और  कार्यकर्ताओं ने पत्रकारों से दुर्व्यवहार किया। इसे लोकतंत्र के लिए किसी भी तरह से उचित नहीं ठहराया जा सकता है।

भट्ट ने कहा कि कांग्रेस के लोग केदारनाथ की हार से पूरी तरह निराश हैं। इसी बौखलाहट में उन्हें अब प्रत्येक व्यक्ति अपना विरोधी लगने लगा है। इसलिए वे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को भी प्रताड़ित करने लगे हैं। इस प्रकार के कृत्य करने का अधिकार किसी को नहीं है। जिस प्रकार से चौथे स्तंभ पर यह हमला किया गया, वह लोकतंत्र के लिए भी बेहद घातक है।

उन्होंने निशाना साधा कि कांग्रेस की भ्रम, झूठ और अफवाह की राजनीति को जनता अच्छी तरह पहचान चुकी है। इसी से उनकी कल की रैली में उठाए तमाम विषयों पर समय समय पर लोग उन्हें आइना दिखा चुके हैं। लेकिन कांग्रेस के नेता अब भी अपना चेहरा देखने और गलतियों से सबक सीखने को तैयार नहीं है। आज स्थिति यह है कि उसके कार्यक्रमों का जनता बहिष्कार कर रही है चुनाव में उसे जनता ने किनारे लगा दिया है।
यही वजह है कि यह लोग अपनी खीज इसी तरह निकालते हैं। पहले भी कांग्रेस अध्यक्ष उत्तराखण्डियों और विशेषकर गढ़वाल के लोगों के लिए पार्टी कार्यक्रमों में नहीं आने पर थूकने जैसी अभद्र भाषा का प्रयोग कर चुके हैं। जिस पर उन्हें माफी भी मांगी, लेकिन लगता है इस तरह का व्यवहार कांग्रेस का शिष्टाचार बन गया है।

उन्होंने व्यंग्य कसा कि खाली पन्नों वाली किताब को संविधान बताकर घूमने वाले नेताओं वाली पार्टी से लोकतंत्र पर हमले की ऐसी ही उम्मीद की जा सकती है।

 

 

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