जॉर्ज सोरेस षडयंत्र:G20 और लोस चुनाव लक्षित आयेगी हिंडेनबर्ग 2.0 रपट
IndiaIs Hindenburg 2.0 Coming Before G-20 Summit And Lok Sabha Elections As George Soros Is Plotting Again Against India
जी-20, लोकसभा चुनाव… फिर सही मौके पर षड्यंत्र रच रहे हैं जॉर्ज सोरोस? हिंडनबर्ग 2.0 आने की खबर
नरेंद्र मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने को केवल राजनीतिक ही नहीं, षडयंत्रकारी हथकंडे भी अपनाए जाते रहे हैं। देश-विदेश में बैठा मोदी विरोधी खेमा मौका देखते ही षड्यंत्र में जुट जाता है। अब पता चला है कि अरबपति जॉर्ज सोरोस अमेरिका में बैठकर नया षड्यंत्र रच रहा हैं।
मुख्य बिंदु
खबर है कि जॉर्ज सोरोस समर्थिक समूह हिंडनबर्ग 2.0 रिपोर्ट जारी करने को है
भारत में जी-20 शिखर सम्मेलन होने को है और अगले वर्ष लोकसभा चुनाव भी हैं
जॉर्ज सोरोस ने खुलेआम घोषणा कर रखी है कि वो मोदी सरकार उखाड़ फेकेंगा
नई दिल्ली 28 अगस्त: अभी कुछ महीने पहले ही विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि उन्हें नहीं पता कि भारत में चुनाव शुरू हो गया है या नहीं, लेकिन न्यूयॉर्क और लंदन में इसकी तैयारियां जरूर हो रही हैं। अब देखिए खबर आ गई कि ‘हिंडेनबर्ग रिपोर्ट 2.0’ जारी होने को है। भारत के मून मिशन चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर उतरने की ऐतिहासिक उपलब्धि के उतसव के बीच खबर आई कि विदेशों में बैठे कुछ लोग भारत और मोदी सरकार को निशाना बनाने को एक और रिपोर्ट लाने की योजना बना रहे हैं। यह समूह जॉर्ज सोरोस समर्थित है, जो एक हंगेरियन-अमेरिकी अरबपति हैं और जो 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से उसे उखाड़ने को हर तिकड़म भिड़ा रहे हैं। सोरोस पोषित ओसीसीआरपी ने रिपोर्ट प्रकाशित की जिसमें आरोप था कि भारतीय अरबपति गौतम अडानी की ग्रुप कंपनियां अवैध गतिविधियों में लिप्त हैं। रिपोर्ट ने भारत में राजनीतिक तूफान ला दिया था, लेकिन बाद में इसे सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त कर दिया।
जी-20 सम्मेलन पर षड्यंत्र की छाया!
न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, अब यह समूह एक और रिपोर्ट की योजना बना रहा है जिसे ‘हिंडनबर्ग 2.0’ कहा जा रहा है। रिपोर्ट में मोदी सरकार और उसके सहयोगियों को निशाना बनाने की आशंका है। रिपोर्ट की टाइमिंग बेहद महत्वपूर्ण है। यह प्रधानमंत्री मोदी के नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन का आतिथ्य करने से कुछ दिन पहले आ रही है। यह शिखर सम्मेलन प्रमुख अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम है जिसमें मोदी सरकार भारत की बढ़ती वैश्विक प्रतिष्ठा प्रदर्शित करेगी। वरिष्ठ पत्रकार संजय सिंह ने एनडीटीवी में एक लेख में कहा है कि हिंडनबर्ग 2.0 निश्चित रूप से षड्यंत्र की ही अगली कड़ी होगी। ऐसे समय विदेशी रिपोर्ट आती है तो इसमें कोई दो राय नहीं कि राजनीतिक हो-हंगामा या अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार को लेकर नया बखेड़ा खड़ा कर जी-20 की चमक फीकी होगी जो जार्ज सोरेस का उद्देश्य है भी ।
हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर खुल चुकी है पोल
उम्मीद है कि सेबी 29 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंप दे। मई में सुप्रीम कोर्ट से नियुक्त छह सदस्यीय विशेष समिति ने कहा था कि अडानी ग्रुप के शेयरों पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट के जारी होने पर संदिग्ध ट्रेडिंग हुई थी। ऐसा करने वाली छह इकाइयों में से चार एफपीआई हैं, एक कॉरपोरेट है और एक कोई व्यक्ति है। कुछ समाचार रिपोर्टों से पता चलता है कि आगे की जांच में ऐसी इकाइयों की संख्या बढ़ गई है। यह सुझाव दिया गया है कि बाजार नियामक सेबी को ऐसे कार्यों की जांच प्रतिभूति कानूनों (Securities Laws) में करनी चाहिए।
विपक्षी गठबंधन में जोश भरने की कवायद?
इससे पहले, विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A (इंडिया) 31 अगस्त को मुंबई में बैठक कर रहा है। लेख के अनुसार विपक्ष मोदी सरकार को निशाना बनाने के अपने प्रयास में कुछ भी करने से बाज नहीं आता है, चाहे वह पूरा झूठ हो या आधा सच। हालांकि, विपक्षी गठबंधन ठीक से खड़ा होने से पहले ही लड़खड़ाता दिखता है। इसके कई घटक दलों में खींचतान है। ऐसे में सोरोस ओपन सोसाइटी फंडेड हिंडनबर्ग 2.0 उनमें जोश भर सकता है। सोरोस या अन्य मोदी विरोधी ताकतें सीधे-सीधे तो मोदी सरकार का नुकसान करने में अब तक बुरी तरह विफल रही हैं लेकिन उनसे विपक्ष को हथियार जरूर मिलता है। ये विपक्ष को सरकार पर हमला करने के अवसर पैदा करती हैं।
लोकसभा चुनाव पर दुनियाभर की नजर
कुछ महीने बाद ही वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव अभियान की शुरुआत भी होगी। अगले वर्ष का आम चुनाव जीतकर मोदी सरकार तीसरी बार सत्ता में आना चाहती है। ऐसे में सोरोस समेत तमाम मोदी और भारत विरोधी गुट एकजुट होकर दम दिखायेंगें। एंटी-मोदी समूहों का पिछले नौ सालों से जोर है कि किसी भी तरह नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार को सत्ता से बाहर फेंका जाए।
झूठी रिपोर्टों से खलबली मचाने का षड्यंत्र
सोरोस समर्थित ओसीसीआरपी का इतिहास है कि वह झूठी और भ्रामक जानकारियां प्रकाशित करता है। अडानी समूह पर इसकी पिछली रिपोर्ट भी निराधार ही निकली। हालांकि, हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने अडानी समूह को बड़ा झटका दिया और विपक्षी दलों ने पूरे सत्र में संसद को नहीं चलने दिया। इससे मोदी सरकार की सेहत पर तो कोई असर नहीं पड़ा, लेकिन भारत में राजनीतिक और आर्थिक मोर्चे पर बवाल खूब मचा। मामला सुप्रीम कोर्ट में गया और वहां यह ढाक के तीन पात ही साबित हुआ।
भारतीय कंपनियों पर आ सकती है हिंडनबर्ग जैसी रिपोर्ट :’OCCRP’ ने की इन्वेस्टिगेशन,जॉर्ज सोरोस की फंडेड संस्था जल्द खोलेगी फर्मों के नाम
अडाणी ग्रुप पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के करीब 8 महीने बाद अब भारतीय कंपनियों पर एक बार फिर इसी तरह का संकट मंडरा रहा है। ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) नाम की एक ग्लोबल संस्था भारतीय कंपनियों और कॉर्पोरेट घरानों पर एक जांच रिपोर्ट लाने की तैयारी कर रही है। PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, जांच एजेंसी इन रिपोर्ट्स को फाइनल कर चुकी है और जल्द ही इसकी एक सीरीज लेकर आ सकती है।
रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि OCCRP इस इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट में भारतीय कंपनियों के FDI इन्वेस्टर के नामों का खुलासा करेगा। हालांकि, यह रिपोर्ट किसी एक कंपनी या कॉर्पोरेट ग्रुप के ऊपर होगी या एक से ज्यादा संस्थानों के ऊपर, इसकी जानकारी अभी नहीं दी गई है।
2006 में बनी एक इन्वेस्टिगेटिव संस्था है ‘OCCRP’
इन्वेस्टर और कारोबारी जॉर्ज सोरोस और रॉकफेलर ब्रदर्स जैसे लोगों से फंडेड ‘OCCRP’ 2006 में बनी इन्वेस्टिगेटिव संस्था है। इसे 24 नॉन-प्रॉफिट सेंटर्स ने मिलकर बनाया है। संस्था यूरोप, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और एशिया में काम करती है। OCCRP की वेबसाइट में बताया गया है कि वह कंपनियों के बारे में रिसर्च कर उसकी रिपोर्ट मीडिया संस्थानों की मदद से सीरीज में पब्लिश करती है।
अडाणी ग्रुप पर हिंडनबर्ग ने लगाए थे शेयर मैनिपुलेशन जैसे आरोप
इसी साल 24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट पब्लिश की थी। रिपोर्ट में ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर शेयर मैनिपुलेशन जैसे आरोप थे। रिपोर्ट के बाद ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई थी। हालांकि, बाद में इसमें रिकवरी आई।
SEBI ने 25 अगस्त को अडाणी-हिंडनबर्ग केस की स्टेटस-रिपोर्ट SC को सौंपी
मई में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच की जिम्मेदारी सिक्यूरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) को सौंपी। SEBI ने शुक्रवार (25 अगस्त) को अडाणी-हिंडनबर्ग मामले पर सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट फाइल की है।
रिपोर्ट में मार्केट रेगुलेटर सेबी ने एक एफिडेविट में सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इस मामले में उसकी 24 इन्वेस्टिगेशन यानी जांच में से 22 फाइनल हो चुकी हैं और 2 अब भी अधूरी हैं। सुप्रीम कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 29 अगस्त को करेगा।