वीर सावरकर पर ज़हर, राहुल 10 को लखनऊ कोर्ट तलब
Rahul Gandhi Objectionable Comments On Veer Savarkar Court Summons Issued For Ten January
राहुल गांधी की वीर सावरकर पर आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में बढ़ी मुसीबत, 10 जनवरी को कोर्ट ने लखनऊ में किया तलब
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को ACJM तृतीय कोर्ट ने तलब किया है। 10 जनवरी को आरोपित राहुल गांधी को तलब किया गया है। मामला वीर सावरकर पर आपत्तिजनक टिप्पणी से जुड़ा हुआ है। कोर्ट ने दो समूहों के बीच सद्भाव बिगाड़ने का आरोप सही मानते हुए सुनवाई की है। वकील नृपेंद्र पांडे की ओर से कोर्ट में परिवाद दाखिल किया है
मुख्य बिंदु
1-कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को एसीजेएम तृतीय कोर्ट के 10 जनवरी को उपस्थित होने के निर्देश
2-कोर्ट ने वीर सावरकर पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में की बड़ी कार्रवाई
3-राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के अकोला में वीर सावरकर को लेकर विवादित टिप्पणी की थी
राहुल गांधी वीर सावरकर लखनऊ कोर्ट समन केस
लखनऊ 13 दिसंबर 2024। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से जुड़ी खबर आ रही है। जानकारी के अनुसार राहुल गांधी को एसीजेएम तृतीय कोर्ट ने तलब कर लिया है। कोर्ट ने 10 जनवरी को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को प्रस्तुत होने का आदेश दिया है। वीर सावरकर पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में कोर्ट ने ट्रायल के लिए अभियुक्त के रूप में बुलाया है। बताया जा रहा है कि कोर्ट ने दो समूहों के बीच सद्भाव बिगाड़ने का आरोपित माना है। वकील नृपेंद्र पांडे की ओर से कोर्ट में परिवाद दाखिल किया गया था।
वकील नृपेंद्र पांडेय ने बताया कि राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के अकोला में वीर सावरकर को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। नृपेंद्र ने बताया कि राहुल ने अपने बयान में कहा कि वीर सावरकर ने पत्र लिखकर अंग्रेजों से मांफी मांगी थी और कहा कि आपका नौकर रहना चाहता हूं।
लखनऊ के हजरतगंज थाने में दी लिखित शिक़ायत
राहुल गांधी के इस बयान पर केस दर्ज कराने के लिए हजरतगंज थाने में लिखित शिक़ायत दी थी, लेकिन इस मामले में मुकदमा नहीं लिखा गया था। इसको लेकर नृपेन्द्र भारतीय न्याय संहिता की धारा 156 (3) में कोर्ट गए थे। तब जाकर परिवाद के रूप में मुकदमा लिखा गया था। इस मामले में भारतीय न्याय संहिता की धारा 202, 203 के अंतर्गत पुलिस रिपोर्ट मांगी गई थी, उस रिपोर्ट में कहा गया कि वादी सही कह रहे हैं और इस पर मुकदमा बनता है।
निचली अदालत का आदेश निरस्त
वकील ने बताया कि निचली अदालत ने यह कहकर निरस्त कर दिया था कि इसमें सम्मनिंग का पर्याप्त आधार नहीं है। ये ऐतिहासिक तथ्य है, इस पर सम्मनिंग नहीं की जा सकती है। इसके बाद डिस्ट्रिक्ट जज के यहां उन्होंने रिवीजन डाला था। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुना था। कोर्ट ने निचली अदालत के आदेश को निरस्त कर फिर से सुनवाई करने के आदेश दिए थे।
इस मामले में फिर से सुनवाई शुरू हुई। निचली अदालत ने सुनवाई के दौरान माना कि राहुल गांधी का बयान समाज में द्वेष फैलाने और हिंसा फैलाने को पर्याप्त है। इसी क्रम में कोर्ट ने अब भारतीय न्याय संहिता की धारा 153(ए) और 505 में उपस्थित होने को कहा है।