पौड़ी कल्जीखाल मजार पर बुलडोजर, भाजपा विधायक ने जारी किए थे दो लाख
PAURI DISTRICT ADMINISTRATION DEMOLISHED ILLEGAL MAZAAR IN KALJIKHAL BLOCK
फिर चला धामी सरकार का बुलडोजर, कल्जीखाल में अवैध मजार ध्वस्त
कल्जीखाल ब्लॉक में बरसों पहले बनी एक अवैध मजार को राजस्व प्रशासन की टीम ने बुधवार को ध्वस्त कर दिया. बताया गया कि इस धर्मस्थल की जब जांच की गई तो दस्तावेजों में यह चारागाह में निर्मित पाया गया. इस मजार का निर्माण 20 साल पहले किया गया था.
पौडी जनपद के कल्जीखाल ब्लॉक (mazaar demolished in Chiloli village) में बरसों पहले बनी मजार राजस्व प्रशासन ने बुधवार को ध्वस्त (mazaar Demolished in Pauri) कर दी. मजार की जांच की गई तो दस्तावेजों में यह चारागाह में निर्मित मिली. इसे प्रशासन ने अतिक्रमण मानते हुए बुधवार को यह ध्वस्तीकरण कार्रवाई की. इस संबंध में जिलाधिकारी ने भी पौड़ी के परगनाधिकारी से रिपोर्ट मांगी थी. बताया जा रहा है कि मजार करीब 20 साल पहले बनी थी.
पौड़ी परगनाधिकारी आकाश जोशी ने बताया कि कल्जीखाल ब्लॉक के गांव चिलोली की सीमा में एक मजार चारागाह भूमि पर बनी थी. राजस्व रिपोर्ट मिलने के बाद बुधवार को मजार ध्वस्त कर दी गई. चारागाह भूमि पर किसी तरह भी तरह का निर्माण नहीं किया जा सकता. यह अतिक्रमण श्रेणी में आता है.हालांकि, इस मजार के पास विधायक निधि से एक टिनशेड निर्माण को लेकर भी सोशल मीडिया पर पिछले कई दिनों से चर्चाएं हो रही है. पौड़ी के विधायक राजकुमार पोरी ने बताया कि उन्होंने कोई धर्मस्थल बनाने को निधि नहीं दी है. भाजपा मंडल अध्यक्ष ने यहां एक टिनशेड स्थानीय लोगों के धूप और बारिश से बचने के लिए बनाने का प्रस्ताव दिया था.
पोरी ने कहा कि मणधार में उन्होंने विधायक निधि से दो लाख की धनराशि टिनशेड निर्माण को स्वीकृत की. कुछ मीडिया खबरों में इसे गलत तरीके से प्रचारित किया जा रहा है और उसे दूसरा रंग देने की कोशिश की जा रही है।
पौड़ी की मजार का विवाद गर्माया, विहिप ने विधायक राजकुमार पोरी का किया विरोध
मजार की टीन शेड के लिए पौड़ी विधायक ने दो लाख रुपए विधायक निधि से जारी किए थे. इसका विरोध हुआ और अब मामला तूल पकड़ता जा रहा है. विश्व हिंदू परिषद ने विधायक के फैसले का विरोध करना शुरू कर दिया है. बीएसपी की मांग है कि जल्द से जल्द मजार को हटा लिया जाए.
पीर बाबा की मजार के लिए विधायक ने जारी की है 2 लाख की राशि.
पौड़ी जिले में कल्जीखाल विकासखंड के किमोली गांव के जंगलों में मजार मौजूद है. पौड़ी विधायक राजकुमार पोरी की मुश्किलें इसी मजार के कारण बढ़ गई है. दरअसल, मजार पर टीन शेड लगाने को उत्तराखंड (Uttarakhand) के पौड़ी विधायक ने दो लाख रुपए विधायक निधि से जारी किए थे. अब यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है.
इस मामले में विश्व हिंदू संगठन (Vishwa Hindu Parishad) ने विधायक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. विधायक राजकुमार पोरी के इस कदम का विरोध करते हुए विहिप जिलाध्यक्ष महेंद्र अस्वाल ने मजार हटाने की मांग की और कहा कि यदि मजार जल्द से जल्द नहीं हटाया गया तो उग्र आंदोलन होगा.
जारी की राशि से जुड़ा कागज.
विश्व हिंदू परिषद की यह है मांग
विश्व हिंदू परिषद के पौड़ी जिलाध्यक्ष महेंद्र अस्वाल ने कहा, ”एक ओर देवभूमि में मंदिर निर्माण विधायक नियमों से बाहर बताते हैं. वहीं, दूसरी ओर मजार के साइट डेवेलपमेंट को खुले आम विधायक निधि जारी कर रहे हैं. साथ ही विधायक राजकुमार पोरी यह भी कह रहे हैं कि किमोली गांव की मांग पर टीन शेड के लिए विधायक निधि से राशि जारी की गई. इसमें बुराई क्या है.”
जल्द से जल्द हटाई जाए मजार
विश्व हिंदू परिषद के पौड़ी जिलाध्यक्ष महेंद्र अस्वाल का कहना है कि मजार के लिए विधायक निधि से राशि जारी की गई है. हमारी मांग है कि मजार को जल्द से जल्द हटा लिया जाए. नही तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
पौड़ी तक पहुंच गया मजार जिहाद, किमोली कल्जीखाल में बना दी गई मजार
उत्तराखंड के देहरादून में हिंदू परिवार के स्वार्थ के लिए घर के पास मजार बना देने का मामला सामने आया था। अब पौड़ी गढ़वाल जिले में एक गांव में मजार बना देने का मामला सामने आया है। कल्जीखाल ब्लाक में किमोली गांव में मजार बनाकर अंधविश्वास का धंधा शुरू कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक किमोली गांव में कुछ साल पहले फलदा क्षेत्र में रहने वाले गढ़वाली मुस्लिम यहां दफनाया करते थे। करीब दो ढाई साल पहले यहां कब्र पर चादर डालने का काम शुरू हुआ और अब इसे पीर मजार बताकर आस्था का गोरख धंधा शुरू हो गया।
पीर बाबा मंझधार नाम की ये मजार कैसे बन गई? किसने इसकी इजाजत दी? ग्राम प्रधान इस पर क्यों खामोश रहे? सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि किसी भी धार्मिक स्थल के निर्माण के लिए जिला प्रशासन से अनुमति जरूरी है, क्या इसकी निर्माण की अनुमति ली गई? ये मजार किसी व्यक्ति की जमीन पर नहीं, बल्कि सरकारी जमीन पर बना दी गई? ये कौन पीर बाबा है? कहां से आए हैं? किसने इन्हें यहां दफनाया? कोई जानकारी नहीं है। सब सुनी सुनाई कहानियां बना कर क्षेत्र के भावुक ग्रामवासियों में आस्था का गोरख धंधा चलाया जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक गढ़वाल में रहने वाले गढ़वाली मुस्लिमों ने स्थानीय ग्रामवासियों की मदद से एक मिशन के तहत ये मजार बनवा रहे हैं। न सिर्फ देहरादून, बल्कि पौड़ी गढ़वाल में ही देवराज, बिलखेत में भी इसी तरह की मजारे देखने में आई हैं। एक और दिलचस्प बात सामने आई है कि मजार के ऊपर टीन शेड डालने के लिए विधायक राज कुमार पोरी ने विधायक निधि से दो लाख रुपए दिए जाने की घोषणा भी की हुई है।
एक तरफ देव भूमि उत्तराखंड की धामी सरकार राज्य का देव स्वरूप बनाए रखने के लिए धर्मांतरण बिल ला रही है, सशक्त भू कानून, समान नागरिक संहिता बनाए जाने की बात कर रही है। वहीं, दूसरी ओर विधायक ही मजार जिहाद को संरक्षण देने में लगे हैं। यह मामला सोशल मीडिया पर पिछले कुछ दिन छाया हुआ है, इस पर सामाजिक संगठनों ने तीखी प्रतिक्रिया की है। हिंदू संगठन से जुड़े कुलदीप कुमार का कहना है कि धामी सरकार को सरकारी जमीनों पर बन रही मजारों पर सख्ती से रोक लगानी चाहिए। उन्होंने कहा कि देहरादून जिले के अलावा अब पहाड़ों पर भी सरकारी जमीनों पर मजारे बनती जा रही हैं।
अधिवक्ता राजीव शर्मा कहते हैं कि उत्तराखंड में मजार जिहाद चल रहा है। अब ऐसा लग रहा है कि मुस्लिम समुदाय इस मामले में कुछ स्वार्थी और लोभी हिंदुओं को आगे कर ये षड्यंत्र रच रहे हैं। उन्होंने कहा कि मजारों में जो थोथी आस्था के नाम पर चढ़ावा आ रहा है उसमें कुछ हिंदू भी लिप्त हैं और सरकारी जमीनों पर कब्जे कर मजारे बना कर धंधा कर रहे हैं।