विवाद: बुद्धदेव भट्टाचार्य के नाम पर माकपा का पद्म से इंकार, कांग्रेस गदगद
बुद्धदेव भट्टाचार्य ने पद्म भूषण सम्मान लेने से किया इनकार, कहा- मुझे बताया नहीं गया
पद्म भूषण सम्मान पाने वालों में एक नाम बुद्धदेव भट्टाचार्य का भी है, जिन्होंने पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया है. पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य का कहना है कि इस बारे में उन्हें बताया ही नहीं गया था
बुद्धदेव भट्टाचार्य
नई दिल्ली,25 जनवरी। ‘ सबका साथ,सबका विश्वास, सबका प्रयास ‘ के नारेे वाली सरकार ने धुर विरोधी कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ वयोवृद्ध नेता बुुुुुुद्धदेव भट्टाचार्य भी पद्म भूषण पुरस्कार घोषित कर दिया है लेकिन उन्होंने यह सम्मान से से इंकार कर दिया। 2011 तक पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री रहे बुद्धदेव भट्टाचार्य ने कहा है- मुझे पद्म भूषण पुरस्कार के बारे में कुछ नहीं पता। लेकिन उनकी यह प्रतिक्रिया सीधे नहीं, पार्टी नेता सीताराम येचुरी के माध्यम से आई है। इससे सोशल मीडिया पर तरलेकिन सबसे ज्यादा
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर सरकार ने पद्म पुरस्कारों का ऐलान कर दिया है. इस बार चार हस्तियों को पद्म विभूषण सम्मान दिया गया है, 17 को पद्म भूषण सम्मान और 107 लोगों को पद्मश्री पुरस्कार दिया गया है. पद्म भूषण सम्मान पाने वालों में एक नाम बुद्धदेव भट्टाचार्य का भी है, जिन्होंने पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया है.
पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य उनका कहना है कि इस बारे में उन्हें बताया ही नहीं गया था. उन्हें सार्वजनिक मामलों के क्षेत्र में यह पुरस्कार दिया गया था. वह 2000 से 2011 तक पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री रहे.
CPIM महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट करके जानकारी दी कि बुद्धदेव भट्टाचार्य का कहना है, ‘मुझे पद्म भूषण पुरस्कार के बारे में कुछ नहीं पता. मुझे इस बारे में किसी ने भी कुछ नहीं कहा है. अगर मुझे पद्म भूषण दिया गया है, तो मैं इसे स्वीकार करने से इनकार करता हूं.’
कांग्रेस के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने बुद्धदेव भट्टाचार्य के फैसले पर कहा, ‘उन्होंने सही किया. वह गुलाम नहीं आज़ाद बनना चाहते हैं.’
बुद्धदेव भट्टाचार्य के पुरस्कार स्वीकार न करने की घोषणा से राजनीतिक बयानबाज़ियां तेज़ होने लगी हैं. सोशल मीडिया पर उनके इस फैसले पर लोग जमकर प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं.
‘घर पर न आएं सरकारी अधिकारी’, पद्म विभूषण लेने से इनकार के बाद बोले बुद्धदेव भट्टाचार्य
केंद्र सरकार की ओर से दिए गए पद्म विभूषण सम्मान को लेने से इनकार करने के बाद कम्युनिस्ट नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य ने कहा है कि कोई भी सरकारी अधिकारी या अन्य व्यक्ति इस मामले में उनके घर न आए। बंगाल के पूर्व सीएम ने कहा कि इस मामले में बात करने के लिए कोई भी व्यक्ति अथवा सरकारी अधिकारी उनके घर न आए। उन्होंने खराब सेहत का हवाला देते हुए यह बात कही है। हालांकि उनका कहना है कि डाक के जरिए उनके घर पर संपर्क साधा जा सकता है। इससे पहले रिपब्लिक डे की पूर्व संध्या पर उन्हें पद्म विभूषण सम्मान दिए जाने का ऐलान किया गया था, जिसे उन्होंने खारिज कर दिया था।
बंगाल की सीपीएम इकाई के सचिव सूर्यकांत मिश्रा ने बुद्धदेव भट्टाचार्य़ की ओर से बयान जारी करते हुए कहा है कि कोई भी उनके घर न आए। उनकी शारीरिक स्थिति को देखते हुए डाक के जरिए ही संपर्क किया जा सकता है। मिश्रा ने ट्वीट किया, ‘बुद्धा दा के लिए मूव करना, पढ़ना और लिखना मुश्किल है। यदि हमें उनसे कोई सलाह लेनी है तो हमें उन्हें लिखकर देना होता है और फिर पढ़कर बताना होता है। इसके बाद ही उनकी सहमति मिलती है। उनका दिमाग पहले के मुकाबले अच्छी तरह से काम कर रहा है। इस मामले पर हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनकी प्रतिक्रिया के बारे में जानकारी दें।’
पद्म भूषण सम्मान के लिए अपना नाम सामने आने के बाद बुद्धदेव भट्टाचार्य ने अपनी पार्टी के साथियों के जरिए बयान जारी कर कहा था, ‘मैं पद्म भूषण सम्मान के बारे में कुछ नहीं जानता। इस बारे में किसी ने भी कुछ नहीं बताया है। यदि मुझे पद्म भूषण सम्मान दिया गया है तो फिर मैं इसे अस्वीकार करता हूं।’ उनके इस इनकार के बाद विवाद तेज हो गया था। होम मिनिस्ट्री का कहना है कि उनका नाम तय करने से पहले उनके परिवार से मंजूरी ली गई थी। उनकी पत्नी मीरा भट्टाचार्य को सरकार के इस फैसले के बारे में बताया गया था। मंत्रालय ने कहा कि उनके परिवार के किसी भी सदस्य ने यह नहीं बताया था कि वह पद्म भूषण सम्मान नहीं लेना चाहते।
वहीं बुद्धदेव भट्टाचार्य के परिवार का कहना है कि उन्हें सम्मान दिए जाने की जानकारी देने वाली कॉल आई थी। परिवार ने कहा कि कॉलर ने यह तो बताया कि बुद्धदेव भट्टाचार्य को पद्म भूषण सम्मान दिया जा रहा है, लेकिन परिवार की हामी के बिना ही कॉल तुरंत काट दिया गया। होम मिनिस्ट्री के सूत्रों ने कहा कि किसी भी हस्ती को पद्म सम्मान दिए जाने से पहले उससे या उसके परिवार से संपर्क किया जाता है और सरकार के फैसले के बारे में जानकारी दी जा सकती है। इस मामले पर कम्युनिस्ट पार्टी का कहना है कि हमारा दल पहले से ही सरकारी पुरस्कारों को लेकर यह रवैया रखता रहा है। कॉमरेड ईएमएस नंबूदरीपाद भी अवॉर्ड ठुकरा चुके हैंैं।