कानपुर-मुरादाबाद की कन्वर्जन गुरु रक्षंदा थी पहले हिंदू

उत्तर प्रदेश की धर्मांतरण ‘गुरु’ रक्षंदा की कहानी:17 साल पहले परिवार के खिलाफ मुस्लिम से शादी, सपना से बन गई रक्षंदा खान
मुरादाबाद 24 अक्टूबर 2024(उमेश शर्मा)मैडम कहती हैं, मैं भी हिंदू थी, अब मुस्लिम हूं। मुस्लिम लड़कों से शादी करने में कोई दिक्कत नहीं होती। हमारा नाम जबरन मुस्लिम लड़कों के साथ जोड़ा जाता है। ये संगीन आरोप दो हिंदू छात्राओं ने मुरादाबाद में लैक्मे एकेडमी की फ्रेंचाइजी चलाने वाली सपना सिंह उर्फ रक्षंदा खान पर लगाए हैं। दोनों ने जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर शिकायत की।

इसके बाद हिंदू संगठन भी मामले में कूद पड़े और खूब हंगामा किया। प्रशासन भी हरकत में आया। इंस्टीट्यूट सील कर दिया। रक्षंदा खान और उनके पति गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजे गए। ऐसा पहली बार नहीं है, जब उन पर हिंदू युवतियों का ब्रेनवॉश करने का आरोप लगा। एक साल पहले भी उनके इंस्टीट्यूट में खूब हंगामा हुआ था।

रक्षंदा खान से जुड़ी पूरी कंट्रोवर्सी क्या है? कब से शुरुआत हुई? क्या-क्या आरोप लगे? विस्तार से पढ़ें

कानपुर की सपना 2007 में रक्षंदा खान बन गई सपना सिंह…ये वो नाम है, जो 17 साल पहले रक्षंदा खान का हुआ करता था। कानपुर के शक्तिनगर निवासी सपना बाकी लड़कियों की तरह ही थीं। कुछ करना था, घर बसाना था। तब सपना कानपुर में ही एक ब्यूटी एकेडमी में ट्रेनर थीं। सपना पांच बहनें, एक भाई है। सपना को 2007 में कानपुर के ही शाहनवाज खान से ‘प्यार’ हो गया।

प्यार तो कर लिया, लेकिन शादी सपना के लिए इतना आसान नहीं था। जैसे ही परिजनों को पता चला कि मुसलमान से शादी करना चाहती है, सभी उखड़ गए। घर में मां-बाप से लेकर दूर-दूर तक रिश्तेदार इसके लिए राजी तो क्या इस सच मानने तक को तैयार नहीं थे। लेकिन सपना जिद में थी।

घरवालों के खिलाफ जाकर शाहनवाज खान से शादी की। यहीं से सपना की पहचान बदल गई। मुस्लिम बन रक्षंदा खान नाम हुआ।

यह 26 जुलाई की तस्वीर है, जब मुरादाबाद पुलिस ने रक्षंदा खान और उसके पति शाहनवाज खान को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा था।
3 साल पहले मुरादाबाद आकर मेकअप एकेडमी खोली

रक्षंदा बनने के बाद वो कानपुर में ही काम करती रहीं। 2021 में मुरादाबाद आकर लैक्मे एकेडमी की फ्रेंचाइजी ली। यहीं पिछले 3 साल से रक्षंदा कांठ रोड पर हरथला पुलिस चौकी के पास लैक्मे एकेडमी की फ्रेंचाइजी चलाती हैं। शाहनवाज का कानपुर में कार डेकोरेशन का बिजनेस है। दोनों की संतान है।

30 हजार से ढाई लाख रुपए तक कोर्स की फीस

रक्षंदा की लैक्मे की फ्रेंचाइजी मेकअप एकेडमी विवाद बढ़ने पर पुलिस ने सील कर दी। यहां स्किन केयर से लेकर हेयर और मेकअप करने की ट्रेनिंग दी जाती थी। महंगे भी और सस्ते दोनों तरह के कोर्स । कोर्स की समयावधि भी अलग-अलग। 3 महीने से लेकर एक साल तक के अलग-अलग कोर्स। फीस 30 हजार से लेकर ढाई लाख रुपए तक थी। सबसे महंगे कोर्स का नाम कॉस्मो कोर्स।

रक्षंदा के खिलाफ शिकायतों का सिलसिला

पहली शिकायत: 2023 में एक युवक ने धर्म परिवर्तन अभियान चलाने का आरोप लगा राज राणा नाम के युवक ने  हंगामा किया। मुरादाबाद के गोविंद नगर के राज राणा ने आरोप लगाया कि रक्षंदा खान एकेडमी में ट्रेनिंग देने के बजाय इस्लाम का प्रचार करती हैं।

राणा ने शिकायत में कहा- 72 हजार रुपए जमा कर अक्टूबर, 2022 में एकेडमी के एडवांस मेकअप कोर्स में एडमिशन लिया था। शुरू में सब ठीक था, लेकिन बाद में महसूस किया कि इंस्टीट्यूट में मेकअप ट्रेनिंग की बजाय इस्लामी प्रचार हो रहा। एकेडमी में पूरा दिन इस्लामिक सॉन्ग बजते हैं। तब पुलिस ने रक्षंदा को चेता कर छोड़ दिया। तब FIR नहीं हुई थी।

दूसरी शिकायत: 22 जुलाई 2024 में एकेडमी की ही दो स्टूडेंट ने लगाए आरोप

एकेडमी की स्टूडेंट तान्या चौधरी और स्वाति पाल जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचीं। साथ में एक छात्र और भी था। आरोप लगाया कि रक्षंदा खान हिंदू लड़कियों पर मुस्लिम लड़कों से दोस्ती का दबाव बनाती हैं। धर्मांतरण को उकसाती हैं।

रक्षंदा पर एकेडमी के छात्रों के 5 गंभीर आरोप

आरोप- 1: हिंदू छात्राओं को बिंदी-सिंदूर लगाने पर पाबंदी, मुस्लिम छात्र वहीं नमाज पढ़ते

तान्या चौधरी और स्वाति पाल ने आरोप लगाया कि हिंदू छात्राओं को बिंदी, टीका, सिंदूर और मंगलसूत्र पहनने पर प्रतिबंध लगा है। शादीशुदा लड़की मंगलसूत्र और सिंदूर लगाकर आये, उसे इंस्टीट्यूट में घुसने नहीं दिया जाता। मुस्लिम छात्रों और मुस्लिम ट्रेनर्स को एकेडमी में ही नमाज पढ़ने की आजादी है।

आरोप- 2: मुस्लिम लड़कों से शादी करने को उकसावा लड़कियों का कहना है- रक्षंदा खान हमें मुस्लिम धर्म अपनाने को कहती थीं। कहती हैं, मैं भी पहले हिंदू थी, लेकिन अब मुस्लिम हूं। एक मुस्लिम घर में रहती हूं। मुस्लिम लड़कों से शादी करने में कोई दिक्कत नहीं होती। हमारा नाम जबरन मुस्लिम लड़कों से जोड़ा जाता है। लड़कियों का आरोप है कि वो कहती थीं व्रत तो डाइटिंग को होते हैं, असली ताकत तो रोजों में होती है। महसूस करना है, तो रोजा रखकर देखो।

आरोप- 3: असली बोतल में नकली प्रोडक्ट भरकर बच्चों पर इस्तेमाल 

शिकायत करने वाले छात्रों का कहना है कि एकेडमी में नकली प्रोडक्ट भरे जाते थे। असली प्रोडक्ट की बोतल खाली हो जाती तो उसमें नकली प्रोडक्ट भर दिए जाते। सीखने आने वाले बच्चों पर भी वही इस्तेमाल होता हैं। शिकायत के अनुसार इससे एक स्टूडेंट को एलर्जी भी हो गई थी। उसे इलाज कराना पड़ा, तब जाकर ठीक हुई।

आरोप- 4: मुस्लिम बच्चों की मदद, हिंदू की नहीं शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया कि सिखाते हुए वो मुस्लिम बच्चों की मदद करती हैं, हिंदू बच्चों की नहीं। कुछ पूछने पर हिंदू बच्चों को गलत जवाब देतीं। हिंदू बच्चों को जबरदस्ती एकेडमी को अच्छा रिव्यू देने को मजबूर करतीं। खुद फोन छीन कर रिव्यू भर देतीं।

आरोप- 5: हफ्ते में स्पेशल क्लास लेकर इस्लामिक लिटरेचर पढ़ने को देतीं

छात्राओं का आरोप है- रक्षंदा खान इंस्टीट्यूट में इस्लामिक तौर-तरीके प्रमोट करती हैं। इंस्टीट्यूट में सुबह 10 से 12 बजे तक इस्लामिक प्रेयर्स बजती है। इस्लामिक लिटरेचर की तरफ स्टूडेंट्स को प्रेरित करती हैं। हिंदू लड़कियों का मुस्लिम लड़कों के साथ पेयर बनाकर दोस्ती और रिलेशनशिप को प्रमोट करती हैं। खुद अपना उदाहरण देकर हिंदू लड़कियों का ब्रेनवॉश करने की कोशिश करती हैं। कहती हैं- मैं भी कभी हिंदू थी, लेकिन मैं मुस्लिम लड़के से शादी कर मुसलमान बन गई हूं।

हिंदू लड़कियों का ब्रेनवॉश करने को सप्ताह में एक दिन मास्टर क्लास लेती हैं। इसमें इस्लाम की अच्छाइयां बताकर इस्लामिक लिटरेचर पढ़ने और इस्लाम को करीब से महसूस करने को प्रेरित किया जाता। हिंदू छात्र-छात्राओं को टीका, बिंदी, सिंदूर और मंगलसूत्र पहनने पर पाबंदी है,जबकि मुस्लिम स्टूडेंट्स के साथ खुद रक्षंदा भी क्लास में नमाज पढ़ती हैं।

रक्षंदा खान के खिलाफ एफआईआर में छात्रों के ये सभी आरोप हैं।
2023 में हमने पहली बार रक्षंदा पर धर्मांतरण के आरोप लगने पर उनसे बात की थी। ये थे उसके जवाब-

रक्षंदा ने कहा था- मुझे इस्लाम पसंद है

मुझे इस्लाम पसंद है, इसलिए मुस्लिम बन गई। लेकिन, मैं बाकी सभी धर्मों का भी सम्मान करती हूं। मैं कुरान पढ़ती हूं, लेकिन गीता भी पढ़ी हूं। मेरे इंस्टीट्यूट में होली, दिवाली और नवरात्रि का भी सेलिब्रेशन होता है।

 मुसलमान के हिंदू बनने पर दर्द 

जब कोई मुसलमान कंवर्ट होकर हिंदू बनता है, तो वहां भीड़ क्यों नहीं घुसती? इस्लाम बुरा लगता है, तो इतने हिंदू मजारों पर क्यों जाते हैं? मज़हब मेरा निजी मामला है, इन्हें ये हक किसने दिया कि उसे लेकर बवाल करें? मुस्लिम लड़की हिंदू बनती है, तो उसके इंस्टीट्यूट में ये लोग क्यों नहीं घुसते। मुझ पर गलत इल्जाम लग रहे हैं।

धर्मांतरण करना होता तो सबसे पहले अपने घरवालों का करती

आरोपों में कितनी सच्चाई है इसके जवाब में रक्षंदा ने कहा था- 16 साल पहले हिंदू धर्म छोड़कर मैंने इस्लाम अपनाया। मुझे यह मज़हब पसंद है। मुझे धर्मांतरण मुहिम चलानी होती, तो सबसे पहले अपने भाई-बहनों को कंवर्ट करने की कोशिश करती। वो आज भी हिंदू हैं। मैं सभी धर्मों का सम्मान करती हूं।

 

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