धर्मांतरित होने वालों को नही लेने देंगें अजजा आरक्षण:चंपई सोरेन

Champai Soren: ‘जो वनवासी धर्म बदलेगा उसे…’, पुराने फॉर्म में लौटे चंपई सोरेन; सरकार के खिलाफ भरी हुंकार
वनवासी सांवता सुशार अखाड़ा के तत्वावधान में राजनगर फुटबॉल मैदान में वीर शहीद सिदो कान्हू की जन्म जयंती मनाई गई। कार्यक्रम में  मुख्य अतिथि पूर्व मुख्यमंत्री व विधायक चंपई सोरेन एवं वनवासी समाज के विभिन्न पीड़ के माझी परगना ,देश परगना शामिल थे। कार्यक्रम सम्बोधित करते हुए चंपई सोरेन कहा कि वनवासी समाज पर खतरा मंडरा रहा है। हमें खुद को बचाने की जरूरत है।
चंपई सोरेन ने हेमंत सरकार के खिलाफ भरी हुंकार

राजनगर (सराईकेला) 13 अप्रैल2025। वनवासी सांवता सुशार अखाड़ा के तत्वावधान में राजनगर फुटबॉल मैदान में वीर शहीद सिदो कान्हू जन्म जयंती मनाई गई। कार्यक्रम में  मुख्य अतिथि पूर्व मुख्यमंत्री  व विधायक चंपई सोरेनएवं वनवासी समाज के विभिन्न पीड़ के माझी परगना, देश पारगना शामिल थे।
कार्यक्रम  सम्बोधित करते हुए चंपई सोरेन कहा कि वनवासी समाज का अस्तित्व  बचाने व झारखंड आंदोलन की लड़ाई में इतना व्यस्त रहा कि कब मेरे बच्चे बड़े होते गए मुझे पता ही नहीं चला। आज वनवासी समाज पर अस्तित्व व पहचान का खतरा मंडरा रहा है।
चंपई सोरेन ने वनवासियों के इसाई धर्म में जाने को लेकर उठाई आवाज
चंपई सोरेन ने कहा कि सिदो कान्हू ने वनवासी समाज बचाने को अंग्रेजी हुकूमत एवं महाजनों से लड़ाई लड़ी थी जिससे एसपीटी एक्ट बना और वनवासियों की जल जंगल जमीन की रक्षा हो सकी।
आज उसी संताल परगना में वनवासियों का इसाई धर्म में परिवर्तन होने एवं बांग्लादेशी घुसपैठियों के वनवासी समाज की बहु बेटियों से शादी करने से आदिवासी समाज का अस्तित्व व पहचान खत्म हो गयी है।
पूरे गांव के गांव ईसाई धर्म में मतांतरित हो लिए हैं जिससे हमारी परम्परिक रूढ़िवादी माझी परगना व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है।
आज वहां वनवासी संथाल समाज अल्पसंख्यक हो गए हैं। कौन ईसाई है, कौन सरना धर्मवलंबी है। यह चिंता का विषय है। चम्पाई ने मतांतरण खिलाफ वनवासी समाज को चेताते हुए कहा कि यदि आज नहीं जागे तो एक दिन वनवासियों का अस्तित्व पूरी तरह से मिट जायेगा।
उन्होंने कोल्हान एवं संताल परगना में वनवासियों के अस्तित्व की लड़ाई लड़ने की बात कही। इस लड़ाई में उन्होंने साथ देने की अपील की।
धर्म बदलने वालों को वनवासी आरक्षण का लाभ नहीं मिले
चंपई सोरेन ने राजनगर की धरती से मतांतरण के खिलाफ आंदोलन का बिगुल फूंकते हुए कहा कि अब वनवासी आरक्षण का दोहरी लाभ किसी भी कीमत पर नहीं लेने दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि वनवासी समाज से दूसरे धर्म अपनाने के बाद भी हमारे आरक्षण पर डाका डाला जा रहा है।
जागो वनवासी जागो नहीं तो हमलोग एक दिन न मुखिया, न विधायक और न ही सांसद बन पाएंगे। वहीं चंपाई ने हेमंत सरकार को मतांतरण एवं बांग्लादेशी घुसपैठ पर गूंगा व बहरा कहकर लताड़ते हुए वनवासी विरोधी बताया। इससे पूर्व चम्पाई ने गमदेसाई जाहेरथान में मत्था टेका।
इसके बाद वीर सिदो कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। कार्यक्रम में बोरो पीढ़ परगना नन्दलाल टुडू, हल्दी पोखर तोरोप पारगना सुशील हांसदा, जुगसालाई तोरोप पारगना दासमत हांसदा, कुचूंग दिशोम देश परगना पिथो मार्डी, चंपाई (पुत्र सिमल सोरेन), बबलू सोरेन, जिला पचायत  अध्यक्ष सोनाराम बोदरा, उपाध्यक्ष मधुश्री महतो, जिला पंचायत  सदस्य मालती देवगम, मुखिया राजो टुडू, विष्णु मुर्मू, जयराम मुर्मू, सुराय मुर्मू, सागेन टुडू, मार्शल पूर्ति, डोबरो देवगम सहित हजारों की संख्या में वनवासी समाज के महिला पुरुष शामिल थे।

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