कोरोना हाहाकार:उत्तराखंड, 17 अप्रैल, उठी 37 अर्थियां,2757 नये केस
Uttarakhand Coronavirus Update: उत्तराखंड में एक दिन में सर्वाधिक 2757 मामले, किरेन रिजिजू भी कोरोना संक्रमित
उत्तराखंड में बदतर होते जा रहे हालात, एक दिन में सर्वाधिक 2757 मामले। कोरोना संक्रमण की रफ्तार अब डरा रही है। उत्तराखंड में नए मामलों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। प्रदेश में तीन दिन से लगातार दो हजार से ऊपर मामले आ रहे हैं। शनिवार को भी 2757 लोग संक्रमित मिले हैं।
उत्तराखंड में एक दिन में सर्वाधिक 37 मौत, कोरोना की दूसरी लहर साबित हो रही पहले से भी घातक
देहरादून 17 अप्रैल। कोरोना की दूसरी लहर पहले से भी घातक साबित हो रही है। न केवल संक्रमितों की संख्या बल्कि मौत का आंकड़ा भी अब इसकी भयावहता बयां कर रहा है। शनिवार को प्रदेश में कोरोना संक्रमित 37 मरीजों की मौत हुई।
कोरोना की दूसरी लहर पहले से भी घातक साबित हो रही है। न केवल संक्रमितों की संख्या, बल्कि मौत का आंकड़ा भी अब इसकी भयावहता बयां कर रहा है। शनिवार को प्रदेश में कोरोना संक्रमित 37 मरीजों की मौत हुई। ये पूरे कोरोनाकाल में एक दिन में हुई सर्वाधिक मौत हैं। इससे पहले 30 सितंबर और 13 अक्टूबर को यह संख्या 20 रही थी।
स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अप्रैल में अब तक 139 मरीज कोरोना के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं। उत्तराखंड में कोरोना का पहला मामला 15 मार्च को सामने आया था, जबकि पहली मौत एक मई को हुई। इसके बाद मौत का ग्राफ निरंतर बढ़ता गया। कोरोना मृत्यु दर राज्य के लिए लगातार चिंता का सबब बनी रही है। उत्तराखंड उन राज्यों में शामिल रहा जहां मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत से भी ज्यादा थी।
यहां सर्वाधिक मौत अक्टूबर माह में हुईं। पिछले कुछ वक्त से जरूर सिस्टम सुकून में था, पर अब मौत का आंकड़ा फिर डराने लगा है। जिस तरह से कोरोना बेकाबू हुआ है, उसके बाद हालात बिगड़ते जा रहे हैं। इससे हेल्थ सिस्टम पर भी दबाव है। मरीजों की बढ़ती तादाद के बीच सीमित संसाधन बड़ी चुनौती हैं। बता दें कि प्रदेश में अब तक कोरोना संक्रमित 1856 मरीजों की मौत हुई है, जबकि कोरोना मृत्यु दर 1.53 फीसद है।
कब कितनी मौत
बीते साल
15 से 31 मार्च: 00
अप्रैल:00
मई:05
जून:36
जुलाई:39
अगस्त: 189
सितंबर:342
अक्टूबर: 412
नवंबर:208
दिसंबर: 278
इस साल
जनवरी : 135
फरवरी: 48
मार्च: 25
अप्रैल 17 तक: 139
प्रदेश में तीन दिन से लगातार दो हजार से ऊपर मामले आ रहे हैं। शनिवार को भी 2757 लोग संक्रमित मिले हैं। ये एक दिन में आए अब तक की सर्वाधिक संख्या है। अप्रैल में अब तक 20,992 लोग संक्रमित हो चुके हैं। स्थिति इसलिए भी चिंताजनक है, क्योंकि मैदान ही नहीं, बल्कि पर्वतीय जनपदों में भी मामले लगातार आ रहे हैं। यही नहीं सक्रिय मामले भी बढ़कर 15 हजार के पार पहुंच गए हैं। वहींं, केंद्रीय राज्यमंत्री किरण रिजिजू में भी कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है। रिजिजू उत्तराखंड दौरे पर आए हुए थे। यहां उन्होंने अग्रिम आइटीबीपी चौकियों का निरीक्षण करने के साथ ही जवानों से मुलाकात की। वहीं, टिहरी में साहसिक खेल अकादमी का उद्घाटन किया। यहां वे कई नेताओं के संपर्क में थे।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, निजी व सरकारी लैब से कुल 52301 सैंपल की रिपोर्ट प्राप्त हुई। जिनमें 49544 सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आई है। कोरोना की सबसे बड़ी मार देहरादून जनपद पर पड़ रही है। यहां लगातार दूसरे दिन एक हजार से ऊपर मामले आए हैं। जिले में 1179 व्यक्तियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। वहीं हरिद्वार में 617, ऊधमसिंह नगर में 265 व नैनीताल में 248 मामले आए हैं।
पर्वतीय जिलों में पौड़ी को लेकर चिंता बढ़ रही है। यहां 155 लोग संक्रमित मिले हैं। इसके अलावा रुद्रप्रयाग में 79, अल्मोड़ा में 51, टिहरी गढ़वाल में 50, चंपावत में 44, चमोली में 28, बागेश्वर में 15, उत्तरकाशी में 14 व पिथौरागढ़ में 12 नए मामले मिले हैं। इधर, विभिन्न जिलों में 802 मरीज स्वस्थ भी हुए हैं। अब तक उत्तराखंड में कोरोना के 121403 मामले आए हैं, जिनमें 101659 स्वस्थ हो गए हैं। फिलवक्त प्रदेश में कोरोना के 15386 सक्रिय मामले हैं, जबकि 2502 मरीज राज्य से बाहर चले गए हैं। अभी तक कोरोना संक्रमित 1856 मरीजों की मौत भी हो चुकी है।
कोरोना को लेकर अब स्थिति विकट होती जा रही है। राज्य को महामारी से जूझते 57 सप्ताह का वक्त बीत गया है। कोरोना आंकड़ों का विश्लेषण कर रहे सोशल डवलपमेंट फॉर कम्युनिटी फाउंडेशन के अध्यक्ष अनूप नौटियाल के अनुसार, 57वें सप्ताह (11-17 अप्रैल) में कोरोना के 13924 मामले आए हैं। यह कोरोनाकाल का अब तक का सर्वाधिक साप्ताहिक आंकड़ा है। इससे पहले 27वें सप्ताह (13-19 सितंबर) में 74 मामले आए थे। यही नहीं, सक्रिय मामले भी 15 हजार के पार पहुंच गए हैं। इससे पहले 27वें सप्ताह में ही यह आंकड़ा 12465 रहा था। इस मुताबिक, प्रदेश के हालात बीते साल सितंबर से भी खराब हो चले हैं।