कोर्ट का फैसला:सिमी के स्लीपर एजेंट थे 13 में से 12 इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स
राजस्थान में सिमी का स्लीपर सेल:कोर्ट ने 7 साल पहले पकडे़ गए 13 में से 12 इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स को आतंकी माना, सभी दोषियों को आजीवन कारावास; एक छात्र बरी
आरोपित स्टूडेंट्स को 2014 में ATS और SOG ने अरेस्ट किया था, ये सभी इंडियन मुजाहिदीन के लिए काम करते थे
जयपुर 30 मार्च। जयपुर की जिला अदालत ने मंगलवार को सिमी के 13 सदस्यों में से 12 को आतंकी करार दिया और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही एक आरोपी को बरी भी कर दिया। ये सभी इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स थे और इन पर आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन के लिए काम करने का आरोप था। इन्हें 2014 में ATS और SOG ने अरेस्ट किया था। आतंकी करार दिए गए स्टूडेंट्स में 6 सीकर के, 3 जोधपुर के, एक-एक जयपुर और पाली के और एक बिहार के गया का है। जिस स्टूडेंट को बरी किया गया है, वह जोधपुर का रहने वाला है।
राजस्थान में सिमी की स्लीपर सेल से जुड़ा यह मामला 7 साल पुराना है। दिल्ली में गिरफ्तार हुए आतंकियों से मिले इनपुट के आधार पर राजस्थान में ATS और SOG की टीमों ने 2014 में जयपुर, सीकर और कुछ दूसरे जिलों से 13 संदिग्ध युवकों को गिरफ्तार किया था। इन पर आरोप था कि ये प्रतिबंधित संगठन सिमी से जुड़े हैं और राजस्थान में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए बम बनाने जैसे कामों में लगे हैं।
तब ATS ने यह भी दावा किया था कि सिमी की स्लीपर सेल को एक्टिव करने के लिए जयपुर से गिरफ्तार हुए मारुफ के रिश्तेदार उमर ने इंटरनेट के जरिए संपर्क कर इन युवकों को संगठन से जोड़ा था। इसके बाद ये युवक एक्टिव होकर आतंकी गतिविधियों में शामिल हो गए। ये किसी साजिश को अंजाम दे पाते, इससे पहले ही ATS और SOG ने स्लीपर सेल से जुड़े इन 13 युवकों को पकड़ लिया। इस मामले में पिछले सात साल से कोर्ट में ट्रायल चल रहा था। इस केस में अभियोजन पक्ष ने 178 गवाह और 506 डॉक्यूमेंट्री एविडेंस कोर्ट में पेश किए।
इन मामलों में दोषी पाए गए
ये आतंकी फर्जी दस्तावेजों से सिम खरीदने, जिहाद के नाम पर फंड जुटाने, आतंकियों को शरण देने और बम विस्फोट के लिए रेकी करने जैसे मामलों में दोषी पाए गए हैं। यह भी सामने आया है कि ये गोपालगढ़ में हुई पुलिस फायरिंग से भी बौखलाए हुए थे। ATS ने इनके पास से लैपटॉप, फोन, पेन ड्राइव, किताबें, दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक सामान बरामद किया था। दिल्ली ATS की सूचना पर राजस्थान ATS ने 28 मार्च 2014 को इस मामले में FIR दर्ज की थी।
कोर्ट ने इन्हें आतंकी करार दिया
1. मोहम्मद अम्मार यासर (पुत्र मोहम्मद फिरोज खान, उम्र 22 साल, निवासी काजी मोहल्ला शेरघाटी, गया (बिहार))
2. मोहम्मद सज्जाद (पुत्र इकबाल चौहान (32), अन्जुम स्कूल के पास, मोहल्ला कुरैशीयान, सीकर)
3. मोहम्मद आकिब (पुत्र अशफाक भाटी (22), मोहल्ला जमीदारान वार्ड 13, सीकर)
4. मोहम्मद उमर (पुत्र डॉक्टर मोहम्मद इलियास (18), जमीदारान वार्ड 2, सीकर)
5. अब्दुल वाहिद गौरी (पुत्र मोहम्मद रफीक (26), मोहल्ला कुरैशियान, वार्ड 31, सीकर)
6. मोहम्मद वकार (पुत्र अब्दुल सत्तार (22), मोहल्ला रोशनगंज, वार्ड 13, सीकर)
7. अब्दुल माजिद उर्फ अद्दास (पुत्र असरार अहमद (21), मोहल्ला जमीदारान वार्ड 12, सीकर)
8. मोहम्मद मारुफ (पुत्र फारुक इंजीनियर, डी 105, संजय नगर, झोटवाड़ा, जयपुर)
9. वकार अजहर (पुत्र मोहम्मद तस्लीम रजा, 20 पुराना चूड़ीघरों का मोहल्ला, पाली)
10. बरकत अली (पुत्र लियाकत अली (28), मकान नं 8, हाजी स्ट्रीट, शान्तिप्रिय नगर, जोधपुर)
11. मोहम्मद साकिब अंसारी (पुत्र मोहम्मद असलम (25), ए 45, बरकतुल्ला कॉलोनी, जोधपुर)
12. अशरफ अली खान (पुत्र साबिर अली (40), 653, लायकान मोहल्ला, जोधपुर)
मशरफ इकबाल (पुत्र छोटू खां (32), नई सड़क, गुलजारपुरा, जोधपुर) को बरी किया गया है।