CPCB भी महाकुंभ में गंगाजल शुद्धता का कायल

Mahakumbh CPCB Report: गंगा-यमुना के जल की गुणवत्ता में सुधार, यहां है समस्या; सीपीसीबी ने जारी की नई रिपोर्ट

सीपीसीबी की नई रिपोर्ट के अनुसार गंगा के विभिन्न स्थानों पर जल की गुणवत्ता में सुधार दर्ज किया गया है। फीकल कोलीफॉर्म का स्तर 2500 एमपीएन प्रति 100 मिलीलीटर से कम होना चाहिए लेकिन कुछ स्थानों पर यह मानक से अधिक पाया गया था पर नई रिपोर्ट में इसमें काफी सुधार हुआ है। 28 जनवरी को संगम पर फीकल कोलीफॉर्म की मात्रा 200 दर्ज की गई

गंगा-यमुना के विभिन्न स्थानों पर जल की गुणवत्ता में सुधार दर्ज किया गया

गंगा और यमुना के जल की गुणवत्ता में सुधार

गंगा में कुछ स्थानों पर फीकल कोलीफार्म उच्च

गंगा के विभिन्न स्थानों पर जल की गुणवत्ता में सुधार दर्ज किया गया

महाकुंभ नगर 23 फरवरी 2025। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की ओर से जारी की गई जल गुणवत्ता रिपोर्ट में गंगा और यमुना नदी के पानी की गुणवत्ता में सुधार देखा गया है। हालांकि, कुछ स्थानों पर फीकल कोलीफॉर्म (एफसी) की मात्रा अभी चिंता का विषय बनी हुई है।

गंगा के विभिन्न स्थानों पर जल की गुणवत्ता में सुधार

रिपोर्ट के अनुसार, गंगा के विभिन्न स्थानों पर जल की गुणवत्ता में सुधार दर्ज किया गया है। फीकल कोलीफॉर्म का स्तर 2500 एमपीएन प्रति 100 मिलीलीटर से कम होना चाहिए, लेकिन कुछ स्थानों पर यह मानक से अधिक पाया गया था, पर नई रिपोर्ट में इसमें काफी सुधार हुआ है।

28 जनवरी को संगम पर फीकल कोलीफॉर्म की मात्रा 200 दर्ज की गई, हालांकि यमुना में संगम पहुंचने से पूर्व ओल्डिब्रिज के पास यह 7900 था। संगम पर 29 जनवरी को यह 2300 पहुंच गया। अगले दिन 30 जनवरी को कोलीफॉर्म की मात्रा 2400 हो गई, जो मानक के करीब थी।

तीन फरवरी को संगम पर कोलीफॉर्म की मात्रा 1800 दर्ज की गई जबकि डीहा घाट पर यह 450 रहा। चार फरवरी को संगम पर फीकल कोलीफॉर्म की मात्रा 7900 हो गई। 12 फरवरी को संगम पर कोलीफॉर्म की मात्रा 200 दर्ज की गई। दोनों दिनों में पानी में घुलित ऑक्सीजन की मात्रा क्रमश: 2.07 और 2.36 एमजी प्रतिलीटर रही जबकि यह तीन एमजी प्रतिलीटर होनी चाहिए।

17 फरवरी को संगम पर कोलीफार्म की मात्रा 780 दर्ज

17 फरवरी को संगम पर कोलीफार्म की मात्रा 780, संगम के बाद वाराणसी की ओर डीहा घाट पर 200, यमुना में पुराने ब्रिज के पास 1700 और 450 मात्रा दर्ज की गई। यानी की 17 फरवरी तक गंगा का पानी कोलीफॉर्म की मानक मात्रा से काफी बेहतर रहा। वसंत पंचमी के दिन भी गंगाजल और यमुना का पानी दोनों काफी शुद्ध रहे।

इससे पूर्व सीपीसीबी की रिपोर्ट में 12 जनवरी को संगम पर फीकल कोलीफार्म 2000 एमपीएन/100 मिलीलीटर और डीहा घाट पर 4500 एमपीएन था। 13 जनवरी को डीहा घाट पर 33000 एमपीएन (खतरनाक रूप से उच्च) था। 14 जनवरी को संगम पर 11000 और डीहा घाट पर 17000 और यमुना (पुराना नैनी पुल) पर 33000 एमपीएन था।

कुछ स्थानों पर फीकल कोलीफॉर्म का स्तर काफी हद तक कम

20 जनवरी को यह संगम पर 49000 एमपीएन और डीहा घाट पर 7800 एमपीएन था पर बाद में इसमें सुधार भी देखने को मिला। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि कुछ स्थानों पर फीकल कोलीफॉर्म का स्तर काफी हद तक कम हो गया है।

गंगा और यमुना नदी के पानी की गुणवत्ता में सुधार

विशेषज्ञों के अनुसार, सीपीसीबी की रिपोर्ट से स्पष्ट है कि गंगा और यमुना नदी के पानी की गुणवत्ता में सुधार हुआ है, लेकिन कुछ स्थानों पर फीकल कोलीफार्म के उच्च स्तर अभी भी चिंता का विषय बना हुआ है। सरकार और प्रशासन को इसे और बेहतर करने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे ताकि यह नदियां स्वच्छ बनी रहें। फीकल कोलीफार्म के उच्च स्तर के पीछे से सीधे नदी में प्रवाह और कई क्षेत्रों में उचित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का अभाव है।

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