सीएससी सेंटर 10 हजार में बना रहा था फर्जी निवास प्रमाण पत्र

Rishikesh : फर्जी आधार कार्ड सेंटर का पर्दाफाश, यहां महज 10 हजार में बनाया जा रहा था उत्‍तराखंड का निवासी
एसटीएफ ने तीन आरोपित किए गिरफ्तार
Rishikesh ऋषिकेश में कॉमन सर्विस सेंटर में मोटी रकम लेकर नेपाली व विदेशी नागरिकों के फर्जी आधार कार्ड पैन कार्ड व अन्य दस्तावेज बनाए जा रहे थे। एसटीएफ की ओर से तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है।


देहरादून 27 दिसंबर: उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने ऋषिकेश में एक ऐसे कॉमन सर्विस सेंटर का पर्दाफाश किया है जहां पर मोटी रकम लेकर नेपाली व विदेशी नागरिकों के फर्जी आधार कार्ड पैन कार्ड व अन्य दस्तावेज बनाए जा रहे थे।

एसटीएफ की ओर से तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा जानकारी जुटाई जा रही है कि उन्होंने कितने व्यक्तियों का फर्जी आधार कार्ड बनाया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने बताया कि एसटीएफ को सूचना मिली थी कि ऋषिकेश स्थित एक जन सेवा संस्थान की ओर से मोटी धनराशि लेकर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अन्य देश व राज्य के निवासियों को उत्तराखंड का निवासी दिखाते हुए फर्जी आधार कार्ड, फर्जी वोटर आइकार्ड और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज बनाये जा रहे हैं, जोकि किसी भी व्यक्ति की ओर से राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के लिए, मोबाइल सिम खरीदने या अन्य आपराधिक गतिविधियों के लिए प्रयोग किये जा सकते हैं।

10 हजार रुपए में बन रहे थे फर्जी आधार और वोटर आइडी कार्ड

गोपनीय जांच शुरू की तो पता चला कि फर्जी आधार और अन्य आइईडी लक्ष्मण सैनी की ओर से अपने साथियों के साथ मिलकर बनाए जाते हैं, जोकि अपनी दुकान में सीएससी सेंटर चलाता है। इसके तहत कुछ दिन पूर्व एक नेपाली नागरिक दिलबहादुर को तैयार कर दस्तावेज बनाने के लिए सीएससी एपेटाइड सेन्टर एम्स रोड ऋषिकेश पर भेजा गया।

सीएससी सेंटर का मालिक लक्ष्मण कुमार सैनी 10 हजार रुपए में दिलबहादुर नेपाली नागरिक का फर्जी आधार कार्ड और फर्जी वोटर आइडी कार्ड बनाने के लिए तैयार हो गया। 26 दिसम्बर को आरोपित ने दिलबहादुर का पौड़ी के किसी गांव का वोटर कार्ड बना दिया गया और आधार कार्ड के लिए फॉर्म भर दिया गया।
एसटीएफ ने दबिश देकर आधार सेंटर से लक्ष्मण सिंह सैनी निवासी मीरानगर मार्ग गली न0. 11 ऋषिकेश के साथ दो अन्य व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया। सेंटर से 68 आधार कार्ड, 28 वोटर आइकार्ड (जिनमें 03 नेपाली नागरिक के भारतीय वोटर आइडी कार्ड हैं) और 17 पैन कार्ड व आयुष्मान कार्ड बरामद हुए

STF Raided Common Service Center Near AIIMS In Rishikesh Aadhaar And Ayushman Cards Made For Foreigners
Dehradun: एसटीएफ ने सीएससी में मारा छापा, विदेशियों के बनाए जा रहे थे आधार और आयुष्मान कार्ड,

तीन गिरफ्तार

एम्स के पास संचालित एक सीएससी के बारे में यह सूचना एसटीएफ को मिली कि वैध दस्तावेज न होने पर भी यहां आधार कार्ड बनवाए जा रहा है। सीएससी की गोपनीय जांच के बाद पता चला कि यहां पैन कार्ड, आयुष्मान कार्ड, वोटर आईडी आदि सभी दस्तावेज बनाए जा रहे हैं।
ऋषिकेश एम्स के पास एक कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) में फर्जी दस्तावेज लगाकर विदेशियों के असली आधार, पैन से लेकर आयुष्मान कार्ड तक बनाए जा रहे थे। एसटीएफ ने छापा मारकर सीएससी संचालक समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। तीनों को एसटीएफ ने पूछताछ के बाद न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है।

विशेष कार्य बल(एसटीएफ) वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एस एस पी) आयुष अग्रवाल ने बताया कि एम्स के पास संचालित एक सीएससी के बारे में सूचना मिली थी। सूचना थी कि किसी के पास कोई वैध दस्तावेज हो या न हो उसका आधार कार्ड बनवाया जा रहा है। सीएससी की गोपनीय जांच के बाद पता चला कि यहां पैन कार्ड, आयुष्मान कार्ड, वोटर आईडी आदि सभी दस्तावेज बनाए जा रहे हैं।

इसका कहीं भी देश विरोधी गतिविधियों में इस्तेमाल हो सकता है। इस पर वहां एक नेपाली मूल के व्यक्ति को भेजा गया। उससे सेंटर संचालक लक्ष्मण सैनी ने कहा कि 10 हजार रुपये दे दो सब कुछ बन जाएगा। इसके लिए सैनी ने व्यक्ति से तीन हजार रुपये एडवांस ले लिए और कुछ दिन बाद आने को कहा।

लक्ष्मण सैनी ने उसका किसी दूसरे के नाम पर वोटर आईडी कार्ड बनवा दिया और आधार के लिए आवेदन कर दिया। सोमवार शाम को एसटीएफ की टीम भी व्यक्ति के साथ सीएससी पर पहुंच गई। वहां से लक्ष्मण सैनी उसके भाई बाबू सैनी निवासी वीरभद्र और भारत सिंह निवासी नेपाल को हिरासत में ले लिया गया। तलाशी में सीएससी से बहुत से कार्ड और फर्जी दस्तावेज बरामद हुए हैं।

छापे में मिला सामान

एसटीएफ ने सीएससी से 640 ब्लैंक प्लास्टिक कार्ड, 200 लैमिनेशन कवर (कार्ड), 28 वोटर आईडी, 68 आधार कार्ड, 17 पैनकार्ड, 07 आयुष्मान कार्ड, एक स्टैम्प, एक स्टैम्प पैड और 12,500 रुपये नकद के साथ इलेक्ट्रॉनिक सामान बरामद किया है।

एक साल में सैकड़ों के बनवाए कार्ड

पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि वे यह काम एक साल से कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने सैकड़ों लोगों के आधार, पैन और अन्य दस्तावेज बनवाए हैं। इनमें कुछ नेपाली और बांग्लादेशियों के शामिल का भी शक है। हालांकि, इनकी वास्तविक संख्या पता नहीं चल पाई है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि लोगों के बारे में पता करने के लिए आरोपियों की कॉल डिटेल निकाली जा रही है। सीएससी में रखे रजिस्टर आदि भी कब्जे में लिए गए हैं।

कहां -कहां हो सकता है गलत इस्तेमाल

1-किसी भी अपराध में इनका इस्तेमाल किया जा सकता है।
आधार आदि से सिम कार्ड खरीदे जा सकते हैं।
2-बैंक खाते खुलवाकर ठगी की जा सकती है।
3-कई तरह के फर्जीवाड़े में इन आधार कार्ड का इस्तेमाल किया जा सकता है।

दस हजार रुपये में बनवाते थे फर्जी दस्तावेज से असली कार्ड

कोई भी व्यक्ति केवल 10 हजार रुपये देकर इनसे आधार, पैन, आयुष्मान आदि कार्ड बनवा सकता था। इसके लिए वह व्यक्ति विशेष का पहले फर्जी नाम और पते से फर्जी वोटर पहचान पत्र बनवाते थे। इस पहचान पत्र से आधार, पैन या अन्य कार्ड के लिए आवेदन किया जाता था। आधार कार्ड में केवल फिंगर प्रिंट्स आदि स्कैन किए जाते हैं। इसके अलावा सत्यापन की कोई व्यवस्था नहीं है। इस तरह बिना किसी असली दस्तावेज के उनका आधार कार्ड जैसा महत्वपूर्ण दस्तावेज दूसरे नाम से बनवा दिया जाता था।

तीन गिरफ्तार

1-लक्ष्मण सिंह सैनी (निवासी मीरानगर मार्ग गली न0. 11 ऋषिकेश, वीरभद्र, देहरादून)
2-बाबू सैनी (निवासी मीरानगर मार्ग गली न0. 11 ऋषिकेश, वीरभद्र, देहरादून)
3-भरत सिंह उर्फ भरदे दमई (निवासी गेहतमा जिला रूकुम दाबिश ऑचल राफल, नेपाल, हाल निवासी धारीदेवी कलियासौढ़)

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