गज़वा ए हिन्द की पकडधकड:नया नहीं है उत्तरांखड में आतंकी कनेक्शन, कुख्यात अपराधियों का भी ठिकाना
Uttarakhand: मदरसे में नफरत का जहर घोल रहा था अलीनूर, गजवा-ए-हिंद की फौज खड़ी करने की थी साजिश
हरिद्वार 12 अक्टूबर। उत्तर प्रदेश एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) की ओर से सलेमपुर से बांग्लादेशी समेत तीन आतंकियों की गिरफ्तारी से हरिद्वार फिर सुर्खियों में है। बांग्लादेशी आतंकी अलीनूर सलेमपुर में नाम बदलकर रहता था। सलेमपुर में एक मदरसे में बच्चों को पढ़ाने की आड़ में उनके दिमाग में नफरत का जहर घोल रहा था।
रुड़की के मुदस्सिर और देवबंद के कामिल के साथ ज्वालापुर व सेलमपुर में मुस्लिम युवाओं को बहकाकर गजवा-ए-हिंद की फौज खड़ी कर रहा था। यूपी एटीएस ने तीनों आतंकियों को दबोचकर उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया है। एनआईए ने अगस्त में भोपाल से तीन आतंकियों को गिरफ्तार किया था। उनसे पूछताछ के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में आतंकियों के सक्रिय होने की जानकारी मिली थी।
यूपी एटीएस इसमें छानबीन कर रही थी। हरिद्वार के सलेमपुर में बांग्लादेशी आतंकी अलीनूर, रुड़की के उसके साथी मुदस्सिर और देवबंद के कामिल की पुख्ता जानकारी मिलने पर 30 सितंबर की रात 8:30 बजे एटीएस ने सुरक्षा एजेंसियों के साथ छापा मारा था। टीम ने दोपहर ढाई बजे से आतंकियों को दबोचने के लिए जाल बिछाया।
अलीनूर, मुदस्सिर और कामिल को सिडकुल के दादपुर गोविंदपुरी से उठाया था जबकि टीम ने ज्वालापुर के कपड़े की दुकान पर भी छापा मारा। वहां से दुकान संचालक अब्दुल रहमान को गिरफ्तार किया गया। हालांकि, दुकान संचालक को तीन से चार दिन बाद छोड़ दिया गया। अलीनूर मूल रूप से गोपालगंज ढांका बांग्लादेश का है। उसका संबंध आतंकी संगठन क्यूआईएस और जेएमबी से है। अलीनूर मुस्लिम युवाओं को गजवा-ए-हिंद की विचारधारा से जोड़ने का काम करता है।
सूत्रों के मुताबिक अलीनूर ज्वालापुर में अब्दुल रहमान की कपड़े की दुकान पर अक्सर आकर बैठता था। अलीनूर हरिद्वार के सलेमपुर में जहांगीर मंडल के नाम से किराये पर रहता था। रुड़की के नगला इमरती का मुदस्सिर ही अलीनूर को हरिद्वार लेकर आया था। दोनों की मुलाकात कुछ समय पहले कोलकाता में कामिल ने कराई थी।
सूत्रों के मुताबिक अलीनूर सलेमपुर में मदरसे में बच्चों को भी पढ़ाता था। बच्चों के दिमाग में वह नफरत के बीज बो रहा था। अलीनूर असम के ग्वालपाड़ा में भी मदरसे के बच्चों को पढ़ा चुका है। हालांकि, स्थानीय पुलिस और एलआईयू आतंकी अलीनूर व मुदस्सिर के बारे में कुछ भी जानकारी होने से इनकार कर रही है। एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह के मुताबिक यूपी एटीएस के छापे और आतंकी पकड़े जाने की कोई जानकारी नहीं है।
सलेमपुर और ज्वालापुर मुस्लिम बाहुल्य इलाका है। अधिकतर युवा बेरोजगार और अशिक्षित हैं। अलीनूर, कामिल और मुदस्सिर ऐसे युवाओं को अपने जाल में फंसाकर उनका ब्रेनवॉश करते थे। ज्वालापुर और सलेमपुर में गजवा-ए-हिंद की फौज तैयार करने के लिए मुस्लिम युवाओं को देश के खिलाफ भड़काते थे। उनके साथ नुक्कड़ बैठकें करते थे।
हरिद्वार से गजवा-ए-हिंद के 2 आतंकी हुए गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश एटीएस (ATS ) ने उत्तराखंड ( STF) की मदद से हरिद्वार से गजवा-ए-हिंद के दो आतंकी गिरफ्तार किये गये हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार आतंकवादी त्योहारी सीजन में कोई बड़ी आतंकी हमले के फिराक में थे। एटीएस गिरफ्तार आतंकियों को गुप्त स्थान पर पूछताछ को ले गई है।
उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार ने हरिद्वार में आतंकवादियों की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए कि कंफर्म इनपुट पर उत्तराखंड के हरिद्वार में छापे मारने को उत्तराखंड पुलिस की एसटीएफ ने उत्तर प्रदेश एटीएस को सहयोग किया था। उन्होंने बताया कि आतंकवादियों की गिरफ्तारी के बाद उत्तराखंड पुलिस भी हाई अलर्ट मोड पर आ गई है।
संदिग्धों की खोजबीन को सर्च ऑपरेशन चलेगा। डीजीपी कुमार ने बताया कि प्रदेश के 13 जिलों के पुलिस कप्तान को विशेषतौर से सतर्क रहने के साथ ही सर्च अभियान चलाने को भी कहा गया है। साथ ही, किसी भी संदिग्ध व्यक्ति की गिरफ्तारी को इंटेलीजेंस एजेंसी भी अलर्ट की गई है।
मालूम हो कि यूपी एटीएस ने कुख्यात आतंकी संगठन अलकायदा और उसके सहयोगी बांग्लादेशी संगठन जमात-उल-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (जेएमबी) के आठ आतंकियों को गिरफ्तार किया है। इन सभी आतंकियों को पिछले तीन दिन चले अभियान में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के विभिन्न शहराें,सहारनपुर,शामली और हरिद्वार से दबोचा गया।
दोनों संगठन गजवा-ए-हिन्द के उद्देश्य को पूरा करने के लिए नेटवर्क का विस्तार कर रहे थे। अपनी सहयोगी एजेंसियों एवं स्थानीय पुलिस के साथ एटीएस ने यह अभियान चलाया। अभियान में सहारनपुर के गागलखेड़ी थाना क्षेत्र सैय्यद मजरा गांव निवासी लुकमान, मनोहरपुर निवासी कारी मुख्तार, देवबंद थाना क्षेत्र स्थित जाहीरपुर गांव निवासी कामिल व गागलखेड़ी थाना क्षेत्र स्थित कैलाशपुर निवासी मौहम्मद अलीम, शामली के झिंझाना थाना के नंगला नाई निवासी शहजाद को गिरफ्तार किया।
इनके अलावा, गिरिडीह झारखंड निवासी नवाजिश अंसारी, उत्तराखंड के हरिद्वार के नगल इमरती निवासी मुदस्सिर और बांग्लादेशी नागरिक अलीनूर को अलग-अगल स्थानों से गिरफ्तार किया गया। अलीनूर, मुदस्सिर व कामिल को रुपैडीहा (नेपाल) से सटी भारतीय सीमा में पकड़ा गया, जबकि नवाजिश अंसारी को सहारनपुर से गिरफ्तार किया गया। बांग्लादेशी अलीनूर मदरसे में शिक्षक रहा है।
‘अल्लाह जाने क्या हुआ…संदिग्ध आतंकी मुदस्सिर के घर पसरा सन्नाटा,पिता के छलके आंसू
संदिग्ध आतंकी मुदस्सिर का घर
यूपी एटीएस ने जिस संदिग्ध आतंकी मुदस्सिर को गिरफ्तार किया है। उसके परिजनों का कहना है कि उन्हें अब तक विश्वास नहीं हो रहा है कि बेटे पर इतने गंभीर आरोप भी लग सकते हैं। वह नहीं जानते क्या हुआ है और आगे जो भी होगा वो कुदरत को मंजूर है। उन्हें तो सिर्फ यह पता था कि मुदस्सिर ज्वालापुर में रहकर बाइक से कपड़ों की फेरी लगाता था।
लखनऊ एटीएस ने अभियान चलाकर आतंकी संगठन अलकायदा इंडियन सब कांटिनेंट (एक्यूआईएस) और सहयोगी जमात-उल-मुजाहिदीन बंग्लादेश (जेएमबी) के आठ संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया है। इनमें से उत्तराखंड के दो हैं। एटीएस ने उत्तराखंड के ज्वालापुर से रुड़की के नगला इमरती निवासी मुदस्सिर और ज्वालापुर के अलीनूर को गिरफ्तार किया है।
परिवार जता रहे हैं अनभिज्ञता
मुदस्सिर की गिरफ्तारी बाद नगला इमरती में घर पर सन्नाटा पसरा है। पिता अब्दुल रहमान और बड़ा भाई मुजम्मिल ही घर के बाहर दिख रहे हैं। परिवार के अन्य सदस्य घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं। मुदस्सिर के बड़े भाई ने बताया कि वह कुछ माह पूर्व सहारनपुर में बाइक पर कपड़ों की फेरी करता था।
करीब डेढ़ माह पूर्व वह ज्वालापुर में आकर कपड़ों की फेरी करने लगा। वह सप्ताह में एक या दो बार ही घर पर आता था। मुदस्सिर की गिरफ्तारी की जानकारी उन्हें 29 सितंबर को मिली। इसके बाद एटीएस ने उन्हें पूछताछ को लखनऊ बुलाया था। वह लखनऊ गए थे। वहां पर मुदस्सिर के बारे में पूछताछ हुई।
पूछताछ के बाद वह वापस घर आ गए थे। वहीं, बातचीत में पिता अब्दुल रहमान ने बताया कि हम तो सीधे साधे लोग हैं। ऐसा कुछ हुआ जो समझ नहीं आ रहा। हमें अहसास नहीं था कि बेटे पर आतंकी होने के आरोप लगेंगे। अल्ला जाने क्या हुआ है। वह तो सहारनपुर में कपड़े बेचता था। बांग्लादेश से उनके परिवार का दूर-दूर तक कोई ताल्लुक नहीं है।
संदिग्ध आतंकी मुदस्सर की परिवार और पड़ोसियों को गिरफ्तारी की जानकारी तो है लेकिन उसके घर में मौजूद तीन बच्चों को इसकी कोई जानकारी नहीं है। सोमवार को मीडिया में ख़बरों के बाद रिश्तेदारों को इसकी जानकारी मिली है। रिश्तेदार फोन पर ही परिजनों से जानकारी ले रहे हैं।
मुदस्सिर के बड़े भाई मुजम्मिल ने बताया कि वह कभी देश से बाहर नहीं गया। वह कैसे इनके संपर्क में आया, इसकी कोई जानकारी नहीं है। वह गांव में भी ज्यादा नहीं ठहरता। काम के सिलसिले में ज्यादातर सहारनपुर और ज्वालापुर ही रहता था। करीब चार-पांच साल पहले मक्का उमरा करने जरूर गया था।
नगला इमरती के ग्रामीणों ने बताया कि मुदस्सिर का परिवार खेतीबाड़ी करता है। उन्हें विश्वास नहीं हो रहा कि मुदस्सिर पर आतंकी संगठन से जुड़ाव का आरोप है। गांव में मुदस्सिर की गिरफ्तारी से लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं हैं।
संदिग्ध आतंकी नगला इमरती निवासी मुदस्सिर की गिरफ्तारी से स्थानीय पुलिस और खुफिया विभाग अलर्ट हुआ। पुलिस और खुफिया विभाग मुदस्सिर के परिजनों,रिश्तेदारों और उसके संपर्कों की कुंडली खंगाल रहे हैं। सहारनपुर और ज्वालापुर में भी मुदस्सिर के संपर्कों को चिह्नित कर रही है।
दो आतंकियों की गिरफ्तारी से हड़कंप, उत्तराखंड से पहले भी पकड़े जा चुके हैं कई आतंकी
उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) द्वारा हरिद्वार से दो आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद पूरे प्रदेश में हड़कंप है। यह पहली बार नहीं जब उत्तराखंड का आतंकी कनेक्शन सामने आया है। यहां से पहले भी आतंकी पकड़े गए हैं।
उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) की हरिद्वार से दो आतंकियों की गिरफ्तारी बाद पूरे प्रदेश में हड़कंप है। पुलिस और इंटेलिजेंस एजेंसी सतर्क हो गई। अब इन आतंकवादियों से जुड़े लोगों की जांच हो रही है।
उत्तर प्रदेश एटीएस ने बीते दिनों अलकायदा के इंडियन सब कांटिनेंट माड्यूल अलकायदा बर्र-ए-सगीर और उसके सहयोगी संगठन जमात-उल-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (जेएमबी) के आठ आतंकी गिरफ्तार किये थे। हरिद्वार से बांग्लादेश के अली नूर और रुड़की निवासी मुदस्सिर भी पकड़े थे।
हरिद्वार अर्द्धकुंभ में पकड़े गए थे चार आतंकी
रुड़की के नगला इमरती निवासी युवक के आतंकी गतिविधियों में शामिल होने से स्थानीय लोग एक बार फिर दहशत में हैं। पहले भी नगला इमरती से आतंकी गतिविधियों में संलिप्त रहे चार आतंकी पकड़े गए थे। मुदस्सिर के पकड़े जाने के बाद स्थानीय लोग फिर से भयभीत हैं। वर्ष 2016 में नगला इमरती से चार आतंकी पकड़े गए थे। हरिद्वार अर्द्धकुंभ में इन आतंकियों का ट्रेन उड़ाने का षड्यंत्र था।
चारों आरोपित कुंभ मे श्रद्धालुओं की ट्रेन को उड़ाने को माचिस की तीलियों से 65 किलोग्राम बारूद एकत्रित कर लिया था।देहरादून से भी पकड़े जा चुके आतंकी
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से भी आतंकी पकड़े जा चुके हैं।
दिसंबर 2010 में आइएमए परेड से पहले हिजबुल के दो आतंकी पकड़े गए थे। वर्ष 2008 में भी देहरादून से एक आतंकी पकड़ा गया था जो यहां रहकर एक इंस्टीट्यूट से पढ़ाई करता था। इस वर्ष बीती 13 अगस्त 2022 को जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) के आतंकी नदीम को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से यूपी एटीएस (UP ATS) ने गिरफ्तार किया था।
नदीम 2019 में देहरादून के सेलाकुई क्षेत्र में था। उसके बड़े भाई की सेलाकुई में परचून की दुकान थी।
नदीम 15 अगस्त को फिदायीन हमले की फिराक में था।
नदीम कई आतंकी संगठनों से वाट्सएप और टेलीग्राम आदि इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म से आतंकी ट्रेनिंग ले रहा था।आतंकी कनेक्शन को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहता है पंतनगर
पंतनगर का अब तक तीन बार का आतंकी कनेक्शन सामने आया हैं। पहली बार वर्ष 2008 में पंतनगर से कैमरी रामपुर (यूपी) निवासी एक लाख रुपये का इनामी आतंकी गिरफ्तार हुआ था। शरण देने के आरोप में नफीस खान भी हिरासत में लिया गया था।
वर्ष 2020 में बरेली से आतंकी इनामुल हक पंतनगर से गिरफ्तार हुआ था। वह पंतनगर झा कालोनी में ही जन्मा था। 2015 में उसने झा कालोनी मंदिर में मूर्तियां खंडित की थी।
तीसरी बार एसटीएफ व पुलिस ने पठानकोट बम ब्लास्ट के आरोपियों को शरण देने में पंतनगर से चार लोगों को मय पिस्टल व कार के गिरफ्तार किया था।दिल्ली पुलिस ने ऊधमसिंह नगर में 2001-02 में किराए पर रहते तीन आतंकियों को ढेर किया था। इससे पहले 90 के दशक में रुद्रपुर शहर में खालिस्तानी आतंकियों ने अलग-अलग स्थानों पर तीन बम विस्फोट किए थे।